Shraddha Murder : खोपड़ी का निचला हिस्सा जबड़ा और 3 हड्डियां मिलीं, श्रद्धा केस के आज के बड़े अपडेट

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Shraddha Murder : खोपड़ी का निचला हिस्सा जबड़ा और 3 हड्डियां मिलीं, श्रद्धा केस के आज के बड़े अपडेट
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दिल्ली से अरविंद ओझा की रिपोर्ट

Delhi Shraddha Murder Today News : श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस को एक अहम सबूत मिला है. पुलिस को सर्च ऑपरेशन के दौरान खोपड़ी का निचला हिस्सा मिला है. इसके साथ 3 अन्य हड्डियां मिलीं है. बताया जा रहा है कि खोपड़ी का निचली हिस्सा जबड़ा मिला है. अब ये पता लगाया जाएगा बरामद हुई हड्डी और खोपड़ी का हिस्सा उसी श्रद्धा (Shraddha) का है या नहीं. इसके लिए इन डीएनए (DNA) सैंपल लेकर उसकी श्रद्धा के पिता से मैचिंग कराई जाएगी. अगर डीएनए मैच हुआ तभी इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि खोपड़ी का निचला हिस्सा जबड़ा और हड्डियां श्रद्धा की ही थीं.

अब तक की शुरुआती जांच में पुलिस को लगता है कि जो जबड़ा मिला है वो किसी इंसान का ही है. यानी अभी तक काफी हद तक ये साफ है कि जो जबड़ा मिला है वो इंसानी हो सकता है. लेकिन वो डीएनए टेस्ट के बाद ही बाकी स्पष्ट हो सकेगा. बता दें कि  

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श्रद्धा केस में 21 नवंबर तक के बड़े अपडेट

आफताब का ड्रग्स कनेक्शन : पुलिस की जांच में पता चला है कि आफताब ड्रग्स लेता रहा है. असल में श्रद्धा और आफताब दोनों जब हिल स्टेशन घूमने आए थे तब हिमाचल के तोष (Tosh) में भी रुके थे. यहां से ड्रग्स लेने की बात का पता चला है. जिसकी जांच के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम तोष भी पहुंची. वहां पर पूछताछ की गई है. बताया जा रहा है कि आफताब को गांजे का शौकीन रहा है. आफताब के फोन से कई ड्रग्स तस्करों के नंबर मिले है। 

महरौली से मैदानगढ़ी का कनेक्शन : महरौली के जंगल से करीब 4 किमी दूर दिल्ली का मैदानगढ़ी का इलाका है. बताया जा रहा है कि मैदानगढ़ी के तालाब में श्रद्धा का कटा हुआ सिर फेंके जाने की आशंका है. जिसकी पुलिस जांच कर रही है. पुलिस ने तालाब में कई घंटे तक छानबीन कराई. लेकिन कुछ बरामद होने की जानकारी नहीं मिली है.

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नारको से पहले पॉलीग्राफी टेस्ट : अब दिल्ली पुलिस को सबसे बड़ी उम्मीद नारको टेस्ट से है. उम्मीद है कि नारको टेस्ट में आफताब पूरा सच उगलेगा. हालांकि, नारको से पहले पॉलीग्राफी टेस्ट से किया जाएगा. इसके बाद ब्रेन मैपिंग और फिर आखिर में नारको टेस्ट होगा.

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हथौड़ी और लंबी कीलों से क्या किया : पुलिस की जांच में आज सामने आया कि मई महीने में ही आफताब ने एक दुकान से दो हथौड़ी और 300 ग्राम लंबी कीलें खरीदीं थीं. अब ये कीलें किस काम में आईं. हैमर का क्या किया. ये जांच हो रही है. लेकिन माना जा रहा है कि कील और हथौड़ी से हड्डियों को काटने के साथ खोपड़ी को तोड़ने में भी आफताब इस्तेमाल कर सकता है.

सीने पर बैठकर श्रद्धा का आफताब ने किया था मर्डर

Shraddha Killed By Aftab : श्रद्धा की हत्या करने वाला आफताब दिल्ली पुलिस से सिर्फ अंग्रेजी में बात कर रहा है. अब तक की जांच में पता चला है कि 18 मई को आफताब ने गुस्से में आकर श्रद्धा के सीने पर बैठ गला दबाकर हत्या की थी. 13 नवंबर से वो दिल्ली पुलिस की हिरासत में है. मर्डर केस को लेकर पूछे जा रहे सवालों का वो जवाब घूमाकर दे रहा है. लेकिन बिना किसी संकोच के उसने कहा, Yes I Killed her. 13 नवंबर से दिल्ली पुलिस की कस्टडी में आए आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने को लेकर कई जानकारी दी है. आइए जानते हैं उसने क्या कहा है...

पुलिस : श्रद्धा का कत्ल कब और कैसे किया?

