हिजाब विवाद: उडुपी जिले में धारा 144 लागू, जानिए, क्या है CRPC की धारा 144, कब लागू की जाती है?
WHAT IS SECTION 144 IN HINDI; जानिए, क्या है CRPC की धारा 144, कब लागू की जाती है? जानिये धारा-144 जुड़े सरे क़ानूनी दावपेच, Read more crime news in Hindi, crime story and webstories on CrimeTak.in
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कर्नाटक में हिजाब विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच खबर है कि इस विवाद को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर उडुपी जिले में 14 फरवरी को सुबह 6 बजे से 19 फरवरी की शाम 6 बजे तक सीआरपीसी की धारा 144 ((Section 144 CrPc) लागू कर दी गई है. दरअसल, सोमवार से स्कूल खुलने के साथ ही इस कदम को एहतियात के तौर पर देखा जा रहा है. राज्य सरकार ने हिजाब-भगवा शॉल विवाद के मद्देनजर स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की थी.
धारा 144 क्या है?, क्यों और कब इसे इस्तेमाल करती है पुलिस (Section 144 in Hindi)
दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) के तहत आने वाली धारा-144 समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई जाती है. इस धारा को लागू करने के लिए जिलाधिकारी यानी जिलाधिकारी (District Magistrate) अधिसूचना जारी करते हैं. जहां कहीं भी धारा 144 (Section 144) लागू होती है, वहां चार या अधिक लोग एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते हैं. इस धारा के लागू होने के बाद हथियारों को उस जगह ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है.
धारा 144 कब लागू होती है? (When section 144 imposed?)
दंड प्रक्रिया संहिता, (Code of Criminal Procedure, 1973, CRPC) 1973 के तहत आने वाली धारा 144, शांति और तनाव मुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए लागू की जाती है. यह धारा दंगे, लूटपाट, हिंसा, मारपीट को रोकने के लिए लागू की जाती है. जहां कहीं भी किसी शहर में स्थिति बिगड़ने की आशंका हो, जिससे आम नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने की आशंका हो, तो वहां भी धारा-144 लगा दी जाती है.
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क्या है सजा का प्रावधान (Section 144 Punishment)
धारा 144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. उस व्यक्ति को धारा-107 या धारा-151 के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है. जो कोई भी इस धारा का उल्लंघन करता है या उसका पालन नहीं करता है उसे एक वर्ष के कारावास की सजा हो सकती है. हालांकि यह जमानती अपराध है, इसमें जमानत दी जाती है.
क्या है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (What is CRPC?)
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के कार्यान्वयन के लिए मुख्य कानून है. इसे वर्ष 1973 में पारित किया गया था. इसे 1 अप्रैल 1974 को देश में लागू किया गया था. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. जब कोई अपराध किया जाता है, तो पुलिस अपराध की जांच में हमेशा दो प्रक्रियाओं का पालन करती है। एक प्रक्रिया पीड़ित के संबंध में और दूसरी आरोपी के संबंध में होती है. इन प्रक्रियाओं का विवरण सीआरपीसी में दिया गया है.
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क्या धारा 144 का मतलब कर्फ्यू होता है?
सेक्शन 144 और कर्फ्यू दोनों में काफी अंतर हैं, दोनों को एक समान नहीं माना जा सकता।
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सेक्शन 144 के विपरित कर्फ्यू के अंतर्गत लोगों एक निश्चीत समय के लिए घर के अंदर रहने का आदेश दिया जाता है। कर्फ्यू के समय की अवधि पर काफी ध्यान दिया जाता है। हालांकि परिस्थितियों के अनुसार कर्फ्यू की अवधि को बढ़ा या घटाया भी जा सकता हैं।
अगर आप कर्फ्यू के दौरान बाहर जाना चाहते हैं, तो आपको अपने क्षेत्र की स्थानीय पुलिस की मंजूरी लेनी होगी।
कर्फ्यू के दौरान जिलाधिकारी द्वारा सिर्फ महत्वपूर्ण सेवाओं को ही बहाल किया जाता है। कर्फ्यू के समय ट्रैफिक की आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी रहती है।
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