सरकारी ऑफिस में मांग रहे थे रिश्वत, इस महिला ने अपने बाल ही मुड़वाकर दे दिए, फिल्म 'लगे रहो मुन्नाभाई' की तरह गांधीगिरी दिखाई

ADVERTISEMENT

MP Shajapur gandhigiri : महिला ANM के GPF से पैसे निकलवाने के एवज में मांगी जा रही थी रिश्वत, बाल मुड़वाकर दिए तो 4 महीने के काम को 4 दिन में करने का दावा.

social share
google news

मनोज पुरोहित की रिपोर्ट

MP News : रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ गजब की गांधीगिरी. आपने संजय दत्त की फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई का ये सीन जरूर देखा होगा. जिसमें रिटायर्ड टीचर की पेंशन को शुरू करने के लिए सरकारी कर्मचारी 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगता है. वो नहीं दे पाते हैं तो कई महीने से उनकी पेँशन की फाइल पर साइन ही नहीं करते हैं. आखिर में परेशान होकर वो गांधीगिरी समझने के लिए संजय दत्त यानी मुरली को फोन करते हैं. इसके बाद उन्हें एक आइडिया मिलता है. फिर वो उस सरकारी दफ्तर में भीड़ के बीच ही रिश्वत देने लगते हैं. पहले अपना बटुआ देते हैं. उसमें 1200 रुपये होते हैं. फिर अपना चश्मा, कपड़े, फोन यहां तक की पैंट भी उतारकर उसकी कीमत लगाते हुए उस रिश्वतखोर कर्मचारी को दे देते हैं. इसे देख वो सरकारी कर्मचारी शर्म के चलते उनकी रुकी हुई फाइल पर तुरंत साइन करके पेंशन का प्रॉसेस शुरू करता है.

फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई का वो सीन जिसमें रिटायर्ड टीचर ने रिश्वत के बदले दिखाई थी गांधीगिरी

अब बात करते हैं फिल्मी कहानी से हटकर असली जिंदगी की एक असल कहानी की. ये मामला है मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की. यहां एक नर्स (ANM) अपने GPF यानी सामान्य भविष्य निधि से पैसे निकलवाने के लिए 4 महीने से ऑफिस के चक्कर काट रहीं थीं. सिविल सर्जन के ऑफिस के कर्मचारी को इनकी फाइल को आगे बढ़ाना था. जब महिला नर्स उस कर्मचारी के पास जातीं थीं तब उनसे कहा जाता था कि दीदी, अगर आप कुछ लेती देती हों तो मैं और सर मिलकर तुरंत आपका पैसा 3-4 दिन में निकलवा देंगे. लेकिन आप हैं कि...लेनदेन के बारे में सोचती ही नहीं हैं... अब कई महीने बीत जाने के बाद आखिरकार परेशान होकर उन्होंने गाँधीगिरी अपनाई. उन्होंने अपने सिर के बाल मुड़वा लिए और उन्हीं बालों को उस ऑफिस में दान दे दिया जहां उनसे रिश्वत मांगी जा रही थी.

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

पीड़ित महिला ANM ने अपने बाल हटवाए

क्या है रिश्वतखोरी का ये मामला

गांधीगिरी दिखाने वाली महिला ANM का नाम कृष्णा विश्वकर्मा है. वो शाजापुर जिला मुख्यालय में बतौर नर्स तैनात हैं. इन्हें अपनी बीमारी का इलाज कराना है. उसके लिए काफी खर्च होना है. इसलिए उन्होंने अपने जीपीएफ से पैसे निकलवाने के लिए 4 महीने पहले ही सिविल सर्जन ऑफिस में आवेदन किया था. लेकिन इनकी फाइल में कोई कमी निकालकर लगातार उन्हें ऑफिस के चक्कर कटवाए जा रहे थे. नर्स ने बताया कि वो जब सिविल सर्जन ऑफिस में तैनात एक कर्मचारी के पास अपने फंड को रिलीज करने की जानकारी लेने जाती हैं तो वो कहते हैं कि आप कुछ लेती देती नहीं हों. लेकिन इन्होंने खुद के पैस निकलवाने के लिए ही रिश्वत देने से इनकार कर दिया था.

 

ADVERTISEMENT

अब गांधीगिरी के बाद 4 दिन में पैसे मिलने का दावा

अब महिला नर्स ने जब गांधीगिरी दिखाई तब अब विभाग की तरफ से कहा जा रहा है कि 3 से 4 दिन में पैसे मिल जाएंगे. असल में अब सिविल सर्जन विभाग की तरफ से कहा गया है कि उनके जीपीएफ का अकाउंट मैच नहीं हो पा रहा था. इसलिए उनके अकाउंट में बैलेंस नहीं दिख रहा था. इसी के चलते ये देरी हुई. लेकिन अब उनके प्रॉसेस को शुरू किया गया है जिससे उनका अकाउंट सही हो जाएगा. जिसके बाद उनका पैसा ट्रांसफर हो जाएगा.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    यह भी देखे...

    ऐप खोलें ➜