सौम्या विश्वनाथन हत्या मामला: ये है अब तक का घटनाक्रम, जानिए कब, क्या कैसे और क्यों हुआ?

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सौम्या विश्वनाथन हत्या मामला: ये है अब तक का घटनाक्रम, जानिए कब, क्या कैसे और क्यों हुआ?
अदालत का फैसला
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Soumya Vishwanathan Timeline: दिल्ली की एक अदालत ने टेलीविजन पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के जुर्म में बुधवार को चार लोगों को दोषी ठहराया। विश्वनाथन की 15 साल पहले कार्यालय से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

मामले में घटनाक्रम इस प्रकार हैं :

30 सितंबर, 2008: तड़के करीब 3:30 बजे काम के बाद कार से घर लौटते समय विश्वनाथन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस का दावा है कि हत्या का मकसद लूट था।

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मार्च 2009: पुलिस ने आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के बाद मामले में सुराग मिलने का दावा किया।

28 मार्च, 2009: पांच लोगों - रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को विश्वनाथन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

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22 जून 2009: पांचों आरोपियों के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया गया।

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6 फरवरी, 2010: आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए।

9 मई, 2011: आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोप तय किए गए।

23 अप्रैल, 2010: मुकदमा शुरू हुआ, अभियोजन पक्ष ने सबूत प्रस्तुत करना शुरू किया।

फरवरी 2019: मलिक ने त्वरित सुनवाई की याचिका के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।

6 फरवरी, 2019: विश्वनाथन के माता-पिता ने मामले की त्वरित सुनवाई के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से संपर्क किया।

27 फरवरी, 2019: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शीघ्र सुनवाई का आदेश दिया और निचली अदालत को सप्ताह में कम से कम तीन बार मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया।

मार्च 2022: अभियोजन पक्ष ने साक्ष्य प्रस्तुत करना पूरा किया। अदालत ने आरोपियों के साक्ष्य दर्ज करना शुरू कर दिया।

मई 2023: साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग समाप्त हुई। अंतिम जिरह शुरू।

6 अक्टूबर, 2023: बचाव और अभियोजन पक्ष की अंतिम दलीलें समाप्त हुईं।

13 अक्टूबर, 2023: अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।

18 अक्टूबर, 2023: रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को हत्या और मकोका प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया। पांचवें आरोपी अजय सेठी को बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करने और मकोका धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया।

26 अक्टूबर: अदालत सजा पर फैसला सुना सकती है।

कोर्ट में आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद सौम्या की मां ने अपने रुंधे हुए गले से कहा हमारी बेटी तो चली गई, लेकिन ये फैसला दूसरों के लिए जरूर नजीर बनेगा। आखिरकार 15 साल की लड़ाई रंग लाई है। 

 

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