आफताब : 18 मई बुधवार की रात श्रद्धा से झगडा हुआ था। झगडा इससे पहले भी होता था। मगर उस रोज बात बढ गई। हम दोनों में हाथापाई हुई। फिर मैंने श्रद्धा को पटक दिया। इसके बाद उसके सीने पर बैठ कर दोनों हाथों से उसका गला दबाने लगा। थोडी देर बाद ही वो दम तोड चुकी थी।

पुलिस : फिर लाश के साथ क्या किया?

आफताब : उस रात श्रद्धा की लाश घसीट कर बाथरूम ले गया। पूरी रात लाश वहीं पडी रही।

पुलिस : लाश के टुकडे कैसे और कब किए?

आफताब : 19 मई को मैं बाजार गया। लोकल मार्केट से तीन सौ लीटर का एक फ्रिज खरीदा। कीर्ति इलेक्ट्रॉनिक शॉप से। एक दूसरे दुकान से आरी खरीदी। फिर मैं घर लौट आया। रात को उसी बाथरूम में आरी से लाश के टुकड़े करने शुरू किए। मैंने कुछ दिनों के लिए शेफ की नौकरी भी की थी।उससे पहले करीब दो हफ्ते की ट्रेनिंग भी ली थी। इस दौरान चिकन और मटन के पीस करने की भी ट्रेनिंग मिली थी। 19 मई को मैंने लाश के कुछ टुकड़े किए थे। उन्हें पॉलीथिन में डाला, फिर उन टुकडों को पॉलीथिन समेत फ्रिज के फ्रीजर में रख दिया था। बाकी लाश फ्रिज के निचले हिस्से में।

पुलिस : कितने दिनों तक लाश के टुकडे किए?

आफताब : दो दिनों तक। 19 और 20 मई को।

पुलिस : लाश के टुकडों को ठिकाने लगाना कब शुरू किया?

आफताब : 19 मई और 20 मई की रात पहली बार लाश के कुछ टुकडे फ्रीजर से निकाल कर बैग में रखे थे। पहली रात बैग में कम टुकडे रखे थे। क्योंकि लाश के टुकड़ों के साथ देर रात बाहर निकलने में घबरा रहा था कि कहीं रास्ते में पुलिस तलाशी ना ले ले।

पुलिस : पहली बार लाश के टुकडे कहां फेंके?

आफताब : 19 और 20 मई की रात महरौली के जंगल में टुकडे फेंके थे। पर जंगल के ज्यादा अंदर नहीं गया था।

पुलिस : कितने दिनों में लाश के सारे टुकडे ठिकाने लगाए?

आफताब : ठीक से याद नहीं। लेकिन कम से कम बीस दिन तक मैं लाश के टुकडे फेंकता रहा था।

पुलिस- लाश के टुकडे कहां कहां फेंके?

आफताब : मैं सिर्फ़ छतरपुर और महरौली के आस-पास ही जाता था। ज्यादा दूर जाने में पकडे जाने का खतरा था।

पुलिस : बीस दिनों तक घर में लाश या लाश के टुकडे थे। इस दौरान तुम्हारा रुटीन क्या था?

आफताब : चूंकि घर में लाश थी इसलिए मैं घर से बाहर निकलता ही नहीं था। ना ही किसी पडोसी से मिलता या बात करता था। मैं बार-बार टुकडों को फ्रिज के निचले हिस्से से फ्रीजर में और फ्रीजर में रखे टुकडों को नीचे रख कर उनकी अदला बदली किया करता था। ताकि लाश की बू बाहर ना आ सके। घर, फ्लोर, बाथरूम इन सबकी केमिकल से सफाई किया करता था।

पुलिस- पूरी लाश ठिकाने लगा देने के बाद तुमने क्या किया?

आफताब : मैंने फिर से पूरे घर की सफाई की। फ्रिज खाली होने के बाद फ्रिज को भी केमिकल से अच्छे से साफ किया। बाथरूम, फर्श, दीवार, चादर, कपडे हर चीज को धोया और साफ किया। ऐसा सबकुछ इसलिए किया क्योंकि एक तो घर से लाश की बू निकालनी थी, दूसरी मैं ये यकीन कर लेना चाहता था कि घर के अंदर खून या मांस के कोई भी सबूत ना छूट जाए। मैं जानता था कभी ना कभी ये सच बाहर आएगा और तब इस घर और फ्रिज की जांच भी होगी। इसीलिए अपनी तरफ से मैंने हर सबूत को धो डाला।

पुलिस : जिससे तुम प्यार करते थे उसकी लाश के साथ ऐसा बर्ताव करने से पहले तुमने एक बार भी कुछ सोचा नहीं?

आफताब : नहीं। मुझे गुस्सा आया था। इसलिए मैंने श्रद्धा को मार डाला। लेकिन मैं नहीं चाहता था कि उसकी मौत का सच घर से बाहर जाए। श्रद्धा के घरवाले भी उससे दूर ही रहते थे। उसकी अपने घरवालों से ही बात नहीं होती थी। मुझे पता था कि उसे कोई ढूंढने नहीं आएगा। इसीलिए लाश को इस तरह ठिकाने लगाना जरूरी था। और मैंने वही किया।

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