यूरोपीय देशों को लगता है रूस से डर, यूक्रेन के पाले से आग उगल रहे हैं इतने देशों के हथियार
यूरोपीय देशों को क्यों लगता है रूस से डर, रूस से डरते हैं यूरोप के देश, 20 देशों के हथियारों के साथ जमा हुआ है यूक्रेन, रूसी सेना के ख़िलाफ़ 20 देशों का झुंड Russia Ukraine War, latest war news
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कहां से मिली यूक्रेन को इतनी ताक़त
Russia Ukraine War : एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जंग की आग कुछ कम होती नज़र आ रही है। जंग में जूझ रहे दोनों ही देशों ने अपनी अपनी तरह से बचने और बचाने के रास्ते की तरफ देखना शुरू भी कर दिया है। लेकिन एक सवाल ज़रूर सभी के ज़ेहन में कौंध रहा होगा कि आखिर जब रूस और यूक्रेन कहीं न कहीं एक ही सतह पर आकर बात करते दिखाई दे रहे हैं तो फिर ये युद्ध आगे जारी क्यों बना हुआ है।
और उसी से मिलता जुलता सवाल ये भी खड़ा हो जाता है कि जब यूक्रेन जंग में जूझ रहा है, गहरी चोट खा रहा है...और लगातार कमज़ोर पड़ता जा रहा है तो फिर वो बराबर जंग में क्यों बना हुआ है। कहीं ऐसा तो नहीं कि यूक्रेन तो लड़ता हुआ सामने दिखाई दे रहा है लेकिन असल में पर्दे के पीछे से कोई और ही इस जंग की आग को हवा दे रहा है।
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जंग में इतनी आग कैसे लगी
Russia Ukraine War : इस सवाल का एक जवाब ज़रूर मिल जाता है, वो ये कि अगर इस जंग को गौर से देखें तो इसका अंदाज़ा तो मिल ही जाता है कि सामने से भले ही यूक्रेन लड़ रहा है लेकिन पीछे से जंग में उसकी जो मदद कर रहा है, उसकी ही वजह से इस जंग में ऐसी आग लगी हुई है, वर्ना शायद ये कब की बुझ गई होती।
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हालांकि एक बात पर ज़रूर दुनिया हैरत में दिखाई देती है कि रूस की ताक़तवर सेना के सामने यूक्रेन आखिर दो हफ़्तों का वक़्त कैसे निकाल सका। कैसे इतने दिनों तक उसने मोर्चा अपने हाथ से जाने नहीं दिया। तो इसके जवाब में अगर हम यूक्रेन के मददगारों की फेहरिस्त देखें तो जंग में उसके टिके रहने की वजह नज़र आ जाती है।
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यूक्रेन के साथ पर्दे के पीछे खड़े कितने देश
Russia Ukraine War : रूस मिसाइलों से तो हमले कर ही रहा है, लेकिन उसके लड़ाकू हेलिकॉप्टर और जेट फाइटर रह रहकर आग उगलते दिखाई दे रहे हैं। इसके जवाब में यूक्रेन ने नीदरलैंड से मिले रॉकेट लॉन्चर को मोर्चे पर तैनात कर रखा है। जबकि एस्टोनिया की एंटी टैंक मिसाइल जेवलिन ने रूस के टैंकों के रास्ते में रुकावटें खड़ी की हैं।
पोलैंड काफी पहले से ही यूक्रेन के मदद करता दिखाई दे रहा और उसने सतह से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइलों का गोदाम यूक्रेन के हवाले कर रखा है। और ऐसी ही मिसाइलें लात्विया से भी यूक्रेन को मिली हैं। कभी दुनिया के मंचों पर रूस का साथ देने वाले चेक रिपब्लिक ने भी यूक्रेन के पाले में अपने हथियारों की सप्लाई बढ़ा दी है। मशीन गन हो या स्नाइपर राइफल, पिस्तौल हों या दूसरे छोटे हथियार वो सब चेक गणराज्य से मिल रहे हैं।
20 देशों के हथियार उगल रहे आग
Russia Ukraine War : इस जंग में जिन देशों का नाम कभी कहीं भी झलकता दिखाई नहीं दिया स्वीडन और फिनलैंड...उन्होंने भी यूक्रेन के लिए हथियारों की सप्लाई रोकी नहीं है। रूस के साथ गैस के लंबे और सबसे बड़े सौदे में शामिल रहा जर्मनी भी यूक्रेन को अब स्टिंगर्स जैसे लॉन्चर देकर रूस के ख़िलाफ़ अपनी पैंतरे बाज़ी को धार दे रहा है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो अब तक रूस के ख़िलाफ खुले मोर्चे में यूक्रेन के अलावा 20 ऐसे देश नज़र आ रहे हैं जिनके हथियारों के दम पर यूक्रेन ने ताल ठोंकी है। अब यहां सबसे ज़्यादा गौर करने वाली बात ये है कि जिन देशों ने यूक्रेन की मदद के लिए अपने दरवाजे खोल रखे हैं उनमें से ज़्यादातर देश नाटो के सदस्य हैं।
और यही बात है कि रूस के साथ यूक्रेन की बात बनते बनते बिगड़ने के आसार ज़्यादा बन जाते हैं। उसकी वजह भी साफ है क्योंकि नाटो देशों ने अपने हथियारों के अलावा यूक्रेन की तरफ रूस और बेलारूस के बॉर्डर के पास 22 हज़ार से ज़्यादा की फौज को भी तैनात रहने का हुक्म दे दिया है।
रूस से लगता है डर
Russia Ukraine War : रूस को घेरने की फिराक़ में अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक कई देश कई तरह से हथकंडे अख्तियार कर रहे हैं। ऐसे में कुछ और भी यूरोप के देश हैं जिन्होंने इस आग में अपने हक़ की रोटी सेंक ली है। स्पेन ने 370 से ज़्यादा एंटी टैंक ग्रेनेड लॉन्चर, हल्की मशीन गन और राइफल के कारतूस की खेप को यूक्रेन के नज़दीक पोलैंड तक पहुँचाया है।
मगर रूस से सीधा पंगा लेने की हिम्मत किसी देश में है नहीं इसी वजह से यूरोपीय यूनियन के देश डरे हुए हैं...और इसीलिए पर्दे के पीछे से बारूद में आग लगाकर इस जंग को और लम्बा खींचने पर आमादा हैं।
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