Delhi crime news: कोरोना की बूस्टर डोज़ के नाम पर ठगी, दिल्ली पुलिस ने वॉट्सऐप हैक करने वाला गिरोह पकड़ा

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Delhi crime news: कोरोना की बूस्टर डोज़ के नाम पर ठगी, दिल्ली पुलिस ने वॉट्सऐप हैक करने वाला गिरोह ...
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कोरोना के नाम पर कंगाल करते ठग

DELHI CRIME: अगर आप कोरोना की महामारी को लेकर चौकन्ने हैं और अपने साथ साथ अपने परिवार को पूरी तरह से सुरक्षित रखना चाहते हैं तो सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें। लेकिन चौकन्ने होने का ये मतलब कतई नहीं कि इस कोरोना के नाम पर किसी के भी झांसे में आ जाएं।

इतना समझ लीजिए, कोरोना आपका कुछ भले न बिगाड़ पाये, लेकिन अगर आप इन दिनों सक्रिय कुछ शातिरों के चक्कर में फंस गए तो कंगाल ज़रूर हो जाएंगे।

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कोरोना महामारी का डर इस वक़्त सभी के दिलों में बैठा हुआ है। कहीं इस महामारी के चंगुल में न फंस जाएं बस हर कोई इसी उधेड़बुन में लगा हुआ है। और लोगों के इसी डर ने उन ठगों को अपनी कमाई का ज़रिया दे दिया जो हमेशा ही ऐसे मौकों की ताक में बैठे ही रहते हैं ज़रा सा मौका मिला नहीं, कि कमाई का मीटर चालू। फिर चाहें कोई भी हो।

आगरा से पकड़ा शातिरों का गिरोह

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LATEST CRIME NEWS: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने मोहब्बत की नगरी आगरा के तीन ऐसे शातिर पकड़कर ठगी का एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो कोरोना के इस काल में ओमिक्रोन की बूस्टर डोज़ के लिए पता करने वाले लोगों को अपना शिकार बनाता था। ये गिरोह उन सभी के वॉट्सऐप नंबर को हैक करके फिर उनके साथ ठगी किया करता था।

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एक बार वॉट्सऐप नंबर को हैक कर लेने के बाद ये गिरोह पीड़ित का सारा डाटा अपने कब्जे में कर लेता था, उसके बाद सरकारी अफ़सर बनकर फोन करता था और उनसे ओटीपी हासिल कर लेता था। इसके बाद बूस्टर खुराक के नाम पर वो अपने शिकार से पैसों की डिमांड करता था।

बूस्टर ख़ुराक़ के नाम पर ठगी

CYBER CRIME NEWS: इसी सिलसिले में पुलिस के पास एक शिकायत आई। मोबाइल नंबर से मिली शिकायत के मुताबिक पीड़ित के पास 8059790270 नंबर से एक कॉल आई जिसके मुताबिक उसे सरकार की तरफ से लगवाई जा रही बूस्टर खुराक के नाम पर उसका नाम लिस्ट में शामिल कर लिया गया है।

ये ऐसा चारा था कि पीड़ित को लगा जैसे घर बैठे ही उसकी लॉटरी लग गई। बस ये शातिर इसी फिराक़ में तो रहते ही हैं। थोड़ी ही देर में कुछ पिन और कुछ ओटीपी के आदान प्रदान के बाद उन शातिरों ने पीड़ित का वॉट्सऐप नंबर हैक कर लिया।

वॉट्सऐप नंबर हैक करने के बाद उन ठगों ने पीड़ित के कई दोस्तों और रिश्तेदारों के पास मैसेज की झड़ी लगा दी। और उनसे पैसों की डिमांड कुछ इस अंदाज़ में की मानों पीड़ित ही परेशानी में है और उसे पैसों की ज़रूरत है।

शातिरों के दो दर्जन केस का खुलासा

LATEST CYBER THUG: पीड़ित के भाई ने तो ऐसे मैसेज की वजह से शातिर के बताए गए खाते में 50000 रुपये जमा भी करवा दिए। और रकम का पेमेंट UPI के ज़रिए किया गया। पीड़ित को जब इस बात का पता चला तो उसने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पास शिकायत दर्ज करवा दी।

पुलिस के लिए ये एक परफेक्स केस था, ऐसे शातिरों का पता लगाने के लिए जो सोशल मीडिया और यूपीआई जैसी सिक्योर सर्विस के जरिए लोगों को चूना लगाते घूम रहे हैं।

पुलिस ने इस केस की तफ़्तीश के लिए सभी तरह के हथियारों का सहारा लिया। टैक्निकल फिजिकल और फाइनेंशियल विश्लेषण के जरिए आखिरकार पुलिस सुरागों को सूंघते सूंघते उस शख्स तक जा पहुँची जिसने पीड़ित को फोन किया था।

उसकी पहचान हुई मनीष कुमार के नाम से। पुलिस ने जब इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश के आगरा में दबिश दी तो वहां दो और शातिर मिले रोहित और कौशलेंद्र सिंह तोमर। पुलिस ने तीनों को गिरफ़्तार करके उनके मोबाइल और कंप्यूटर के साथ लेपटॉप भी ज़ब्त कर लिया। इसके अलावा पुलिस ने आठ बैंक ख़ाते, और चार डेबिट कार्ड के अलावा एक चेकबुक और छह मोबाइल फोन ज़ब्त किए हैं। पुलिस को अब तक इन शातिरों के 24 ठगी के केस का पता चल चुका है।

जब शातिर ने खोला अपना मुंह

CYBER CRIME IN HINDI : पुलिस की तफ्तीश के दौरान मनीष ने जब मुंह खोला तो पुलिस भी चौंक गई। क्योंकि मनीष ने ही बताया कि एक साल पहले उसने यूट्यूब से वॉट्सऐप की हैकिंग का हथकंडा सीखा था। और उसके बाद उसने न जाने कितने मासूम लोगों को अलग अलग तरीक़े से ठगा।

मनीष ने ही ये खुलासा भी किया कि महामारी के दौर में उसने लोगों को वैक्सीन और बूस्टर डोज़ की तारीख फिक्स करने के नाम पर लोगों को जमकर उल्लू बनाया और अपना उल्लू सीधा कर लिया।

सबसे चौंकानों वाला पहलू ये है कि शातिर मनीष अपने शिकार को कॉन्फ्रेंस कॉल में लेता था और फिर उसका वॉट्सऐप हैक कर लेता था। ताकि कोड और पिन मांगने का झंझट ही न रहे और शिकार को भरोसे में लिया जा सके। एक बार शिकार चंगुल में आया नहीं बस शातिर की पौ बारह हो जाती थी।

लेकिन जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मनीष कुमार को और खंगाला तो पता चला कि इसी तरीक़े से मनीष कई महिलाओं को धोखा देकर अपना शिकार बना चुका है। फिलहाल पुलिस ने तीनों को गिरफ़्तार कर लिया है, लेकिन तफ्तीश का सिलसिला अब भी जारी है।

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