Moose Wala Murder: मूसेवाला ने गाने में जो गन दिखीं, उन्हीं की गोलियों से उनकी हत्या हुई

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Moose Wala Murder: मूसेवाला ने गाने में जो गन दिखीं, उन्हीं की गोलियों से उनकी हत्या हुई
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Moose Wala Murder: सिद्धू मूसेवाला मर्डर (Sidhu Moose Wala Murder) के बाद शूटरों ने बोलेरो (Bolero) गाड़ी में जो वीडियो (Video) बनाया उसने एक ही झटके में कई राज़ उजागर कर दिए। बोलेरो मॉड्यूल के पांच शूटरों ने शूटआउट को अंजाम देने के बाद गाड़ी में बनाए गए वीडियो में वो हथियार (Weapon) भी लहराये जिनसे सिद्धू मूसेवाला को छलनी कर दिया था।

जानकर हैरानी होगी कि सिद्धू मूसेवाला ने जिन जिन बंदूकों और देसी विदेशी पिस्तौल का ज़िक्र अपने एक मशहूर गाने में किया था, अजीब इत्तेफाक है कि उसके क़त्ल में उन्हीं तमाम हथियारों का इस्तेमाल भी हुआ। और जब पुलिस ने मूसेवाला की हत्या के इल्जाम में शूटरों को पकड़ा तो जो बात निकलकर सामने आई वो यही थी कि जो हथियार मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हुए वो सारे के सारे विदेशी थे।

वीडियो में जो हथियार शूटरों के हाथ में नज़र आ रहे हैं वो सभी के सभी विदेशी हैं और ऑटोमैटिक पिस्टल हैं। इनमें ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल (Glock), जर्मनी की हेकलर एंड कोच पी 30 (Hechler & Koch) हैंडगन, स्टार पिस्टल (Star) और तुर्की की जिगाना (Zigana) सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल शामिल हैं।

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इसके अलावा सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ एसॉल्ट राइफल AK -47 का इस्तेमाल भी किया गया था। वीडियो में शूटरों के हाथ में जो हथियार दिखाई दे रहे हैं वो दुनिया की बेहतरीन पिस्टल में शुमार है।

Moose wala Murder Update: इनमें सबसे बेहतरीन है ऑस्ट्रिया की बनी ग्लॉक (Glock) पिस्टल। ये पिस्टल अपनी खास बनावट और वजन की वजह से बाकी तमाम पिस्टलों के मुकाबले सबसे बेहतरीन कहलाती है। क्योंकि इसमें एक्सटर्नल सेफ्टी का कोई झंझट नहीं है। और इसकी सबसे बड़ी खास बात ये है कि इसकी मैगज़ीन में एक साथ 17 गोलियों को रखा जा सकता है।

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पॉलीमर से बनी ये सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल न सिर्फ वजन में हल्की है बल्कि आसानी से पकड़ी जा सकती है। इसके अलावा गर्म वातावरण में भी ये आसानी से काम कर सकती है। लेकिन इस पिस्टल की सबसे बड़ी खासबात ये है कि इसका निशाना बहुत सटीक है और गोली सीधे निशाने पर ही जाकर लगती है।

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इसी तर्ज पर जर्मनी की हेकलर एंड कोच की पी-30 हैंडगन को स्ट्राइकर गन कहा जाता है। इस गन से 25 गज की दूरी से भी सटीक निशाना लगाया जा सकता है। इसकी पकड़ बेहद मज़बूत और वजन काफी हल्का है। साथ ही इस गन के चैंबल में लगे एक पैड की वजह से इसको चलाने में हाथों को झटका भी नहीं लगता।

तुर्की की ज़िगाना पिस्तौल का लॉकिंग सिस्टम सबसे बेहतरीन माना जाता है। इसमें एक लॉक स्लाइड शॉर्ट रिकॉइल ऑपरेटिंग सिस्टम होता है। इसके अलावा इस पिस्तौल में एक ऑटोमैटिक फायरिंग पिन ब्लॉक भी होता है जिससे ये पिस्तौल न सिर्फ बेहद सुरक्षित होती है बल्कि कम दूरी से सटीक निशाना लगाना सबसे आसान है।

लेकिन तुर्की की इस ज़िगाना पिस्तौल के बारे में एक और बात है जो सबसे ज़्यादा चौंकाती है। ये पिस्तौल पाकिस्तान में बड़ी ही आसानी से उपलब्ध है। क्योंकि तुर्की के बाद इसे पाकिस्तान में भी तैयार किया जाता है।

जाहिर है सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने वाली टोली के पास इन विदेशी पिस्तौल की मौजूदगी ने पुलिस के भी कान खड़े कर दिए हैं। क्योंकि इनमें से ज़्यादातर पिस्तौल के बारे में पुलिस को भी ज़्यादा पता नहीं है। जबकि विदेशों में खासतौर पर यूरोप और अमेरिका में इन पिस्तौल का चलन ज़्यादा है।

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