Shraddha Murder: ये सबूत आफताब को दिलवा सकते हैं फांसी! जानिए क्या हैं श्रद्धा मर्डर केस में सबूतों की सबसे अहम पांच कड़ियां
Shraddha Case Investigation: आपको बताते हैं उन पांच जरुरी सबूतों और उनकी सच्चाई के बारे में जो श्रद्धा मर्डर केस की जांच में सबसे अहम साबित होने वाले हैं।
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Shraddha Murder Case: आफताब के पुलिस रिमांड की मियाद शनिवार को पूरी हो रही है। तीन किश्तों में दिल्ली पुलिस उसे 14 दिनों के रिमांड पर ले चुकी है। ऐसे में ये समझा जा सकता कि शनिवार को कोर्ट से उसे ज्यूडिशियल कस्टडी यानी जेल भेज दिया जाए लेकिन इससे पहले कि वो जेल जाए दिल्ली पुलिस आफताब से श्रद्धा मर्डर केस से जुड़ा एक-एक सच जान लेना चाहती है और इन सच्चाइयों में उन हड्डियों की सच्चाई भी शामिल है जो आफताब की निशानदेही के बाद पुलिस ने महरौली के जंगलों समेत दूसरी जगहों से बरामद किए हैं।
अब चलिए एक बार के लिए ये मान लेते हैं कि आफताब ने श्रद्धा का कत्ल वाकई 18 मई को ही किया था और फिर किश्तों में उसकी लाश के टुकडे वो महरौली के जंगलों समेत दूसरी जगहों पर फेंकता रहा। ऐसे में अब इतने महीनों के बाद मिली हड्डियों से क्या श्रद्धा की मौत तारीख या उसके वक्त का पता लगाया जा सकता है? क्या इन हड्डियों का पोस्टमार्टम वाकई मुमकिन है? और क्या हड्डियों के पोस्टमार्टम से कत्ल से जुड़ी सच्चाई सामने आ सकती है? तो इन सवालों के जवाब को फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के नज़रिए से समझना जरूरी है। तो चलिए आपको बताते हैं उन पांच जरुरी सबूतों और उनकी सच्चाई के बारे में जो दिल्ली पुलिस की इस जांच में सबसे अहम साबित होने वाले हैं।
हत्या की साजिश में सबूतों की पहली कड़ी
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आफताब से एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा था। सवाल ये कि उसने श्रद्धा का कत्ल अचानक गुस्से में किया था या फिर सोच समझ कर इसकी प्लानिंग की थी। दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो इस सवाल पर आफताब लगातार झूठ बोल रहा है। और यहीं से पुलिस को लगभग ये यकीन हो चला है कि आफताब ने श्रद्धा को अचानक गुस्से में नहीं मारा, बल्कि वो श्रद्धा के कत्ल की साजिश लंबे वक्त से बुन रहा था।
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ये साजिश उसने तब से बुननी शुरू कर दी थी, जब उसे यकीन हो चला था कि एक रोज़ श्रद्धा उसे छोड़ कर चली जाएगी। दिल्ली पुलिस के एक आला अफसर ने आजतक को बताया है कि एक बार नार्को टेस्ट कंप्लीट हो जाए, उसके बाद आफताब के खिलाफ बाकी धाराओं के साथ-साथ धारा 120बी भी लगाया जा सकता है। इसके लिए पुलिस के पास कई पुख्ता सबूत हैं। सबूतों की पहली कड़ी के तौर पर पुलिस को सबसे पहले ये साबित करना होगा कि आफताब श्रद्धा को प्री प्लीन के तहत कत्ल करने के लिए दिल्ली लेकर आया था।
इस बात को साबूत करने क लिए पुलिस के पास श्रद्धा के कंप्लेंट की वो कॉपी भी है, जो उसने 23 नवंबर 2020 को वसई के तुलिंज थाने में दी थी। इस कंप्लेन में श्रद्धा ने दो साल पहले ही लिख दिया था कि आफताब उसे गला घोंट कर मारेगा, लाश के टुकडे करेगा और टुकडों को फेंक देगा। 18 मई 2020 को दिल्ली में आफताब ने ठीक ऐसा ही किया। श्रद्धा की बातों को सच कर दिया।
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श्रद्धा की हत्या की साजिश में सबूतों की दूसरी कड़ी
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दूसरी सबसे बड़ी कड़ी होगी श्रद्धा और आफताब की दिल्ली में लोकेशन को साबित करना। यहां दिल्ली पुलिस आफताब और श्रद्धा के मोबाइल फोन की लोकेशन और गूगल रुट मैपिंग के जरिए सबूत पेश करेगी कि हत्या के दिन यानि 18 मई को मरने और मारने वाले दोनों की लोकेशन छतरपुर में थी।
श्रद्धा की हत्या की साजिश में सबूतों की तीसरी कड़ी
श्रद्धा की हत्या में तीसरी कड़ी के तौर पर सबसे अहम सबूत साबित होगा घर में मिले खून के धब्बों और श्रद्धा के भाई और पिता के खून के नमूनों की डीएनए रिपोर्ट। इस डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिए ये साबित होगा कि श्रद्धा की हत्या आफताब के छतरपुर के फ्लैट मे हुई और बाथरुम में लाश के टुकड़े किए गए।
श्रद्धा की हत्या की साजिश में सबूतों की चौथी कड़ी
श्रद्धा हत्याकांड में पुलिस को दरकार होगी सबूतों की तीसरी अहम कड़ी की। इस सबूत में पुलिस को साबित करना होगा कि जंगल में मिली हड्डियां श्रद्धा की हैं। जाहिर है हड्डियों का मिलान उनके परिजनों के रक्त से करने के लिए भी डीएनए प्रोफाइलिंग की जा रही है। जिससे ये साबित हो सके कि जंगल में मिली हड्डी श्रद्धा की ही है। पुलिस के पास एक जबड़ा भी मौजूद है जिसमें दांत मे मौजूद द्रव्य के जरिए डीएनए प्रोफाइलिंग की जा सकत है। यहां पुलिस से साबित कर पाएगी कि फ्लैट में हत्या करने के बाद श्रद्धा की लाश को जंगल में ठिकाने लगाया गया।
श्रद्धा की हत्या की साजिश में अहम होंगे इन गवाहों के बयान
सबूतों की चेन में आखिरी कड़ी होगा उन गवाहों के बयान जो परोक्ष या प्रत्यक्ष रुप से श्रद्धा और आफताब से जुड़े हुए हैं। इन गवाहों में श्रद्धा के दोस्तों की गवाही, फ्लैट के मालिक की गवाही, फ्लैट दिलाने वाले की गवाही, जहां से आरी खरीदी गई उस दुकानदार की गवाही, एफएसएल व सीएफएसएल के वैज्ञानिकों की गवाही, श्रद्धा के परिजनों की गवाही, मुंबई पुलिस के जांच अधिकारियों की गवाही, फ्रिज और वैक्यूम क्लीनर विक्रेताओं की गवाही बेहद अहम होगी।
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