Delhi Crime: ये है आतंकी मंसूबों की Digital चार्जशीट, ISI की साज़िश बेनकाब
Digital Chargesheet: आतंक के खिलाफ दिल्ली पुलिस को वो चार्जशीट जिसमें सिलसिलेवार Digital तरीके से पाकिस्तान, ISI और अंडरवर्ल्ड का चेहरा बेनकाब किया गया।
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Digital Charge sheet Special: आपने क्राइम (Crime) के तमाम केस और चार्जशीट (Chargesheet) के बारे में सुना होगा। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या होती है डिजिटल चार्जशीट (Digital Chargesheet) ? दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की हाल ही में कोर्ट में दर्ज एक चार्जशीट फाइल की है जिसमें सिलसिलेवार Digital तरीके से पाकिस्तान, ISI और अंडरवर्ल्ड का चेहरा बेहतरीन तरीके से बेनकाब किया गया है।
इस चार्जशीट मे पाकिस्तान ISI हेंडलर्स किस तरह से हिंदुस्तान में बैठे आतंकियों से जुड़े थे इसका बाकायदा ग्राफिक्स और Animations के जरिए खुलासा किया गया है। इस डिजिटल चार्जशीट में अंडरवर्ल्ड कनेक्शन और पाकिस्तान से होने वाले हवाला मनी ट्रेल को भी डिजीटल तरीके से दर्शाया गया है।
स्पेशल सेल ने चार्जशीट में बड़ी ही खूबसूरती से Google Map के जरिए दर्शाया है कि समुद्र के रास्ते आतंकी पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर भारत मे किस तरह और किस रास्ते से घुसपैठ कर रहे हैं। आइए आपको दिखाते हैं Graphics-Animation के जरिए सिलसिलेवार तरीके से पाकिस्तान, ISI और अंडरवर्ल्ड को बेनकाब करने की पूरी कहानी।
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दरअसल स्पेशल सेल को 21 अगस्त 2021 को इंटेलिजेंस इनपुट्स मिले थे कि कि आतंकी भारत मे सीरियल धमाकों को अंजाम देने की फिराक में है जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली मुम्बई, यूपी के कई इलाकों में ऑपरेशन शुरू किए जिसके बाद 13 सिंतबर 2021 को जान मोहम्मद शेख को गोल्डन टेम्पल ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया गया था। जान मोहम्मद दिल्ली से मुंबई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रवाना हुआ था।
(जान मोहम्मद की फोटो)
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इस मामले में कुल गिरफ्तार आरोपियों से आपका तार्रुफ करवा देते हैं, जान मोहम्मद, ओसामा उर्फ सामी, मोहम्मद अबु बकर, मूल चन्द्र लाला, मोहम्मद आमिर जावेद, जीशान कमर और हमीदुर रहमान। दरअसल साल 2021 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी आतंकी साज़िश का खुलासा किया था जिसके तहत इन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी।
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ये गिरफ्तारियां, महाराष्ट्र, यूपी के रायबरेली, बहराइच, लखनऊ से हुई थी। जिसमे जान मोहम्मद मुम्बई, ओसामा इलाहाबाद यूपी, अबु बकर बहराइच यूपी, मूलचंद लाला रायबरेली यूपी, अमीर जावेद लखनऊ यूपी, जीशान कमर इलाहाबाद यूपी, हमीदुर रहमान इलाहाबाद यूपी का रहने वाला है।
दिल्ली पुलिस ने जामियानगर इलाके से ओसामा के पास से एक कंप्यूटर भी बरामद किया। पता चला कि 28 सिंतबर 2021 को ओसामा IED से भरा बैंग, हैंड ग्रनेड और हथियारों से लैस होकर अपने चाचा हमीदुर रहमान के पास लखनऊ गया था। आतंकी मूल चन्द्र लाला ने पूछताछ में बताया कि जान मोहम्मद के कहने पर एक शख्स ने उसे 1 लाख रुपए दिए थे। डिजिटल चार्जशीट की शुरुआत में पुलिस ने आतंकी नेटवर्क से जुड़े सभी किरदारों का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है। उनका नाम, तस्वीर, पूरा ब्योरा और वो किस किस सोशल मीडिया लिंक का इस्तेमाल करते हैं। यह सभी दर्शाया गया है।
डिजिटल चार्जशीट में कथित आतंकी जीशान कमर और ओसामा से उनकी मस्कट ओमान और पाकिस्तान यात्रा का ब्योरा मानचित्र के जरिए दर्शाया गया गया है। पाकिस्तान के ठाटा मे आतंकी ट्रेनिंग के सबूतों को फोटो के साथ चार्जशीट में अटैच किया गया है। चार्जशीटमें बताया गया है कि कैसे ट्रेनिंग के पहले आतंकियों की मुलाकात ISI के हम्माद यासीन से हुई। मस्कट में अल रईंम होटल के मैनेजर आमिर तारीक ने जीशान और ओसामा को ट्रेनिंग पर जाने से पहले नाव के खर्चे के लिए 500 रियाल दिए।
नाव के जरिए इन आतंकियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान जाना था। ईरान के रहने वाले फर्शीद ने ओसामा और जीशान को बन्दरे जस्क में नाव से उतार लिया और अपने घर मे पनाह दी। जहा से ओमिद रईस नाम के ईरानी बलूच ने दोनो आतंकियों को जीवानी पाकिस्तान पहुचा दिया। जिसके बाद ISI कमांडर जाहांगीर खान मर्री ने इन दोनों आतंकियों को कोहे मर्री फार्म हाउस पर आतंकी ट्रेनिंग मुहैया कराई।
डिजिटल चार्जशीट के मुताबिक पाकिस्तान POK के रहने वाले सईद मजाहिर शाह ने दोनों आतंकियों को जेहाद और धार्मिक उन्माद फैलाने की स्पीच दी। आतंकी मजाहिर तालिबान और जैश ए मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। चार्जशीट में सातवां नाम हमजा का है हम्जा भी POK का रहने वाला है और इस्लामाबाद में रहता है। ये पाकिस्तानी ISI ट्रेनिंग ग्रुप का मुखिया था जिसने दोनो आतंकियों को ट्रेंड किया था इस दौरान हमजा ने दोनों आतंकियों को भारत के विंग कमांडर की वो फोटो भी दिखाई जिसमे हमजा मौजूद था। ये फोटो विंग कमांडर की उस दौरान की थी जब अभिनन्द ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान पहुच गए थे।
दिल्ली पुलिस की डिजिटल चार्जशीट में आतंक के ट्रेनिंग सेंटर कहे जाने वाले कोहे मर्री फार्म हाउस पाकिस्तान की दो फोटो भी दर्ज किए गए हैं। गूगल चित्रों और फोटो के जरिए बाकायदा उस रेस्टोरेंट भी दिखाया गया जहा से इन आतंकवादियों के लिए खाने पीने का इंतजाम किया जाता था। कैफे इमरान नाम के इस होटल से खाने का इंतेजाम होता था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में पाकिस्तान के शूटिंग रेंज का नक्शा भी दर्शाया गया है।
चार्जशीट के मुताबिक लखनऊ के रहने वाला आरोपी असदुर्हमान ISI एजेंट मंसूर के सपंर्क में था। असदुर्रहमान का दुबई में खजूर का कारोबार है। आतंकी मंसूर ने असदुर्रहमान को निर्देश दिया था कि भारत मे आतंक फैलाने के लिए जेहादी तैयार करने हैं। ऐसे जेहादी जिनको पाकिस्तान मे ट्रेनिंग दी जा सके। ये निर्देश मिलने पर असदुर्रहमान ने अपने भाई हुमेदुर्हमान से सम्पर्क किया। हुमैद ने दो नाम सुझाए जिनमें उसका साला इबाहिम मुल्ला और दोस्त जीशान का नाम शामिल था।
जेहादियों के नाम तय हो जाने के बाद बाद आतंकी मंसूर ने जीशान और इब्राहीम के लिए टिकट बुक करा दिए। अचानक इबाहिम ने जाने का फैसला बदल दिया और जीशान सीधे मस्कट पहुच गया। ISI हैंडलर मंसूर जीशान के आने से नाखुश था उसने असदुर्रहमान को साफ कर दिया कि सिर्फ एक शख्स को ट्रेनिंग कैंप में नही भेजा जा सकता। ट्रेनिंग के लिए कम दो या दो से ज्यादा लोग चाहिए। जिसके बाद हमीदुर्हमान के बेटे ओसामा को मस्कट भेजा गया। पुलिस की चार्जशीट में ट्रेनिंग रूट्स की डिटेल्ड तस्वीरों और ग्राफिक्स से जरिए दर्ज हैं।
ट्रेनिंग कैंप कोहे मर्री फॉर्म हाउस पाकिस्तान के ठट्टा में है जहां आतंकियों को AK चलाने, बम बनाने जैसी 5 प्रकार की ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग स्थल के पास जंगल मे बाकायदा ट्रायल धमाके भी कराए गए। इन आतंकियों को हैंड ग्रेनेड चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई। दोनों ट्रेनिंग लेने के बाद 20 जून को भारत आए गए और धमाकों को अंजाम देने जुट गए थे। पुलिस ने चार्जशीट में ट्रैवेल खर्चे, पासपोर्ट वीजा के खर्चों और हवाला ट्रांजेक्शन, मलेशिया के बैंक खातों को डिजिटल तरीके से दिखाया है।
दिल्ली पुलिस की इस डिजिटल चार्जशीट मे आर्म्स और विस्फोटक के स्मगलिंग रूट्स को भी दर्शाया गया है। जिसके मुताबिक ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से पंजाब IED और पिस्टल, हथियार, गोला बारुद भेजे गए। ये हथियार पहले लखनऊ उसके बाद इलाहाबाद होते हुए इब्राहिमुउल्ला के घर और IED का पैकेट शाहरुख के पोल्ट्री फार्म पर पहुचा।
कथित आतंकी ओसाम कब और किस से फोन पर बात कर रहा था उसका भी बाकायदा फ्लोचार्ट चार्जशीट में दर्शाया गया है।
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