बच्चा पैदा करने जेल से बाहर आएगा कैदी, कैदी को मिली 4 हफ्ते की पैरोल, दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी को दी राहत
Delhi Crime: कैदी ने अदालत से कहा कि उसकी उम्र 41 साल है जबकि उसकी पत्नी की उम्र 38 साल है, अर्जी में गुजारिश की गई कि कैदी का कोई बच्चा नहीं है।
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Delhi Crime: किसी भी भारतीय नागरिक के लिए बच्चा पैदा करना उसका मौलिक अधिकार है। ताजा मामला दिल्ली में सामने आया है। जहां जेल में बंद कैदी ने बच्चे पैदा करने के लिए खुद को आजाद करने की इजाजत मांगी। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कैदी को वंशवृद्धि के लिए चार सप्ताह की पैरोल दी है।
बच्चा पैदा करने के जेल से आएगा कैदी
सजायाफ्ता कैदी कुंदन सिंह की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट नें उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी को अपना वंश आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी है। कोर्ट नें कैदी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि संतानोपत्ति किसी भी नागरिक का मौलिक अधिकार है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ये संरक्षित है।
उम्रकैद की सजा पाए कैदी को मिली पैरोल
दिल्ली की जेल में बंद कैदी ने 14 साल की सजा काटने के बाद कोर्ट में ये अर्जी लगाई थी। कुंदन ने अदालत से कहा कि उसकी उम्र 41 साल है जबकि उसकी पत्नी की उम्र 38 साल है। अर्जी में गुजारिश की गई कि कैदी का कोई बच्चा नहीं है। वो संतान पैदा करना चाहता है। अपना वंश आगे बढ़ाना चाहता है।
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