दो शूटरों के लिए साढ़े पांच घंटे के एनकाउंटर में 600 पुलिसवालों ने इतनी चलाई थीं गोलियां
Attari Encounter: पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने सिद्धू मूसेवाला मर्डर में शामिल दो शूटरों (Shooters) को मार गिराने के लिए जो पुख्ता इंतज़ाम किया था उसका सारा हिसाब किताब अब सामने आ गया है।
ADVERTISEMENT
Sidhu Moose Wala Murder: पाकिस्तान के बॉर्डर (Pakistan Border) से महज 6 किलोमीटर पहले, 60 से ज़्यादा पुलिस की गाड़ियां, 600 से ज़्यादा पुलिसवाले, साढ़े पांच घंटे का एनकाउंटर (Encounter), करीब 100 राउंड (Round) से ज़्यादा फायर और दो शूटरों (Shooters) का खात्मा।
ये कुल जमा पूरा हिसाब किताब है उस एनकाउंटर का जो अमृतसर के पास अटारी के नज़दीक गांव चिचा भकाना गांव में हुआ। और इस एनकाउंटर में पुलिस के दावे के मुताबिक वो दो शार्प शूटर मार गिराए जिन्होंने 29 मई को मानसा ज़िले के जवाहरके गांव के पास पंजाब में मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला को मारा था। इस एनकाउंटर में सिद्धू मूसेवाला मर्डर में शामिल पंजाब मॉड्यूल के जगरुप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह मन्नू को मार गिराया गया।
Moose Wala Murder: इस एनकाउंटर को अंजाम देने के लिए कुछ इस तरह से पुलिस ने इंतज़ाम किया था। हालांकि इस एनकाउंटर का सबसे चौंकाने वाला पहलू ये है कि पंजाब पुलिस दोनों शूटर्स जगरुप रूपा और मनप्रीत उर्फ मन्नू को तरनतारन के पास से गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछा रखा था, लेकिन ये दोनों वहां पुलिस को चकमा देकर भाग निकले। और पुलिस के सूत्रों की मानें तो ये दोनों किसी भी हाल में बॉर्डर पार करके पाकिस्तान चले जाना चाहते थे।
ADVERTISEMENT
इस बात की भनक पुलिस को भी मिल चुकी थी, लिहाजा उसने इन दोनों को अटारी गांव में इस तरह से घेरा कि ये दोनों किसी भी सूरत में सरहद न लांघ सके। भले ही इनका एनकाउंटर क्यों न करना पड़े। इसीलिए पुलिस ने इनके लिए इतना मजबूत घेरा लगाया था।
#WATCH | Encounter ensuing between police & gangsters at Cheecha Bhakna village of Amritsar district in Punjab pic.twitter.com/7UA0gEL23z
— ANI (@ANI) July 20, 2022
Attari Encounter: गांव की जिस पुरानी हवेली में ये शूटर्स पनाह लिए हुए थे, उसके आस पास के कई एकड़ खेतों तक पुलिस की टुकड़ियां मुस्तैद थीं...और हरेक को यही निर्देश थे कि अगर दोनों या दोनों में से कोई वहां से निकल भागने की कोशिश करे तो उसे रोकने के लिए गोलियों की कंजूसी न की जाए...
ADVERTISEMENT
शायद यही वजह थी कि अटारी का ये गांव चिचा भकना कई घंटों तक गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राता भी रहा।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT