Crime News: NIA का मिशन टॉप-10, नहीं बचेंगे विदेशों में बैठे भगोड़े आतंकी

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Crime News: NIA का मिशन टॉप-10, नहीं बचेंगे विदेशों में बैठे भगोड़े आतंकी
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NIA Operation for Terrorist: भारत मे आतंक (Terror) फैलाकर विदेशों में छिपना अब आसान नही होगा। गृह मंत्रालय (Home Ministry) के निर्देश पर विदेशों में छिपे आतंकियों (Terrorist) खालिस्तानियों और गैंगस्टर्स को चुन चुन कर भारत लाने को लेकर NIA मिशन चालू हो गया है। NIA पिछले कुछ दिनों से लगातार विदेशों में बैठे आतंकियों के खिलाफ जोरदार अभियान चला रही है।

ये आतंकी चाहे अमेरिका हो ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, दुबई, कनाडा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान मालदीव,और मलेशिया हो जहाँ भी छिपे है इन सबको अब केंद्र की सरकार बख्शने के मूड में नहीं है इसीलिए NIA के 10 मिशन(टीम) अलग अलग देशों में भेजी जा रही है या जा चुकी हैं।

NIA की कुछ टीमें तो आतंकियों को पकड़ कर भारत ला चुकी हैं। NIA भगोड़े आतंकियों और गैंगस्चर्स को भारत की धरती पर लाकर इनके खिलाफ मुकदमा चलाएगी। इसी कड़ी में हाल ही में कई खालिस्तानी आतंकियों को भारत में पकड़ कर लाया गया है। वहीं दूसरी तरफ एनआईए की टीम दुबई ऑस्ट्रिया लंदन अमेरिका कनाडा जर्मनी सहित दूसरे देशों में जाकर भगोड़े आतंकवादियों पकड़कर भारत की धरती पर कानूनी कार्रवाई करने की पूरी तैयारी में है।

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NIA का मिशन "लिंज ऑस्ट्रिया"

NIA ने 4 जांबाज अधिकारियों की टीम ऑस्ट्रिया के लिंज भेजा था जहाँ से NIA ने खूंखार आतंकी को भारत लेकर आई इसका नाम है बिक्रमजीत सिंह है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ऑस्ट्रिया से प्रत्यर्पण के बाद तरनतारन हमले के मास्टर माइंड वांछित आरोपी बिक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

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बिक्रमजीत सिंह, जिसे बिक्कर पंजवार और बिक्कर बाबा जैसे अलग-अलग उपनामों से भी जाना जाता है, इस पर आरोप है कि उसने अपने करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर पंजाब में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए एक आतंकी गिरोह बनाया था।NIA की टीम ऑस्ट्रिया जाकर इसको प्रत्यर्पित करवाया और इसके खिलाफ भारत की धरती पर मुकदमा चलेगा।

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NIA का मिशन "मलेशिया"

NIA ने 10 लाख के इनामी आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया को गिरफ्तार किया को हाल ही में गिरफ्तार है। हैप्पी लुधियाना कोर्ट बम ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता है। इस विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए थे यह मामला  23 दिसंबर 2021 को लुधियाना कमीशनरेट में दर्ज किया गया था।

13 जनवरी 2022 को एनआईए द्वारा फिर से रजिस्टर किया गया था। कुआलालंपुर से आकर दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरने पर उसे गिरफ्तार किया गया।इस पूरे ऑपरेशन में क़वालालम्पुर से लेकर दिल्ली तक NIA की एक टीम भी काम कर रही थी।जिसके बाद NIA को इस मिशन में सफलता मिली है।

NIA का मिशन "श्रीलंका"

भारत में श्रीलंका के रास्ते ड्रग्स औऱ AK-47/Vizhinjam आर्म्स केस में NIA की 3 सदस्यीय टीम श्रीलंका भेजी गई ।लिट्टे से जुड़े आरोपियों की जाँच के लिए NIA की टीम श्रीलंका भेजी गई थी। ये दिल्ली से NIA के 3 अधिकारी भेजे गए थे।श्रीलंका के रास्ते भारी मात्रा में हथियार ड्रग्स भेजे गए थे।LITTE को एक बार फ़िर जिंदा करने की फिराक में आतंकी संगठन। NIA ने इस मामले में श्रीलंका के नागरिकों सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।NIA की टीम श्रीलंका के state intelligence agency (SIS)और पुलिस से जानकारी साझा कर। पकड़े गए श्रीलंकन आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल किया है साथ ही इनके आतंकी संगठनों से सबंध को भी खंगाला है।

NIA का मिशन 'मालदीव"

मालदीव से ISIS के बढ़ रहे ख़तरे को देखते हुए MHA ने NIA की टीम पड़ोसी देश मालदीव भेजी।NIA की "सुपरकॉप टीम" मालदीव में भेजा गया है।हाल ही में मालदीव की पुलिस/जाँच एजेंसी ने 15 ISIS के आतंकियों को मालदीव में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार 15 आतंकियों ने खुलासा किया कि उन्होंे ज़ाकिर नाईक के वीडियो और रेडिकल स्पीच सुनकर ISIS में शामिल हुए।

भारत से NIA की एक टीम को इन ISIS के समर्थक औऱ आतंकियों से पूछताछ और मालदीव की इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के मदद लिए भेजा गया है।NIA के अधिकारी ISIS के पकड़े गए आतंकियों के इन्वेस्टिगेशन में मालदीव की जाँच एजेंसी की मदद करेंगे।ज़ाकिर नाईक भारत का भगोड़ा है।और NIA की मोस्टवांटेड लिस्ट में शामिल है। क्योंकि NIA के पास ज़ाकिर नाईक से जुड़े कई सबूत है।

