Disha Case : दिशा गैंगरेप-मर्डर के 4 आरोपियों का एनकाउंटर करने वाले 10 पुलिसवालों पर हत्या की FIR दर्ज हो: रिपोर्ट
Disha Case : दिशा गैंगरेप-मर्डर के 4 आरोपियों का एनकाउंटर करने वाले 10 पुलिसवालों पर हत्या की FIR दर्ज हो: रिपोर्ट Hyderabad Disha Gangrape Encounter: fake encounter FIR lodged against 10 policemen
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Hyderabad Disha gangrape and murder Encounter : हैदराबाद दिशा गैंगरेप-मर्डर के बाद हुए 4 आरोपियों के एनकाउंटर मामले में नया मोड़ आया है. इस मामले की जांच के लिए बनाए गए कमीशन ने इसे फेक एनकाउंटर (Fake Encounter) कहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीएस सिरपुरकर की अगुवाई में बनाए गए तीन सदस्यीय आयोग ने मुठभेड़ पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं.
आयोग ने मुठभेड़ टीम में शामिल सभी 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने की सिफारिश की है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार की दलील दरकिनार कर दी जिसमें रिपोर्ट गोपनीय रखने की ही गुहार लगाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वीएस सिरपुरकर आयोग की रिपोर्ट को अभी भी सीलबंद रखे जाने की तेलंगाना सरकार के वकील श्याम दीवान की गुहार ठुकरा दी है। कोर्ट में सीजेआई जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि रिपोर्ट में कुछ भी गोपनीय नहीं है। कुछ लोग दोषी पाए गए हैं। उनका क्या करना है ये राज्य सरकार को तय करना है।
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Hyderabad Disha gangrape murder case : तेलंगाना सरकार के वकील श्याम दीवान ने कहा कि रिपोर्ट को देखने के बाद कोर्ट फिर से सील बंद कर दे। इस पर सीजेआई ने कहा कि जब रिपोर्ट याचिकाकर्ताओं तक पहुंच ही नहीं पाएगी तो जांच कराने का मकसद क्या रहेगा।
इस पर श्याम दीवान ने फिर कहा कि पहले भी जस्टिस पटनायक आयोग/समिति की रिपोर्ट आई थी। लेकिन कोर्ट ने उसे देखकर फिर सीलबंद कर दिया था। इस मामले में भी ऐसा किया जा सकता है।
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लेकिन सीजेआई ने कहा की एक बार रिपोर्ट आ गई है तो ये सार्वजनिक भी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सारे रिकॉर्ड तेलंगाना हाईकोर्ट भेजने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि तेलंगाना हाईकोर्ट ही इस मामले में आगे सुनवाई कर फैसला लेगा।
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Hyderabad Disha gangrape News : बता दें कि हैदराबाद में दिसंबर 2019 में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या कर शव को जलाने की कोशिश हुई थी। इस पूरी वारदात को अंजाम देने के आरोपियों के साथ उसी सुबह पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में आरोपियों के मारे जाने पर सवाल उठे। उनकी जांच के लिए समिति बनाई गई।
चीफ जस्टिस एनवी रमणा और जस्टिस हिमा कोहली ने शुक्रवार को तेलंगाना सरकार की अपील ठुकरा दी जिसमें उन्होंने जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक ना करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया कि रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी सभी पक्षकारों को मुहैया करा दी जाय। जांच आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वीएस सिरपुरकर के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट की रियायर्ड जज जस्टिस रेखा बालदोता और सीबीआई के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन भी शामिल हैं। आयोग को पहले भी महामारी और लॉक डाउन की वजह से कार्यकाल विस्तार दिया जाए।
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