बदलापुर एनकाउंटर पर HC ने उठाए सवाल, कहा- सिर में गोली कैसे लगी?, आम आदमी गोली नहीं चला सकता, हमें किसी पर शक...
Badlapur Encounter: बदलापुर एनकाउंटर से जुड़े मामले में उच्च न्यायालय (HC) ने पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अदालत ने एनकाउंटर में हुई गोलीबारी और पुलिस की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सफाई मांगी है।
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Badlapur Encounter: महाराष्ट्र के बदलापुर एनकाउंटर मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए। कोर्ट ने पुलिस द्वारा आरोपी के सिर पर गोली मारने पर चिंता जताते हुए कहा कि पुलिस को गोली चलाने की स्पष्ट ट्रेनिंग दी जाती है, और ऐसे में उन्हें सिर के बजाय हाथ या पैर पर गोली चलानी चाहिए थी। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि एनकाउंटर में गोलीबारी के दौरान नियमों का पालन होना अनिवार्य है, और इस घटना में पुलिस की भूमिका को लेकर पूरी जांच जरूरी है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस चव्हाण ने पुलिस से कुछ अहम सवाल पूछते हुए कहा, "पिस्टल पर फिंगरप्रिंट्स मौजूद होने चाहिए और हैंड वॉश टेस्ट होना चाहिए। क्या यह प्रक्रिया पूरी की गई? अगली सुनवाई पर सभी सबूत पेश करें। आप कह रहे हैं कि आरोपी ने तीन गोलियां चलाईं, लेकिन सिर्फ एक गोली ही लगी। बाकी दो गोलियां कहां गईं? क्या वह फायरिंग सीधा पुलिसकर्मी पर हुई थी या यह रिकोशे (फर्श या दीवार से टकराकर) फायरिंग थी? और पुलिस अधिकारी को कैसी चोट आई है? गोली छेदने वाली थी या केवल सतही चोट पहुंचाने वाली?"
हैंड वॉश टेस्ट
हैंड वॉश टेस्ट एक फॉरेंसिक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल यह जानने के लिए किया जाता है कि किसी व्यक्ति ने हाल ही में फायरिंग की है या नहीं। जब कोई गोली चलाता है, तो गनपाउडर के छोटे कण हाथ पर जमा हो जाते हैं। हैंड वॉश टेस्ट के दौरान इन कणों को विशेष रसायन से साफ करके जांचा जाता है। इससे यह साबित होता है कि संबंधित व्यक्ति ने गोली चलाई है या नहीं। न्यायालय ने इस टेस्ट की मांग यह सुनिश्चित करने के लिए की कि गोलीबारी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो और सही तरीके से जांच की जा सके।
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बदलापुर एनकाउंटर पर HC ने उठाए सवाल, कहा-
1. पुलिस की पिस्टल अनलॉक क्यों थी?
अदालत ने सबसे पहले इस बात पर चिंता जताई कि पुलिस की पिस्टल उस वक्त अनलॉक क्यों थी। पुलिस के लिए सामान्य प्रोटोकॉल यह होता है कि वे हथियारों को केवल आवश्यक स्थिति में ही इस्तेमाल करें। पिस्टल का अनलॉक होना इस ओर इशारा करता है कि क्या हथियार का प्रयोग सही परिस्थितियों में किया गया था या नहीं। न्यायालय ने यह जानने की कोशिश की कि क्या इस एनकाउंटर के दौरान हथियारों का इस्तेमाल नियमों के मुताबिक हुआ।
2. तीन गोलियां चलीं, 1 लगी तो 2 कहां गईं?
कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि एनकाउंटर के दौरान कुल तीन गोलियां चलाई गईं, जिसमें से एक गोली आरोपी को लगी। लेकिन बाकी दो गोलियां कहां गईं? इस सवाल का उद्देश्य ये है की यह स्पष्ट होना जरूरी है कि बाकी गोलियां कहां चलाई गईं और वो कहां हैं?
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3. चार पुलिसकर्मी आरोपी को काबू क्यों नहीं कर सके?
एनकाउंटर के दौरान चार पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, फिर भी आरोपी को काबू में नहीं किया जा सका। कोर्ट ने यह पूछा कि जब चार प्रशिक्षित पुलिसकर्मी मौके पर थे, तो आरोपी को काबू में करने में उन्हें इतनी कठिनाई क्यों हुई। क्या उस समय और तरीके से काम नहीं किया गया, जो इस स्थिति को बिना गोलीबारी के सुलझा सकता था?
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4. घायल पुलिसकर्मियों की मेडिकल रिपोर्ट की मांग
अदालत ने इस घटना के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट घटना के समय की वास्तविकता को समझने में मदद करेगी। कोर्ट ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि घायल पुलिसकर्मियों को किस प्रकार की चोटें आईं और क्या वे चोटें एनकाउंटर के दौरान हुईं या किसी और कारण से।
5. गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई के संकेत
HC ने साफ कहा कि अगर इस एनकाउंटर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने संकेत दिए कि यदि पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो मामले में पूरी तरह निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी पर शक नहीं किया जा रहा है, लेकिन सच सामने लाना जरूरी है।
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