जिस जगह हुई थी अतीक की हत्या उसी के पास चांद बाबा को उतारा था मौत के घाट, ऐसे बना था UP का सबसे बड़ा DON
Chand Baba Murder Case: माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ को 15 अप्रैल की रात उस जगह के पास गोलियों से भून दिया गया था
ADVERTISEMENT
Chand Baba Murder Case: माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ को 15 अप्रैल की रात उस जगह के पास गोलियों से भून दिया गया था, जहां तीन दशक पहले 1990 में अतीक ने अपने गुरु चांद बाबा की कथित तौर पर हत्या कर दी थी.
मोतीलाल नेहरू (कोल्विन) डिवीजनल अस्पताल परिसर, जहां अतीक को तीन हमलावरों ने गोली मार दी थी, रोशनबाग ढाल से बमुश्किल आधा किलोमीटर की दूरी पर है, जहां अतीक और खूंखार गैंगस्टर चांद बाबा के गिरोह के बीच 1990 में गोलीबारी हुई थी.
शौक इलाही उर्फ चांद बाबा उर्फ चांद हद्दी को 1980 के दशक का सबसे कुख्यात अपराधियों का सरगना माना जाता था. उनकी मृत्यु के बाद, अतीक इलाहाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में सभी गैंगस्टरों और अपराधियों के निर्विवाद नेता के रूप में उभरा
ADVERTISEMENT
“अतीक स्कूल ड्रॉपआउट था और कुछ साल पहले ही चांद बाबा के गिरोह में शामिल हुआ था. चकिया और आसपास के इलाकों में अतीक गैंगस्टर के रूप में उभर रहा था, जबकि पुराने शहर के इलाकों में चांद बाबा का दबदबा कायम था. अतीक ने चांद बाबा से अपराध की मूल बातें सीखीं, लेकिन जल्द ही दोनों के बीच मतभेद हो गए जब अतीक ने फिर से इलाहाबाद पश्चिम से राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी. चांद बाबा खुद राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए विधायक बनने के इच्छुक थे. उन्होंने अतीक को पीछे हटने को कहा, लेकिन अतीक ने मना कर दिया. इसके बाद अतीक ने चांद बाबा से दूरी बना ली और अपना गिरोह बना लिया, जो चकिया और धूमनगंज इलाके में सक्रिय था.
बता दें कि साल 1990 में अतीक गिरोह और चांद बाबा का गिरोह आपस में भिड़ गए. रोशनबाग में दोनों गिरोह के बीच जमकर गोलीबारी हुई और इस गोलीबारी में चांद बाबा की मौत हो गई. इसके बाद से अतीक का दौर शुरू हुआ. धीरे-धीरे अतीक की माफियागिरी प्रयागराज से निकलकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैलती चली गई और उत्तर प्रदेश में अतीक माफिया डॉन बनकर उभर गया. फिर अतीक ने राजनीति में कदम रख दिया.
ADVERTISEMENT
लखनऊ जेल (Lucknow Jail) में बंद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के सबसे बड़े बेटे उमर (Umar Ahmed) के बर्ताव में बड़ा बदलाव आया है. अपने पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की हत्या (Atiq Ashraf Death) के बाद से बेहद शांत रहने लगा है उमर. छोटे भाई असद के एनकाउंटर की खबर के बाद भी करीब एक घंटे तक वो रोता रहा. फिर उसके बाद जब अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की खबर उमर को मिली तो अचानक बैरेक में बैठ गया, ऊपर देखकर उसने दुआ भी मांगी. वो अपने पिता और चाचा की आत्मा को शांति देने की दुआ मांग रहा था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT