Russia Ukraine War: यूक्रेन के इस शहर के शॉपिंग मॉल पर रूस ने किया इस मिसाइल से हमला
Russia Ukraine War: रूसी सेना (Russian Army) ने यूक्रेनी शहर क्रेमेनचुक (Kremenchuk) के शॉपिंग मॉल (shopping mall) पर मिसाइल (Missile) से हमला किया जिससे 16 लोगों की मौत हो गई, और 59 लोग घायल हो गए
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Russia Ukraine War: बीते चार महीनों (Four Month) से रूस (Russian) के रॉकेट (Rocket) और मिसाइलें (Missiles) यूक्रेन के आसमान से मौत बरसा रही हैं। बीते चार महीनों से यूक्रेन बरबाद हो रहा है। बीते चार महीनों से रूस की सेना यूक्रेन की ज़मीन को बारूद से झुलसा रही है। इस देश में दम तोड़ती उम्मीदों की लाशें यूक्रेन के अलग अलग शहरों में खुलेआम नज़र आ रही हैं।
लेकिन 27 जून की रात एक बार फिर यूक्रेन के क्रेमेनचुक शहर (Kremenchuk) पर तबाही और मौत की बरसात हुई। जब रूस की मिसाइल ने एक आबाद मॉल को बर्बाद कर दिया। जिस वक़्त मिसाइल क़हर बनकर मॉल पर टूटी तो वहां एक ही झटके में 16 जिंदगियों की सांसे टूट गईं। जबकि 60 से ज़्यादा लोग जंग की ज्वाला में बुरी तरह झुलसकर रह गए। रूस ने यूक्रेन के शहर क्रेमेनचुक में मिसाइल हमला करके पूरी दुनिया को ही चौंका दिया है।
Russia Ukraine War: इस हमले के बाद एक तरह से रूस की सेना और रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के ख़िलाफ निंदा के तीरों की बौछार शुरू हो गई। यूक्रेन के एयरफोर्स अधिकारियों की अब तक की तफ़्तीश में ये बात सामने आई है कि रूस ने यूक्रेन के जिस मॉल पर जिस मिसाइल से हमला किया उसके बारे में बताया जा रहा है कि वो KH-22 एंटी शिप मिसाइल है।
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इस मिसाइल को लॉन्च भी रूस के TU-22 बॉम्बर्स से किया गया। यानी ये मिसाइल यूं ही नहीं दागी गई या फिर यूं ही गलती से नहीं दग गई। इसे बाकायदा पूरी प्लानिंग के तहत बॉम्बर्स से दागा गया है।
Russia Ukraine War: यूक्रेन के एयरफोर्स के अधिकारियों ने ये भी पता लगाया है कि इस मिसाइल को रूस के कुर्स्क इलाक़े (KURSK REGION) से चलाया गया। और जिस वक़्त हमला हुआ उस समय जर्मनी के शहर में दुनिया के सात बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे।
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जर्मनी में सात बड़े देशों यानी G7के नेताओं की बैठक के दौरान रूस का यूक्रेन के मॉल पर हमला एक तरह से इंसानियत पर किए गए हमले जैसा देखा जा रहा है। लिहाजा G7की बैठक में इस हमले को यूद्ध अपराध की जमात में लाकर खड़ा कर दिया। ज़ाहिर है इस हमले की रोशनी में दुनिया के सात बड़े देशों के नेताओं की जुबान पर रूस पर पाबंदी की वकालत करने के अलावा और क्या निकल सकता है।
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