Atiq Case: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की जांच आगे बढ़ी, न्यायिक आयोग पहुंचा अस्पताल
Atiq Case: अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी के दौरान हुई हत्या के मामले में न्यायिक आयोग आज दोबारा प्रयागराज पहुंचा। प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में न्यायिक आयोग की टीम ने जांच की।
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Atiq Case: अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी के दौरान हुई हत्या के मामले में न्यायिक आयोग आज दोबारा प्रयागराज पहुंचा। प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में न्यायिक आयोग की टीम ने जांच की।
Atiq Case Update: टीम के साथ मोतीलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की टेक्निकल टीम भी थी। MLNIIT की टेक्निकल टीम से अस्पताल में क्राइम सीन की मैपिंग करवाई गई। 5 सदस्यीय आयोग में रिटायर्ड जस्टिस एके त्रिपाठी, पूर्व dg सुबेश कुमार सिंह के साथ बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं।
Umesh pal Case: गौरतलब है कि 2 माह में न्यायिक आयोग को अपनी रिपोर्ट देनी है।इससे पहले 20 अप्रैल को भी आयोग ने निरीक्षण किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीबीएस भोंसले और झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस वीरेंद्र सिंह भी न्यायिक आयोग में शामिल किए गए हैं।
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उधर, शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम का अभी तक कुछ भी अता पता नहीं है। मामले की जांच चल रही है।
Atiq Case Update: अतीक और अशरफ पर 16 सैकेंड में 34 गोलियां चली थी। सूत्रों के मुताबिक, 2 शूटरों के पास तर्की में बनी जिगाना पिस्तौल थी, जब कि एक शूटर के पास देशी पिस्तौल थी। ये बात जांच में सामने आई है। अतीक-अशरफ हत्याकांड में मौका-ए वारदात का सीसीटीवी खंगालने पर SIT को पता चला की तीनों आरोपियों ने महज 16 सेकेंड में अतीक और अशरफ की हत्या कर दी थी।
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हत्याकांड की जांच के लिए बनाई गई SIT के मुताबिक, जिगाना पिस्टल से सबसे ज्यादा राउंड फायरिंग हुई थी जबकि देशी पिस्टल से कुछ ही राउंड फायरिंग हो पाई थी। एक गोली पिस्टल में फंस गई थी जिसकी वजह से फायर नहीं हो पाया, ये किसकी पिस्तौल थी, इसके बारे में जानकारी नहीं मिली है।
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