नीरव मोदी का दिमाग ख़राब, आत्महत्या करना चाहता है नीरव मोदी

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नीरव मोदी का दिमाग ख़राब, आत्महत्या करना चाहता है नीरव मोदी
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भारत में जेल की सज़ा से बचने के लिए नीरव मोदी तरह तरह के परपंच कर रहा है, ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने कहा कि उसका दिमाग खराब है, वो गंभीर डिप्रेशन और आत्महत्या करने के जोखिम’ से जूझ रहा है। ज़ाहिर है कोर्ट में मानसिक स्वास्थ्य के ग्राउंड पर अक्सर राहत मिल जाती है, और हुआ भी यही। मानसिक आधार पर भारत के प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी है।

पंजाब नेशनल बैंक में करीब 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला कर भागे नीरव मोदी को भारतीय एजेंसियों की याचिका पर ब्रिटिश कोर्ट ने भारत भेजे जाने का आदेश दिया है। इस आदेश के आधार पर ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव के प्रत्यर्पण के आदेश पर अप्रैल में दस्तखत किए हैं। नीरव ने इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए अर्जी दी थी।

भारत जाने से बचने के लिए पिछले दिनों नीरव मोदी के वकीलों ने कहा था कि मुंबई की जिस आर्थर रोड जेल में प्रत्यर्पण के बाद नीरव को रखा जाना है, उसमें भीड़ और कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते उसके आत्महत्या करने की आशंका बढ़ जाएगी। उन्‍होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि नीरव की मानसिक स्थिति को देखते हुए प्रत्यर्पण करना ठीक नहीं होगा क्योंकि वह आत्मघाती कदम उठा सकता है।

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हाईकोर्ट की जस्टिस मार्टिन चैंबरलिन ने कोविड-19 नियमों के तहत रिमोट सुनवाई के दौरान अपील का फैसला दिया है। नीरव मोदी के वकील ने कोर्ट के सामने काफी गंभीर तर्क रखे थे। इसमें आत्महत्या जैसे तर्क दिए गए थे। इसी के बाद कोर्ट ने सुनवाई की। जस्टिन मार्टिन नीरव मोदी के वकील के तर्क से सहमत हो गईं।

मोदी के वकील ने तर्क दिया था कि मोदी के आत्महत्या के प्रयासों को रोकने लिए मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में पर्याप्त सुविधा पर बहस होनी चाहिए। नीरव मोदी को भारत आने पर इसी जेल में रखे जाने की उम्मीद है। जस्टिस मार्टिन ने आर्टिकल 3 और 4 के आधार पर मोदी को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की मंजूरी दी है। यह दोनों आर्टिकल यूरोपियन कन्वेंशन के मानव अधिकारों से जुड़े हैं। यह कानून अपील करने वालों के स्वास्थ्य से भी जुड़ा है।

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लंदन की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इसी साल फरवरी में नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इसके बाद अप्रैल में ब्रिटेन सरकार ने भी नीरव के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। ब्रिटेन सरकार के फैसले के बाद नीरव मोदी के पास ब्रिटेन की हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प बचा था। अब मोदी की अपील पर हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले पर अपील करने की मंजूरी दे दी है।

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ब्रिटिश कानून के अनुसार, किसी फैसले को चुनौती देने के लिए पहले संबंधित कोर्ट से अनुमति लेनी होती है। कोर्ट देखती है कि मामले में फैसले को चुनौती देने के पर्याप्त कारण हैं या नहीं।

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