यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण पर शिकंजा, अदालत ने बृजभूषण सिंह को 18 जुलाई को तलब किया

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यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण पर शिकंजा, अदालत ने बृजभूषण सिंह को 18 जुलाई को तलब किया
अदालत ने किया तलब
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Delhi Court News: दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एवं भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को 18 जुलाई को तलब किया है। अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने बृजभूषण को 18 जुलाई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सबूत

अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को भी तलब किया। इसने कनॉट प्लेस पुलिस थाने के प्रभारी को दोनों आरोपियों के खिलाफ समन को तामील कराने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने कहा कि वह इस बात पर गौर करते हुए कि दोनों आरोपी दिल्ली में ही रहते हैं, उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कम समय दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत 15 जून को आरोपपत्र दायर किया था।

संगीन धाराओं में केस

तोमर पर आईपीसी की धाराओं 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था। वर्तमान मामले के अलावा, एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार सिंह के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। वह उन सात महिला पहलवानों में शामिल थीं, जिन्होंने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग पहलवान के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के लिये पुलिस की ओर से दाखिल की गई अंतिम रिपोर्ट पर ‘‘पीड़िता’’ और शिकायतकर्ता से चार जुलाई को जवाब मांगा था।

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18 जुलाई को तलब किया

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए 15 जून को अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल की थी। सरकार ने पहले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और ओलंपियन विनेश फोगाट सहित आंदोलनकारी पहलवानों को आश्वासन दिया था कि 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। वे नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों का उत्पीड़न करने के आरोप को लेकर सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।

(PTI)

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