हरियाणा में धरे गए गुजरात के पुलिस इंस्पेक्टर, हवाई जहाज़ से आए थे गुरुग्राम 3 लाख की घूस लेने
हवाई जहाज से आए थे इंस्पेक्टर साहब गुरुग्राम में रिश्वत लेने, हरियाणा में धरे गए गुजरात के पुलिस इंस्पेक्टर हवाई जहाज से गुरुग्राम आए, , गुजरात पुलिस का रिश्वतखोर पुलिस अफसर
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Latest Crime News: गुरुग्राम में हरियाणा पुलिस ने एक रिश्वतखोर गुजरात पुलिस के इंस्पेक्टर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। हरियाणा की विजिलेंस टीम ने PWD रेस्ट हाउस के पास से दो लाख की रिश्वत लेते रोहतक रेंज के DSP ने गिरफ़्तार किया। इस मामले की शिकायत पुलिस के पास DLF के रहने वाले संदीप पुरी ने की थी। मजे की बात ये है कि ये इतने फन्नेखां पुलिसवाले हैं कि रिश्वत का पैसा लेने बाक़ायदा गुजरात से हवाई जहाज़ पकड़कर गुरुग्राम पहुँचे थे।
दरअसल रोहतक रेंज की विजिलेंस टीम को शिकायत मिली थी के गुजरात राजपीपला नर्मदा में तैनात थाना प्रभारी फरीदाबाद के रहने वाले शख्स से जुड़े एक केस को कमजोर करने की एवज में 3 लाख की डिमांड कर रहे थे जिसमे एक लाख रुपये उसने पीड़ित से राजपीपला थाने गुजरात मे ही ले लिए थे जबकि 2 लाख लेने के लिए बाई एयर गुरुग्राम आया था।
Haryana Crime News: रोहतक रेंज के DSP सुमित कुमार की मानें तो गुजरात पुलिस ने फरवरी 2022 में यूनिवर्सिटी की फ़र्ज़ी डिग्री बनाने मामले का भंडाफोड़ किया था। इस सिलसिले में गिरफ्तार एक महिला ने पुलिस के सामने खुलासा किया था की अमरिंदर पुरी ने फ़र्ज़ी डिग्री बनाने के खेल में बड़ी भूमिका निभाई थी।
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बस इसी मामले में थाना प्रभारी जगदीश चौधरी ने अमरेंद्र पुरी को फरवरी महीने में गिरफ्तार किया था। लेकिन तभी उन्हें अपना वो फ़र्ज़ याद या जो वर्दी पहनते ही इन्हें याद ही रहता है। लिहाजा अमरिंदर के परिवार से केस को कमजोर करने और सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश ने करने की एवज में अपनी जेब गर्म करने की बात कही और तीन लाख रुपये में सौदा पट गया।
अब ये घूस की रकम उन तक पहुँचे कैसे। क्योंकि जिसे रिश्वत देनी थी वो तो गुरुग्राम में बैठा और जिसे लेनी थी वो गुजरात में। लिहाजा गुजरात पुलिस के इंस्पेक्टर ने तोड़ निकाना और वर्नी पहनकर सीधे गुजरात से गुरुग्राम लैंड कर गए। और टैक्सी लेकर सीधे सेक्टर 49 जा पहुँचे।
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Gujrat Police Inspector उधर जिसका केस कमजोर करने की सिफारिश के साथ इंस्पेक्टर चौधरी गुरुग्राम के सेक्टर 49 पहुँचे थे। वहां तो उनकी बेइज्जती हो गई। क्योंकि शिकायतकर्ता के भाई यानी संदीप पुरी का कहना है कि उनके भतीजे ने कोई जुर्म नहीं किया फिर भी पुलिस वालों ने केस बनाकर उसे अंदर कर दिया। और इस मामले में जब शुरु में पुलिस इंस्पेक्टर से गुहार लगाई तो उन्होंने अपने इमान की क़ीमत 15 लाख रुपये तय कर दी। लेकिन जब सौदेबाज़ी हुई तो वो 15 लाख से सीधे पांच लाख और आखिर में तीन लाख को फाइनल कहकर बात ख़त्म कर दी।
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इंस्पेक्टर साहब ने एक और च्वाइस भी दी थी कि जब वो चार्जशीट तैयार करेंगे तो उसमें इतना हल्का कर देंगे कि केस पहली सुनवाई में ही कोर्ट में ख़ारिज हो जाएगा और आराम से दोषमुक्त हो जाएगा।
संदीप पुरी ने जब इंस्पेक्टर साहब की बात सुनी तो उन्होंने विजिलेंस के कान भर दिए। बस विजिलेंस लग गई पीछे। और धर लिए गए नकद।
रोहतक के डीएसपी की बातों पर यक़ीन करें तो इंस्पेक्टर जगदीश चौधरी 2019 में सीधे इंस्पेक्टर बन गए थे। और फरवरी 2022 को राजपीपला नर्मदा गुजरात थाने में उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी।
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