US Gun Culture: आप सब्जी खरीदने जाते हैं. मोलभाव करते हैं और फिर सब्जी लेकर घर आ जाते हैं. अमेरिका में ठीक ऐसा ही बंदूकों के साथ है. वहां कोई भी गन स्टोर जाता है. अपनी पसंद की बंदूक खरीदता है और घर ले आता है. अमेरिका में बंदूक खरीदना उतना ही आसान है, जितना भारत में सब्जी या कोई खाने का सामान खरीदना.
अमेरिका में गन ख़रीदना सब्ज़ी ख़रीदने से भी आसान, जितनी आबादी नहीं, उससे ज्यादा बंदूकें
US Gun Culture: अमेरिका में गन ख़रीदना सब्ज़ी ख़रीदने से भी आसान, जितनी आबादी नहीं, उससे ज्यादा बंदूकें. 18 साल के हमलावर ने एक स्कूल में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी
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25 May 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:19 PM)
Texas School Shooting : अब टेक्सास के उवाल्डे शहर में मास शूटिंग की घटना सामने आई है. 18 साल के हमलावर ने एक स्कूल में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस घटना में अब तक 23 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. हमलावर ने अपनी दादी की जान भी ले ली. अमेरिका में इस साल मास शूटिंग की 212 घटनाएं हो चुकी हैं.
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इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें पूछना होगा कि गॉड के नाम पर हम कब गन लॉबी के खिलाफ खड़ें होंगे?
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2020 में अमेरिका की आबादी अनुमानित 33 करोड़ के आसपास थी, लेकिन स्मॉल आर्म्स सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में तकरीबन 40 करोड़ बंदूकें हैं. यानी, अमेरिका की जितनी आबादी नहीं है, उससे ज्यादा तो वहां बंदूकें हैं.
स्मॉल आर्म्स सर्वे स्विट्जरलैंड की एक रिसर्च फर्म है. इसके मुताबिक, दुनियाभर में 85.73 करोड़ से ज्यादा बंदूक या राइफल हैं. इनमें से 39.33 करोड़ से ज्यादा बंदूक या राइफल अमेरिकियों के पास है. अमेरिका में हर 100 लोगों पर 121 बंदूकें हैं.
इसकी रिपोर्ट बताती है कि अमेरिकियों के पास जितनी बंदूक और राइफल हैं, उतनी तो वहां की सेना और पुलिस के पास भी नहीं है. अमेरिकी सेना के पास 45 लाख और पुलिस के पास 10 लाख बंदूक या राइफल हैं. यानी, अमेरिकी सेना से 100 गुना ज्यादा और पुलिस से 400 गुना ज्यादा बंदूक और राइफल्स तो वहां आम लोगों के पास हैं.
अमेरिका में 18 साल से ऊपर के हर नागरिक को बंदूक रखने का अधिकार है. बशर्ते वो मानसिक रूप से बीमार न हो और पेशेवर अपराधी न हो. अमेरिका के बंदूक रखने पर इस कानून को सख्त करने की मांग उठती रही है, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार कहा था, 'मैंने कुछ महीने पहले कहा था. उससे कुछ महीने पहले भी कहा था. और हर बार जब-जब हम गोलीबारी की घटना देखेंगे तो दोबारा कहूंगा. इससे निपटने के लिए हमारा सोचना या प्रार्थना करना ही काफी नहीं है.'
अमेरिका में बंदूक रखने का अधिकार 1791 में ही मिल गया था. वहां बंदूक रखना संवैधानिक अधिकार है. 1791 में संविधान में संशोधन किया गया था, जिसके बाद वहां आम लोगों को बंदूक रखने का अधिकार मिला था. इसका मकसद था लोकतंत्र को बचाए रखना. कहा जाता है कि उस समय लोगों से कहा गया था कि अगर सरकार आप पर अत्याचार करे तो आप हथियार उठा लें और लोकतंत्र को बचाएं.
इस संशोधन में कहा गया था कि राष्ट्र की स्वाधीनता सुनिश्चित रखने के लिए हमेशा संगठित लड़ाकों की जरूरत होती है. हथियार रखना और उसे लेकर चलना नागरिकों का अधिकार है, जिसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए.
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने एक बार कहा था कि अमेरिकी नागरिक की आत्मरक्षा और उसे राज्य के उत्पीड़न से बचाने के लिए बंदूक जरूरी है. यही वजह है कि जब भी अमेरिका में बंदूकों के कानून को सख्त बनाने या लगाम लगाने की बात होती है तो उसे संविधान पर मंडराते खतरे की तरह पेश कर दिया जाता है.
इस साल में अब तक अमेरिका के 27 स्कूलों में गोलीबारी हो चुकी है.
वहीं देशभर में गोलीबारी की 200 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
गन वायलेंस संग्रहालय (GVA) के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में अमेरिका में गोलीबारी के 693 मामले सामने आए, 2020 में 611 मामले और 2019 में गोलीबारी की 417 घटनाएं दर्ज की गई थीं. आंकड़ों से साफ जाहिर है कि अमेरिका में गोलीबारी के मामले हर साल बढ़ रहे हैं.
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