World News Qatar: कतर में 8 भारतीय नौसेना अधिकारियो को सजा-ए- मौत सुनाई गई है. ये 8 लोग भारतीय नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर है. जो कि पिछले साल अगस्त से कतर की जेल में है. आठों भारतीय निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे. कतर में भारत के राजदूत ने इसी साल एक अक्टूबर को जेल में इन कर्मियों से मुलाकात की थी. अब सवाल ये है क्या कभी वापस आ पाऐंगें ये 8 नौसेना के अधिकारी.
अब कतर से कैसे और कब वापस आएंगे भारत के 8 नेवी अफसर, क्या भारत सरकार के पास है कोई सीक्रेट प्लान!
World News Qatar: भारत के वो 8 नेवी रिटार्यड ऑफिसर जिन्हें अब कतर ने मौत की सजा सुनाई है. ये आठों नौसेना के पुराने अधिकारी पिछले साल यानी अगस्त 2022 से ही कतर की जेल में बंद हैं।
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अदालत का फैसला
27 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 27 2023 4:30 PM)
कौन है ये 8 भरतीय और क्यों है ये जेल में?
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कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूरेनेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश कतर जेल में बंद हैं, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है. वे सभी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज में काम कर रहे थे, जो एक ओमानी नागरिक, रॉयल ओमानी वायु सेना के सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर के स्वामित्व वाली एक रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने दिया बयान
भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, हमारे पास शुरुआती जानकारी है कि कतर की अदालत ने अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया है. बयान के अनुसार, हम फांसी दिए जाने के फैसले से स्तब्ध हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं. हम उनके परिजनों और कानूनी टीम से संपर्क में हैं. हम सर्वोच्च प्राथमिकता से इस मामले को देख रहे हैं और इस मामले को कतरी प्रशासन के सामने उठाएंगे.
बिना वजह के क्यों दी जा रही है सजा
पूर्व नौसैनिकों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. हैरानी की बात यह है कि जिन लोगों को मौत की सजा दी गई है उन्हें भी नहीं पता है कि उनका दोष क्या है. उनके परिवार वालों को भी नहीं पता कि उनके अपनों को किस जुर्म की सजा दी गई है. आज की तारीख में जब दुनिया चंद्रमा के बाद मंगल पर जाने को तैयार है. इस देश में बिना आरोप के लोग गिरफ्तार कर लिए जाते हैं, बिना सुनवाई उनको फांसी पर चढ़ाने की तैयारी की जाती है.
जहन में स्वाल तो कई है पर जवाब एक भी नहीं
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि उन्हें इजरायल के लिए एक सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का दोषी ठहराया गया है. अगर ये दोषी हैं तो सामने क्यों आती है कतर सरकार. ये सभी अल दाहरा कंपनी के कर्मचारी थे, जो कतर के सशस्त्र बलों को टेक्निकल कंसल्टेंसी सर्विसेज उपलब्ध कराती है. अगर कंपनी के लोग दोषी हैं तो फिर कंपनी के सीईओ को गिरफ्तार करके क्यों छोड़ दिया गया? क्या इसलिए क्योंकि सीईओ का धर्म विशेष से संबंध रखता था?
Note : ये खबर क्राइम तक में internship कर रही निधी शर्मा ने लिखी हैं.
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