Delhi Crime: जिम मालिक की हत्या में खुलासा, हत्या में जूडो नेशनल प्लेअर शामिल, विदेश भाग रहे थे आरोपी

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Delhi Crime News: दिल्ली के प्रीत विहार में हुई जिम मालिक (Gym Owner) की हत्या (Murder) के मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने कत्ल के इल्जाम में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल प्रीत विहार मेन रोड पर मौजूद जिम के ऑफिस में बैठे महेंद्र अग्रवाल को 30 दिसंबर की देर शाम गोलियों से भून दिया गया था। 

पुलिस ने जांच शुरु की तो पता चला कि इंद्र वर्धन नाम के आरोपी ने महेंद्र अग्रवाल के बिजनेस में चार लाख 75 हजार इन्वेस्ट किए थे। इंद्र वर्धन पहले महेंद्र के जिम में मैनेजर था। आरोप है कि इंद्रवर्धन लगातार अपने पैसों का रिटर्न मांर रहा था। लेकिन महेंद्र ना तो उसका पैसा वापस कर रहा था और ना ही उसकी सैलरी दे रहा था। यही वजह थी कि इंद्रवर्धन ने महेंद्र की हत्या की साजिश रच डाली।

पुलिस महेंद्र के कत्ल की जांच कर रही थी तो कॉल डिटेल्स से पता चला कि महेंद्र की बातचीत इंद्रवर्धन से हुआ करती थी। पुलिस को ये भी पता चला कि महेंद्र औ इंद्रवर्धन के बीच विवाद थाने तक पहुंचा था। महेंद्र अग्रवाल ने इंद्र वर्धन शर्मा के खिलाफ अपहरण का केस भी दर्ज कराया था। दिल्ली पुलिस  की क्राइम ब्रांच ने इंद्रवर्धन से पूछताछ की कोशिश की तो पता चला कि महेंद्र की हत्या के बाद से ही वो फरार था।

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लिहाजा पुलिस की दो टीमें उसकी तलाश में जुट गईं। सर्विलांस जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि इंद्र वर्धन शर्मा और उसका साथी रवि दोनों देश से बाहर भागने की फिराक में है। दोनों रक्सौल बॉर्डर से भागने वाले हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्रैप लगाकर रक्सौल बॉर्डर से दोनों को पकड़ लिया। पकड़ में आए आरोपियों में से एक राष्ट्रीय स्तर पर जूडो कंपटीशन में सिल्वर पदक जीत चुका है।

पुलिस के मुताबिक 30 दिसंबर की देर शाम जब महेंद्र अग्रवाल प्रीत विहार मेन रोड पर बने अपने जिम के दफ्तर में बैठे हुए थे तभी दो शख्स हाथ में हथियार लेकर पहुंचे और उन्होंने महेंद्र अग्रवाल पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और मौके से भाग निकले। खून से लथपथ महेंद्र अग्रवाल को जब तक अस्पताल ले जाया जाता तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

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शुरुआती जांच में दिल्ली पुलिस को पता लगा कि इंद्र वर्धन शर्मा नाम का एक शख्स था जो कि महेंद्र अग्रवाल के जिम में मैनेजर के तौर पर काम करता था। पुलिस को पता लगा कि इंद्र वर्धन शर्मा का अपनी सैलरी और कुछ पैसों को लेकर के महेंद्र अग्रवाल से विवाद हुआ था। इसके बाद महेंद्र अग्रवाल ने इंद्र वर्धन शर्मा के खिलाफ अपहरण की एक एफ आई आर दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने इंद्र वर्धन को गिरफ्तार कर लिया था।

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पुलिस को पता लगा कि महेंद्र अग्रवाल की कत्ल के बाद इंद्र वर्धन फरार है जिसकी वजह से पुलिस को इंद्र वर्धन पर शक हो गया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में इस मामले में महेंद्र अग्रवाल की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इंद्र वर्धन को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी इंद्र वर्धन शर्मा ने बताया कि वह पिछले काफी वक्त से महेंद्र अग्रवाल के लिए काम करता था और उसने चार लाख 75 हजार महेंद्र अग्रवाल के बिजनेस में लगाए थे। आरोप है कि महेंद्र अग्रवाल ने इंद्र वर्धन के ना तो वह पैसे वापस किए और नहीं उसकी सैलरी।

पैसे ना मिलने से गुस्साए इंद्र वर्धन ने महेंद्र अग्रवाल के अपहरण की कोशिश की। पुलिस अफसरो ने बताया कि महेंद्र की हत्या के लिए इंद्रवर्धन ने सबसे पहले हथियार जुटाए। अपने दो दोस्तों रवि और विजय को साजिश में शामिल किया। वारदात वाले दिन विजय गाड़ी चला कर रवि और इंद्र को लेकर जिम पर पहुंचा जिसके बाद रवि और इंद्र पिस्टल लेकर महेंद्र अग्रवाल के ऑफिस में गए और वहां उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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