यही वजह है कि मालदीव की जाँच एजेंसी NIA की मदद से ज़ाकिर नाइक के पूरे लिंक को खंगालना चाहती है।मालदीव क्योकि भारत का पड़ोसी देश है वहाँ ISIS की गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ रही है। भारत को भी खतरा हो सकता है इसलिए NIA की टीम तफ्तीश करना चाहती है। ख़ुफ़िया सूत्रों ने जानकारी दी है कि मालदीव में ISIS और रेडिकल गतिविधि इस समय बहुत तेज़ी से बढ़ रही है।

NIA का मिशन बैंकाक

5 लाख के इनामी खालिस्तानी आतंकी कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानुपरिया 2019 से फरार था. जांच एजेंसियां कई मामलों में उसकी तलाश कर रही थी. इसमें पंजाब में टारगेटेड किलिंग भी शामिल है. उस पर दिल्ली के कनॉट प्लेस में भी धमाके का आरोप है इसके अलावा 90 के दशक में वह कुछ राज्यों में ग्रेनेड धमाके भी कर चुका है।

NIA टीम ने थाईलैंड से जैसे ही खनपुरिया दिल्ली IGI लैंड किया उसको धर दबोचा। सूत्रों के मुताबिक NIA की एक टीम बैंकाक भी गयी थी। जांच से पता चला है कि डेरा सच्चा सौदा से जुड़े प्रतिष्ठानों के साथ-साथ पंजाब में पुलिस और सुरक्षा से जुड़े प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था।

भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश के पीछे कुलविंदरजीत उर्फ खानपुरिया मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड है. इसके अलावा, वह पंजाब और पूरे देश में आतंक पैदा करने के उद्देश्य से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निशाना बना रहा था. उन्होंने कुछ टारगेट की टोह भी ली थी।

NIA का मिशन दुबई।

NIA सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक NIA की एक टीम जल्द ही दुबई जा सकती है।जिसका मकसद साफ कि दुबई में छिपकर भारत के खिलाफ आतंकी और गैंगस्टर एक्टिविटी चलाने वाले आतंकियों की धरपकड़ कर भारत लाया जाएगा। दरअसल NMFT की मीटिंग के बाद गृह मंत्रालय ने ये फैसला किया है।जो भी भगोड़े आतंकी गतिविधियों मे शामिल है उनको जल्द से जल्द भारत लेकर देश की सरजमीं औऱ यहाँ के कानून के तहत उनको दण्ड दिया जाए।

NIA का मिशन "वियना"

एनआईए सूत्रों की तरफ से जानकारी मिली है कि एनआईए की एक टीम वियना जा रही है जहां पर एक कॉन्फ्रेंस को NIA की टीम अटेंड करेगी साथ ही यहां पर देशों की जाँच एजेंसियों के बीच में एक बातचीत भी हो सकती है कि किसी भगोड़े को कैसे भारत लाना है उस पर देशों में म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग कैसे बनाने का प्रयास किया जाएगा साथ ही इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस पर देशों के बीच में किस तरीके से कदम बढ़ाए जाएं इस कॉन्फ्रेंस में भारत की टीम बातचीत करेगी।माना यह जा रहा है कि वियना से भारत को कई महत्वपूर्ण सफलता मिल सकती है।

NIA का मिशन "लंडन और अमेरिका"

सूत्रों के मुताबिक NIA की 2 टीमे एक लंदन और दूसरी अमेरिका जल्द ही जा सकती है।लंदन और अमेरिका में इस समय कई भगोड़े आतंकी है साथ ही NIA, UN द्वारा पाक के घोषित आतंकियों से जुड़े कई सबूत वहाँ की एजेंसियों को मुहैय्या करा सकता है। सूत्रों के मुताबिक अब आतंकियों की खैर नहीं।दरअसल केंद्र सरकार आतंकवाद को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है देश विदेश में छिपे आतंकियों को चुन-चुन कर पकड़ा जा रहा है।

NIA का मिशन "FBI"

सूत्रों ने जानकारी दी है कि एनआईए की एक टीम अमेरिका जांच एजेंसी एफ़बीआई से जल्द मीटिंग कर सकती है।एफ़बीआई से मीटिंग का मकसद है आतंकवादी गतिविधियों में उसकी मदद ली जा सके साथ ही नई तकनीकों की ट्रेनिंग और जानकारी भी हासिल की जा सके।फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) संयुक्त राज्य अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की एक एजेंसी है जो एक संघीय आपराधिक जाँच निकाय और एक आंतरिक खुफिया एजेंसी दोनों के रूप में कार्य करती है। एफबीआई के पास संघीय अपराध की 200 से अधिक श्रेणियों के उल्लंघन की जाँच का अधिकार है।

NIA का मिशन "जर्मनी"।

सूत्रों के मुताबिक जसविंदर सिंह मुल्तानी के बारे में जर्मनी की जाँच एजेंसी से एनआईए की टीम जल्द ही बातचीत और मुलाकात कर सकती है। लुधियाना बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड  जसविंदर सिंह मुल्तानी इन दिनों जर्मनी में छिपा है और NIA की मोस्टवांटेड लिस्ट में शामिल है।

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