आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के जरिए दिल्ली में क्राइम होगा कंट्रोल !

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DELHI NEWS: क्या AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ML यानी मशीन लर्निंग के जरिए अपराध पर रोकथाम की जा सकती है? तो इसका जवाब है हां. जी हां, ये तकनीकें अपराध रोकने में सहायक होगी। इसको लेकर बाकायदा सीनियर आईपीएस बी एस जायसवाल ने शोध कर दिल्ली पुलिस मुख्यालय में सीनियर पुलिस अधिकारियों के बीच एक प्रेजेंटेशन पेश की। 

ARTIFICIAL INTELLIGENCE AND MACHINE LEARNING TECHNOLOGY TO CURB CRIME IN DELHI: IPS बी एस जायसवाल के मुताबिक, भविष्यवाणी पुलिसिंग (Predictive Policing) ने कानून प्रवर्तन में एक नई क्रांति ला दी है। यह तकनीक संसाधनों को प्रभावी ढंग से आवंटित करने और अपराध रोकने में सहायक है। भविष्यवाणी पुलिसिंग का उद्देश्य डेटा विश्लेषण का उपयोग करके अपराध के हॉटस्पॉट्स (जहां अपराध की संभावना अधिक होती है) का अनुमान लगाना है। इसमें पिछले अपराध डेटा का विश्लेषण करके पैटर्न, रुझान और असामान्यताओं की पहचान की जाती है। इसका उद्देश्य विशिष्ट अपराधों की भविष्यवाणी करना नहीं बल्कि उन क्षेत्रों में अपराध की संभावना का अनुमान लगाना है, जहां पुलिस की अधिक मौजूदगी से अपराधों को रोका जा सकता है। 

सिर्फ हॉटस्पॉट्स की पहचान तक ही सीमित नहीं

संयुक्त आयुक्त  बी एस जायसवाल ने बताया कि भविष्यवाणी पुलिसिंग का उपयोग केवल अपराध हॉटस्पॉट्स की पहचान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल कई जगहों पर हो सकता है। इसका उपयोग अपराध रोकथाम के लिए, ऑपरेशनल प्लानिंग, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और ट्रैफिक प्रबंधन को सुचारू रूप से चलाने में हो सकता है। हालांकि भविष्यवाणी पुलिसिंग के कई फायदें हैं, लेकन इसके नैतिक और साइबर सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इस तकनीक में डेटा की सुरक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण है, ताकि इसे किसी भी प्रकार के साइबर हमले से बचाया जा सके। 

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बी एस जायसवाल ने बताया कि भविष्यवाणी पुलिसिंग, एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग कर अपराध को रोकने के लिए एक प्रभावी दृष्टिकोण प्रदान करती है। इसका उपयोग अपराध दर को कम करने और सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। 

उन्होंने बताया कि भविष्यवाणी पुलिसिंग डेटा, कंप्यूटिंग पॉवर और एल्गोरिदम पर आधारित होती है। क्राइम डेटा मॉडल के निर्माण के लिए आधार प्रदान करता है, जबकि एडवांस एआई तकनीकें सटीकता बढ़ाने में सहायक होती हैं। अपराध की संभावनाओं का अनुमान लगाने में डेटा की गुणवत्ता और सटीकता पर निर्भरता होती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि पुलिस बल अपराध रोकथाम में बेहतर निर्णय ले सके। 
 

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