हवाला, फिरौती और जबरन उगाही का यूपी एसटीएफ ने किया भंडाफोड़, नोएडा में अवैध तरीके से चल रहा था कॉल सेंटर
UP News: UP STF ने टेलिफोन एक्सचेंज का किया भंडाफोड़, पूर्व रणजी प्लेयर सहित तीन लोग हुए गिरफ्तार.
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UP STF: यूपी एसटीएफ ने अवैध टेलिफोन एक्सचेंज (Telephone Exchange) का किया भंडाफोड़. हवाला, फिरौती और जबरन उगाही जैसी वारदातों को अंजाम देने वाले तीन युवकों गिरफ्तार किया गया है. वारदात को अंजाम देने में होता था अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का इस्तेमाल. यूपी एसटीएफ (UP STF)ने बड़ी सफलता हासिल की है. हवाला, फिरौती और जबरन उगाही जैसी वारदातों में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक झारखंड (Jharkhand) से पूर्व रणजी प्लेयर (Ranji Player) भी है. जानकारी के मुताबिक तीनों लोग वीओआईपी कॉल (VOIP call) को लोकल नेटवर्क में बदल कर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे. टेलीफोन एक्सचेंज SIFY डाटा सेंटर के नाम से नोएडा (Noida) के सेक्टर 132 में फर्जी कॉल सेंटर (call centre) के रूप में चल रहा था. यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अभिषेक श्रीवास्तव, आशुतोष बोरा और मोहम्मद शोएब के रूप में करी है.
UP News: दरअसल, आशुतोष बोरा पूर्व रणजी प्लेयर है. रणजी में जगह दिलवाने के नाम पर ठगी के आरोप में मुंबई में गिरफ्तार भी हो चुका है. जेल में इसकी मुलाकात सोनू नाम के एक शख्स से हुई थी. सोनू ने ही इसे अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाना सिखाया. सोनू कुमार के माध्यम से आशुतोष की जान पहचान मोहम्मद अली दुबई से हुई थी. तफतीश में आगे पता चला कि मोहम्मद अली दुबई इसी तरह का एक सरवर चलाता है. उसने नोएडा में इसी तरह का कॉल सेंटर चलाने में मदद की. इस कॉल सेंटर का इस्तेमाल फिरौती, हवाला जैसे वारदातों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था. हाल ही में गायब हुए 2 बच्चों के लिए रैनसम कॉल भी यही से की गई थी. ये फिरौती का मामला हरियाणा(Haryana) के पानीपत का था.
आशुतोष ने यूपी एसटीएफ को बताया कि 25 पैसा प्रति मिनट के हिसाब से मोहम्मद अली दुबई हवाला के माध्यम से इसे पैसा भेजा करता था. अभिषेक श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (Mirzapur) का रहने वाला है और इसने कंप्यूटर हार्डवेयर का कोर्स किया है. अभिषेक को आशुतोष ने अखबार में इश्तहार देने के बाद 80 हजार रुपया महीना पर नौकरी पर रखा था, और अपना अवैध कॉल सेंटर चलाने का जिम्मा दिया था. ठीक इसी तरह मोहम्मद शोएब को भी 40 हजार रुपये प्रति महीना की नौकरी पर रखकर केयरटेकर का जिम्मा दिया गया था.
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