शेट्टी को फोन कर लूट लिये सवा करोड़, स्कूल टीचर और स्टूडेंट मिल कर चला रहे थे रैकेट, दिमाग घुमा देगा फ्रॉड का ये नया तरीका
पुलिस ने शनिवार को एक डॉक्टर से 1.28 करोड़ रुपये हड़पने के आरोप में असम के एक रिटायर्ड स्कूल टीचर और बीटेक पास एक स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है। लोगों को बेवकूफ बना कर बड़ी रकम लूटने को लेकर दोनों की जुगलबंदी कमाल की है।
ADVERTISEMENT
Bengaluru: साइबर धोखाधड़ी के एक मामले की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस ने शनिवार को एक डॉक्टर से 1.28 करोड़ रुपये हड़पने के आरोप में असम के एक रिटायर्ड स्कूल टीचर और बीटेक पास एक स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है। 63 साल के पवन कुमार, और 33 साल के जाकिर बोरा को असम के शिवसागर से पकड़ा गया। जांच से पता चला कि पवन कुमार के खाते का इस्तेमाल देश भर में 8 करोड़ रुपये के 91 अलग-अलग साइबर अपराधों में किया गया था। आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। 23 अगस्त को, चित्रदुर्ग शहर के एक डॉक्टर डॉ. श्रीनिवास शेट्टी टी.के. ने सीईएन पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया और शिकायत दर्ज कराई कि उनके 1 करोड़ 27 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं।
मुंबई पुलिस के नाम पर की धोखाधड़ी
शिकायत के मुताबिक 22 अगस्त को शेट्टी को एक कॉल आया जिसमें कहा गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक खाते खोलने के लिए किया गया था। कॉल करने वाले ने दावा किया कि वो मुंबई पुलिस से है और वो शेट्टी के बैंक अकाउंट से लेनदेन का ऑडिट करना चाहता है। इसके बाद फोन करने वाले शख्स ने नियम और कानून का हवाला देकर शेट्टी को 24 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और उनके बैंक खाते से पैसे निकाल लिए। पुलिस इंस्पेक्टर वेंकटेश एन और उनकी टीम ने वो खाता ब्लॉक भी किया, लेकिन फ्रॉड करने वाले पैसा पहले ही ट्रांसफर कर चुके थे।
फ्रॉड कर 95 अकाउंट्स में डाला पैसा
पुलिस के मुताबिक, शेट्टी के खाते से निकाला गया पैसा पहले तो एक ही बैंक अकाउंट में ट्रांस्फर किया गया पर इसके बाद यही पैसा 95 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में ट्रांस्फर हो गया। जाहिर है ये इसलिये किया गया ताकि मनी ट्रेल को ट्रेस करना मुश्किल हो जाए। पुलिस ने बताया कि उसने सबसे पहले उस प्राइमरी बैंक खाते की पड़ताल की जिसमें पैसा ट्रांस्फर किया गया था। जांच से पता लगा कि वो खाता पवन कुमार के नाम था। इसी के बाद पवन की गिरफ्तारी के लिये एक टीम असम भेजी गई और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर उसे और जाकिर को शिवसागर से गिरफ्तार कर लिया गया।
ADVERTISEMENT
रिटायर्ड टीचर के नाम खाता खोल किया फ्रॉड
जांच के दौरान ये भी पता चला कि जाकिर और उसके सहयोगियों ने पवन कुमार और उनकी पत्नी के नाम पर एक चालू खाता बनवाया था। बदले में, पवन कुमार को फ्रॉड के जरिये कमाए गये पैसे से कमिशन दी जाती थी। जब नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल से जांच की गई, तो पुलिस को पता चला कि एक ही खाते का इस्तेमाल देश भर में 91 से अधिक लोगों से 8 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए किया गया था। इस तरह से निकाले गए पैसे को फर्जी तौर पर बनाए गए बेनामी खातों और हवाला कारोबार के जरिये एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT