दिल्ली पुलिस ने सुनाया मूसेवाला के क़त्ल का पूरा क़िस्सा, दो मॉड्यूल के शूटरों ने किया शूटआउट
Moose Wala Murder: सिद्धू मूसेवाला मर्डर मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने पूरी कहानी उजागर कर दी है। कैसे दो मॉड्यूल (Modules) में शामिल छह शूटरों (Six Shooter) ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
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Moose wala Murder: सिद्धू मूसेवाला मर्डर (Moose Wala Murder) का सनसनीखेज़ सच अब दिल्ली पुलिस के ज़रिए सामने आ गया है। खुलासा यही है कि पंजाबी सिंगर (Punjabi Singer) की हत्या के लिए 29 मई को शूटरों के दो मॉड्यूल (Module) ने उस शूटआउट (Shootout) को अंजाम देकर सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतारा था।
ये सारा घटनाक्रम अभी तक तो बस अंदाज़ और कयासों पर आधारित था। यानी जितने मुंह उतनी बातें हो रही थीं...लेकिन अब दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने उस शूटआउट में शामिल एक शूटर को गिरफ़्तार करने के बाद हत्याकांड का वो सच उजागर कर दिया जो असल में वहां हुआ।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर HGS धारीवाल ने इसी सिलसिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो घटनाक्रम का पूरा क़िस्सा किसी फिल्म की कहानी की तरह सामने आ गया।
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शूटरों ने कैसे सिद्धू मूसेवाला की 15 दिन से ज़्यादा नौ बार रेकी की...और फिर उस रोज़ मुखबिरी होने के बाद कैसे उसका पीछा करके उसे मौत के घाट उतारा।
शूटआउट की उस कहानी में पुलिस ने जिन छह किरदारों का ज़िक्र किया उनमें से दो लोगों को दिल्ली पुलिस ने ही गिरफ़्तार किया है। जिसमें से एक है प्रियव्रत फौजी और कशिश।
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक गुजरात से गिरफ़्तार किया गया शूटर प्रियव्रत फौजी ही वो क़ातिलों की टोली का वो लीडर है, जिसने एक मॉड्यूल को लीड किया। पुलिस के मुताबिक दो मॉड्यूल के छह शूटरों ने इस शूटआउट को अंजाम दिया था।
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Police Two Module: पहले मॉड्यूल में चार शूटर थे। जिनकी अगुवाई प्रियव्रत फौजी कर रहा था। वो बोलेरो गाड़ी पर सवार था जबकि उसकी गाड़ी को कशिश ड्राइव कर रहा था। उस बोलेरो गाड़ी में उसके साथ अंकित सिरसा और दीपक मुंडी भी मौजूद थे। जबकि दूसरे मॉड्यूल में जगरुप रूपा और मनप्रीत मन्नू के साथ कोरोला कार पर सवार था।
संदीप उर्फ केकड़ा से इत्तेला मिलने के बाद जैसे ही प्रियवर्त के पास सिद्धू मूसेवाला की पुख़्ता खबर प्रियव्रत के पास पहुँची तो उसने अपनी बोलेरो गाड़ी को सिद्धू मूसेवाला की थार के पीछे लगा दिया। जबकि सिद्धू मूसेवाला के घर से निकलते ही कुछ ही दूरी से कोरोला कार थार के पीछे लगी हुई थी।
और जैसे ही जवाहरके गांव के एक मोड़ पर थार गाड़ी ज़रा सी धीमे हुई तो कोरोला कार चला रहे जगरूप रूपा ने थार गाड़ी को ओवरटेक करते हुए टक्कर मारकर इस तरह से गाड़ी अड़ा दी ताकि सिद्धू की गाड़ी आगे न बढ़ सके। और ऐसे करने के फौरन बाद जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू गाड़ी से उतरे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
Delhi Police Press Conference: इसी बीच थार का पीछा कर रही प्रियव्रत फौजी की बोलेरो भी वहां पहुँच गई। उससे भी चारो शूटर उतरे और सभी ने अपने अपने हथियारों से सिद्धू मूसेवाला और उसकी थार पर गोली बरसानी शुरू कर दी।
इसके बाद जब कातिलों को इत्मिनान हो गया कि अब सिद्धू मूसेवाला ज़िंदा नहीं बच सकता है तो सभी छह शूटर वहां से भाग निकले। मन्नू और रूपा वहां से एक साथ अलग निकले जबकि बोलेरो कार पर सवार होकर प्रियव्रत फौजी और उसके साथ दूसरी दिशा में भाग निकले।
और क़रीब 13 किलोमीटर दूर जाकर वहां प्रियव्रत फौजी ने अपनी बोलेरो को वहीं लावारिस हालत में छोड़ दिया। वहां उन्हें केशव मिला, जो पहले ही वहां एक गाड़ी लेकर मौजूद था। वो अपने साथियों को लेकर वहां से भाग निकला और सीधे फतेहाबाद जाकर रुके।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्रियव्रत फौजी को जब फतेहाबाद में पकड़े जाने का डर सताया तो वो वहां से सीधा गुजरात के मुंद्रा पोर्ट के पास चला गया। वहां एक लोकल प्रॉपर्टी डीलर के ज़रिए एक किराए का मकान लिया और वहीं छुप गए। मगर दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से इन सबके चेहरे उजागर कर दिए थे उसकी वजह से प्रियव्रत फौजी का छुपकर रह पाना गुजरात में भी मुश्किल हो गया और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे दबोच लिया।
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