Delhi News: दिल्ली दंगे में दो साल बाद दर्ज हुई मौत की एफआईआर, अब बना गैर इरादातन हत्या का केस
Delhi Riots: दिल्ली में हुए दंगों में सिकंदर नाम के एक शख्स की मौत के मामले में पुलिस ने अब गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है, शिकायतकर्ता सिकंदर का बड़ा भाई कई साल ये इंसाफ की लड़ाई लड़ रहा है।
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Delhi Riots News: दिल्ली के रहने वाले अशफाक के मुताबिक उसका छोटा भाई सिकंदर आरटीवी में कंडक्टर का काम करता था और अक्सर वही सो भी वही जाया करता था। सिकंदर घर पर 10 से 15 दिन के बाद आया करता था। अशफाक ने आजतक से बताया कि 24 फरवरी को वह अपनी दुकान में थे भजनपुरा पर और किसी तरीके से शाम को वो घर पहुंचे। लेकिन सिकंदर का पता नहीं चला।
दरअसल सिकंदर कई दिनों बाद घर आता था इसलिए वह लोग ज्यादा परेशान नहीं हुए। लेकिन जब अशफाक की बहन फोन करके अशफाक से सिकंदर के बारे में पूछा तब यह लोग परेशान हुए और सिकंदर की खोजबीन शुरू की। अशफाक के मुताबिक 23 फरवरी को सिकंदर घर से निकला था इसके बाद जब वह काफी दिनों तक नहीं आया तो उनकी बहन ने किसी को फोन किया तो उसने इनकी बहन को बताया कि तुम्हारे भाई को मार दिया है किसी ने।
इसके बाद अशफाक खजूरी खास थाने पहुंचते हैं और वहां पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। फिर काफी खोजबीन के बाद इन्हें पता लगा कि उनके भाई की बॉडी गुरु तेग बहादुर अस्पताल के मोर्चरी में लावारिस हालत में पड़ी हुई है। पोस्टमार्टम के बाद सिकंदर के शव को उनके परिवार वालों को दे दिया गया। अशफाक के मुताबिक 19 मार्च 2020 को सिकंदर का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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अशफाक दावा कर रहे हैं कि सिकंदर के शरीर पर चोट के कई निशान थे फ्रैक्चर भी था। अशफ़ाक के मुताबिक कुछ संस्थाओं ने उनसे संपर्क किया था लेकिन उसमें उनका काफी वक्त बर्बाद हो गया और फिर बाद में इन्होंने वकील के जरिए कोर्ट में एप्लीकेशन लगाई और फिर 19 अक्टूबर को दिल्ली के खजूरी खास थाने में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के मामले में केस दर्ज किया है।
इस पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस ने एक स्टेटमेंट जारी करके बताया है कि 27 फरवरी 2020 को 45 साल का एक युवक बेहोशी की हालत में खजूरी खास लाल बत्ती के पास मिला था। जिसे जेपीसी हॉस्पिटल में ले जाया गया था। लेकिन डॉक्टरों ने उसे वहां पर मृत घोषित किया था। जिसके बाद पुलिस ने 144CrPC की कार्रवाई शुरू कर दी थी।
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पुलिस का कहना है कि काफी पहचान की कोशिश की गई लेकिन मृतक की पहचान नहीं हो पा रही थी। 11 मार्च को मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया। फिर 19 मार्च को पीड़ित की पहचान सिकंदर के रूप में हुई और पुलिस ने शव को सिकंदर के परिवार वालों को सौंप दिया था।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी चोट का जिक्र नहीं है और मौत की वजह “Respiratory failure.” है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद 19 अक्टूबर को गैर इरादतन हत्या की धारा में एफ आई आर दर्ज की गई है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में सिकंदर की मौत का दिल्ली दंगों से कोई जुड़ाव नहीं दिख रहा नहीं कोई इससे जुड़ा सबूत मिला है।
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