UP News: आईएएस ऋतु माहेश्वरी के चार्ज लेते ही ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में हड़कंप, भ्रष्टाचार का सफाया बड़ी चुनौती

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Greater Noida News: उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार आईएएस अधिकारी (IAS Officer) और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ (CEO) ऋतु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari) को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ का चार्ज भी दे दिया गया है। अब ऋतु महेश्वरी के पास नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और नोएडा मेट्रो रेल कॉरपरेशन जैसे तीन बड़े विभाग हैं।

गौरतलब है कि मेरठ मंडल के कमिश्नर और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ सुरेंद्र सिंह को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के बाद नोएडा की सीईओ ऋतु माहेश्वरी को सरकार ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की जिम्मेदारी सौंप दी है जिसके बाद ऋतु माहेश्वरी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इसी के साथ तेज तर्रार आईएएस अधिकारी की चुनौतियों का इम्तेहान भी शुरु हो गया है।

दरअसल हाल ही में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के कई बड़े मामले भी सामने आए हैं जो नई सीईओ के लिए बड़ी चुनौती माने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अलग-अलग विभागों में बाकायदा ठेकेदार और इंजीनियरों को एक बड़ा नेक्सस काम करता है। भ्रष्टाचार के इस Nexus को तोड़ना मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी के लिए एक बड़ी चुनौती होगा।

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IAS ऋतु माहेश्वरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 7000 करोड रुपए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की हालत बेहद खराब हो रखी है। प्राधिकरण की आमदनी बेहद कम और खर्चा ज्यादा है। पिछले 5 साल से केवल लैंड बैंक को बेचकर ही प्राधिकरण का काम चल रहा है। प्राधिकरण को क़र्ज़ से उतारकर पटरी पर लाना ऋतु माहेश्वरी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा। 

भ्रष्टाचार का ताजा मामला ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में नियुक्ति घोटाले की शक्ल में सामने आया है। यहां अधिकारियों पर अपने ही बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को नौकरियां की बंदबांट का भंडाफोड़ हुआ है। शिकायत के बाद हुई जांच में ये मामला खुल कर सामने आया है। नोएडा से लेकर लखनऊ तक अब इस भर्ती घोटाले के खूब चर्चे हैं।

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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बड़े अधिकारियों ने मामले का संज्ञान भी ले लिया है। दरअसल संविदा पर हुई नियुक्तियों में इस बहुत बड़े गड़बड़झाले का खुलासा हुआ है। इस भर्ती घोटाले में क्लर्क से लेकर असिस्टेंट मैनेजर तक के शामिल होने की बात सामने आ रही है।

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बीते दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में संविदा पर करीब 45 अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई थीं। इन नियुक्तियों पर लगातार सवाल उठ रहे थे और जांच की मांग भी हो रही थी। इन पदों पर बाबू से लेकर असिसटेंट मैनेजर तक की पोस्ट शामिल थीं। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलिभगत करके अपने बेटे-बेटी, रिश्तेदारों सगे संबंधियों को ही नौकरियां बांट दीं।

जांच में खुलासा हो रहा है कि कई बाहरी लोगों को भी मोटी रकम लेकर नौकरी दी गई है। बात ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से निकल तो यूपी सरकार तक भी पहुंच गई जिसके बाद शासन की तरफ से प्रोधिककरण को चिट्ठी भेजी गई है जिसमें जांच कर पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

प्राधिकरण के भ्रष्टाचार की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अब बात कर लेते हैं किसानों को आबादी के लिए दिए जाने वाले 4%, 6% और 10% आबादी वाले प्लाटों की। जानकारी ये भी मिली है कि इन भूखंडों की बंदबांट में भी बड़ा घोटाला किया गया है। नाम किसानों का और प्लाट उनको दे दिए गए जो कि इसके पात्र ही नहीं थे। शिकायतें ये भी आती रही हैं कि प्राधिकरण में बैठे अधिकारियों के दोस्त रिश्तेदार भी दलाली में जुटे हैं।

अब हाल ही में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का जिम्मा आईएएस ऋतु महेश्वरी को सौंप दिया गया है। ऋतु महेश्वरी के ज्वाइन करते ही  प्राधिकरण में एक बार हलचल मची हुई है। रितु माहेश्वरी उत्तर प्रदेश कैडर की 2003 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। दरअसल, ऋतु महेश्वरी अपनी तेज तर्रार छवि और सख्त रवैये के लिए जानी जाती हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार की तहरी जड़ों को उखाड़ फेंकना उनके लिए बड़ी चुनौती होगा।  

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