Republic day: कर्तव्य पथ पर दिखी भारत की सांस्कृतिक धरोहर, सैन्य शक्ति की झलक
Delhi News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं एवं गणमान्य लोगों ने भव्य परेड देखी। इस अवसर पर सशस्त्र सेनाओं के सदस्य भी मौजूद थे।
ADVERTISEMENT
Delhi News Republic day: गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्यपथ पर देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया जहां भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, नारी शक्ति एवं आधुनिक युग की उसकी उपलब्धियां, भविष्य के भारत का खाका और देश की रक्षा करने की फौज की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
देश के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य रूप से ‘नारी शक्ति’ के विभिन्न रूपों के दर्शन हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं एवं गणमान्य लोगों ने भव्य परेड देखी। इस अवसर पर सशस्त्र सेनाओं के सदस्य भी मौजूद थे।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रहे। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र के सशस्त्र बलों के एक दस्ते एवं संगीत बैंड ने भी हिस्सा लिया। मिस्र के मार्चिंग दस्ते में उस देश के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं के 144 सैनिक शामिल थे और इसका नेतृत्व कर्नल महमूद मोहम्मद अब्दुलफतेह एलखारासावी ने किया।
ADVERTISEMENT
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10.30 बजे तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के साथ परेड शुरू हुई। इस बार 21 तोपों की सलामी पुरानी 25 लोढ़ा तोप के स्थान पर 105 एमएम की भारतीय तोप से दी गई। यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को प्रदर्शित करता है।
सलामी मंच पर द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में कर्तव्य पथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया । अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों एवं जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया ।
ADVERTISEMENT
सबसे आखिर में रोमांच से भर देने वाले युद्धक विमानों को कर्तव्य पथ के उपर से उड़ान भरते देखा गया। धुंध के बीच कम दृश्यता में भी 50 युद्धक विमानों के करतब देखने के लिये लोग उत्सुक नजर आए। अधिकारियों के अनुसार, गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सैन्य उपकरणों में ‘‘मेड इन इंडिया’’ की प्रमुखता रही और यह आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप थी।
ADVERTISEMENT
परेड में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल प्रणाली, के-9 बज्र प्रणाली का प्रदर्शन किया गयाा। आकाश मिसाइल प्रणाली के प्रदर्शन की अगुवायी लेफ्टनेंट चेतना शर्मा ने की। सेना के मर्चिंग दस्ते में डोगरा रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इंफैंट्री, बिहार रेजिमेंट, गोरखा ब्रिगेड के अलावा मैकेनाइज्ड इंफैंट्री के जवानों ने चटख सलामी दी।
गणतंत्र दिवस परेड में एक प्रमुख आकर्षण सीमा सुरक्षा बलों का ऊंट दस्ता रहा। कर्तव्यपथ पर ऊंट दस्ते को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह देखा गया। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय समर स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुख भी मौजूद थे।
इसके बाद प्रधानमंत्री गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए कर्तव्य पथ पहुंचे। उनके वहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और समारोह के मुख्य अतिथि और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी कर्तव्य पथ पर मुख्य समारोह स्थल पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी अगवानी की।
सेंट्रल विस्टा की साजसज्जा एवं नये स्वरूप में तैयार किये जाने के बाद पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही पिछले वर्ष राजपथ का नामकरण कर्तव्य पथ करने के बाद पहली बार परेड हुई। परेड में भारतीय नौसेना के 144 सदस्यों वाले दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने किया । इसके साथ ही परेड में नौसेना की झांकी भी प्रस्तुत की गई जिसमें बल की बहुआयामी क्षमता एवं नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया।
परेड में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के उपकरणों एवं झांकी का प्रदर्शन किया गया जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिये प्रभावी निगरानी, संचार और खतरों से निपटने पर केंद्रित थी। इसमें स्वदेशी प्रतिरक्षा प्रणाली डब्ल्यूएचएपी सहित अन्य निगरानी उपकरण शामिल हैं।परेड में परम वीर चक्र, महावीर चक्र, अशोक चक्र विजेताओं ने भी हिस्सा लिया।
गणतंत्र दिवस पर परेड में वायु सेना के 144 सदस्यों के दस्ते ने भी हिस्सा लिया जिसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने किया। परेड में 17 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों तथा मंत्रालयों एवं विभागों की 23 झांकियों का प्रदर्शन किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम के अलावा जम्मू कश्मीर, लद्दाख आदि की झांकियां शामिल थीं।
ADVERTISEMENT