Mystery Solve: 74 साल बाद ऐसे सुलझाई गई गुमनाम लाश की गुत्थी, सात दशक बाद मिली पहचान

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Mystery Solve: 74 साल बाद ऐसे सुलझाई गई गुमनाम लाश की गुत्थी, सात दशक बाद मिली पहचान
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Mysterious Man: जिस एक लाश ने पूरी दुनिया (World) को सस्पेंस (Suspence) में डाल रखा था। जिस एक लाश (Deadbody) को पिछले कई दशकों से असली शिनाख्त (Identification) का इंतजार था, जिस लाश ने दुनिया के मौजूदा साइंस (Science) को चुनौती दे रखी थी और जो लाश दुनिया के लिए एक पहेली बनी हुई थी, आखिरकार वो पहेली सुलझाने का दावा सामने आया है।

साल 1948 को ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर के समुद्र तट पर एक लाश मिली थी। उस लाश के बदन पर अच्छे साफ सुथरे कपड़े थे, मगर उसकी पहचान नदारद थी। 1 दिसंबर को बरामद हुई वो लाश पिछले 74 सालों से अपनी पहचान का इंतज़ार कर रही थी। इन बीते सात दशकों में उसे न जाने किस किस पहचान से पुकारा गया। कभी उसे रूसी जासूस बताया गया तो कभी किसी ने उसे दीवाना बता दिया, कोई स्मग्लर कहकर उसे धिक्कारता रहा तो किसी ने उसे बैले डांसर जैसा उम्दा कलाकार तक बताया...लेकिन कोई भी उसकी सही पहचान को नहीं पहचान सका।

ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश के जांचकर्ताओं और साइंस के माहिर जानकारों ने सोमर्टन मैन के नाम से एक ऐसी पहचान दी, जिस पहचान की बदौलत वो लाश दुनिया भर की जांच एजेंसियों की फाइलों में जिंदा बनी रही और अपनी शिनाख्त के लिए एक देश से दूसरे देश भटकती रही...लेकिन आखिरकार उस लाश की पहचान का सफर अब खत्म होने का दावा किया है अमेरिका की एक शोधकर्ता ने।

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World Crime News: उस अमेरिकी शोधकर्ता के दावों पर यकीन किया जाए तो सोमर्टन मैन के नाम से पहचान पा चुकी उस लाश का असली नाम चार्ल्स वेब है। अमेरिकी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक DNA के नए अध्ययन से पता चला है कि सोमर्टन मैन असल में मेलबर्न में जन्मा एक इंजीनियर था जो अप्रैल 1947 को अचानक मेलबर्न से लापता हो गया था।

सात दशक पुराने इस क़िस्से की शुरूआत हुई थी 1 दिसंबर 1948 की सुबह। जब समंदर के किनारे टहलने वाले लोगों को बीच के दलदली हिस्से में एक लाश पड़ी मिली। लोगों ने अंदाजा लगाया जिस शख्स की वो लाश है उसकी उम्र 40 से 50 के दरम्यानी है। उसका कद क़रीब 5 फुट 11 इंच के आस पास का था। उस लाश के बदन पर कोट पैंट और टाई भी थी। उसकी आंखें ग्रे-नीली थी जबकि उसके बाल अदरकी भूरे थे।

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लाश की तलाशी में जेब से ट्रेन और बस के टिकट के अलावा चुइंगम, माजिस, दो कंघे और एक सिगरेट का पैकेट बरामद हुआ था। CNN की रिपोर्ट पर यकीन किया जाए तो जिस वक़्त लाश मिली थी उसके कॉलर पर एक आधी जली हुई सिगरेट भी पड़ी हुई थी। लेकिन इन सबसे अलग उसकी जेब से एक पर्ची भी बरामद हुई थी जिस पर एक फारसी कविता के आखिरी शब्दों के साथ पास से मिली एक किताब में एक युद्ध में इस्तेमाल होने वाले कोडवर्ड लिखे हुए मिले थे।

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इन तमाम चीजों की शहादत ने उस शख्स को एक जासूस मानने को मजबूर कर दिया था। और चूंकि उसकी आंखें और बाल रूसी लोगों जैसे मिलते थे लिहाजा उसे रूसी जासूस मान लिया गया था। उस शख्स के जासूस मानने के पीछे वाली तमाम अटकलों के पीछे उसके पास से मिली पर्ची पर लिखे फारसी के लिखे वो शब्द भी थे। उसकी पर्ची में लिखा मिला था ‘’तमम शुद’’ जिसका अंग्रेजी में अर्थ होता है ‘’यह समाप्त हो गया’’।

Australia Mysterious Man: ऑस्ट्रेलिया में जांच कर्ताओं ने जब उस लाश की शिनाख्त करनी चाही तो वो नाकामयाब रहे। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों को उसकी उंगलियों के निशान को पूरी दुनिया में भेजना पड़ा। मगर ये कवायद भी नाकाफी साबित हुई।

दावा किया जा रहा है कि एडिलेड यूनिवर्सिटी के डेरेक एबॉट ने उस गुमनाम लाश को सही पहचान दिलाई है। एबॉट ने कहा है कि वो लाश कार्ल चार्ल्स वेब की थी। और एबॉट की रिसर्च के मुताबिक कार्ल चार्ल्स वेब 1905 में मेलबर्न में पैदा हुए थे और वो एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। असल में डेरेक एबॉट उस सोमर्टन मैन के बालों की डीएनए रिपोर्ट लेकर अमेरिकी फॉरेंसिक एक्सपर्ट कोलीन फिट्जपैट्रिक के पास पहुँच गए थे। फिट्जपैट्रिक के बारे में दुनिया भर में ये बात मशहूर थी कि वो इस तरह की गुत्थियों को सुलझाने में माहिर हैं।

एबॉट का दावा है कि कार्ल वेब की पहचान को पुख्ता करने के लिए उन्होंने उसके कई रिश्तेदारों को ट्रैक किया। एबॉट की रिसर्च कहती है कि कार्ल वेब अपने 6 भाई बहनों में सबसे छोटा था। जबकि उसकी शादी डोरोथी रॉबर्ट्सन से शादी की थी, जिनका दूसरा नाम डॉफ वेब था।

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