पिछली सदी के आखिरी सालों में और सदी की शुरुआत में एक नाम जो बहुत इज़्ज़त से लिया जाता था वो था INDIA's MOST WANTED के एंकर सुहैब इलियासी का। सुहैब जब अपना ये शो टीवी पर लेकर आते थे जब लोगों को पता नहीं होता था कि आज किस अपराधी की शामत आने वाली है, और किस नेता की मौत के वारंट का खुलासा होने वाला है। सुहैब इलियासी एक ऐसा नाम जो कभी क्राइम बेस्ड शो इंडियाज मोस्ट वांटेड के लिए जाना जाता था। सुहैब दो दशक पहले टीवी पर आए अपने इस शो को नए अंदाज में पेश करने की वजह से बहुत जल्दी मशहूर हो गए।
28 मार्च : जब INDIA's MOST WANTED के एंकर सुहैब इलियासी को अपनी ही पत्नी के क़त्ल के आरोप में गिरफ्तार किया गया
जब INDIA's MOST WANTED के एंकर सुहैब इलियासी को अपनी ही पत्नी के क़त्ल के आरोप में गिरफ्तार किया गया story of indias most wanted tv show host suhaib ilyasi wife murder case
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28 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)
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एक वक्त था जब वो देश भर के खूंखार मुजरिमों की आंखों की किरकिरी बना हुआ था, बड़े-बड़े मुजरिमों को पकड़वा कर वो बेहद कम वक्त में स्टार बन गया, लेकिन वक्त बदला और वो हवालात में पहुंच गया। क्योंकि उसपर इल्ज़ाम था कि उसने 10 जनवरी, 2000 को अपनी पत्नी की हत्या की। सुहैब इलियासी की पत्नी अंजू इलियासी की रहस्यमयी हालत में मौत हो गई थी। आखिरकार सुहैब को अपनी पत्न को मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने और हत्या के मुख्य आरोपी के तौर पर 28 मार्च सन 2000 को गिरफ्तार कर लिया गया।
पत्नी की हत्या के इस मामले के तूल पकड़ने की वजह सुहैब की लोकप्रियता तो थी ही साथ ही ये मामला इसलिए भी सुर्खियों में रहा क्योंकि दोनों ने लव मैरिज की थी। दरअसल सुहैब ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पढ़ने वाली अंजू से घरवालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी क्योंकि दोनों का धर्म अलग था। सुहैब इलियासी और अंजू की मुलाकात 1989 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई थी। ये दोनों ही यहां मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रहे थे। अंजू के पिता जामिया में मेटलर्जी विभाग के अध्यक्ष थे। दोनों ही घरवाले इस शादी के खिलाफ थे, लिहाज़ा दोनों लंदन चले गए और लंदन में 1993 में दोनों ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी कर ली। अंजू और सुहैब अक्टूबर 1994 तक लंदन में ही रहे। जब दोनों भारत वापस आए तो अंजू ने सुहैब के साथ रहने से इनकार कर दिया और वापस लंदन अपने भाई के पास जाकर रहने लगी।
वहां रहते हुए दोनों ने तय किया कि वो भारत वापस जाएंगे और एक टीवी शो शुरु करेंगे। ब्रिटिश शो क्राइम स्टॉपर्स की तर्ज़ पर बनने वाले ‘इंडिया मोस्ट वांटेड’ की एंकरिंग पहले अंजू करने वाली थीं। लेकिन बाद में ये फैसला बदल दियागया और अब सुहैब एंकरिंग करने जा रहे थे। दोनों में अनबन की नींव यहीं से पड़ी, लड़ाईयां बढ़त -बढ़ते यहां तक पहुंची कि अंजू वापस लंदन लौट गयी। घरवालों के मुताबिक अंजू सुहैब से तलाक चाहती थीं, लेकिन सुहैब के लंदन आकर उसे मनाने के बाद उसने इरादा टाल दिया। इधर सुहैब का शो हिट हुआ मगर पारिवारिक ज़िंदगी फ्लॉप हो गई। हालांकि दोनों अभी भी मयूर विहार में साथ रह रहे थे। सुहैब को उनके काम की वजह से मिल रही है अपराधियों की धमकी को देखते हुए पुलिस सुरक्षा दे दी गयी।
11 जनवरी सन 2000 की सुबह इलियासी न्यूज़ नहीं बता रहे थे बल्कि वो खुद न्यूज़ बन चुके थे। क्योंकि पिछली रात अंजू के पेट में चाकू घोंपा गया था। सुहैब ने बताया कि 10 जनवरी की रात उसकी और अंजू की बहस हुई उस वक्त सुहैब अपनी बेटी आलिया को देख रहा था तब अंजू ने किचन में जाकर खुद अपने पेट में घोंप लिया, अंजू को हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन वहां पहुंचने तक वो दम तोड़ चुकी थी। शुरुआती तहकीकात में पुलिस ने भी माना कि ये आत्महत्या का मामला है। दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मर्डर की कोई बात साबित नहीं हुई, मगर जब अंजू की बहन, रश्मि सिंह की इस मामले में एंट्री हुई तो मामला पलट गया।
रश्मि वो आखिरी शख्स थी जिसने अंजू से मौत से पहले बात की थी, रश्मि ने आरोप लगाया कि दहेज की वजह से सुहैब ने ही अंजू की हत्या की। रश्मि सिंह की ही शिकायत पर आज ही के दिन यानी 28 मार्च 2000 को पुलिस ने सुहैब को गिरफ्तार कर लिया। मगर रश्मि के दावे कोर्ट में साबित नहीं हो पाए। अंजू की मौत हत्या साबित नहीं हो पा रही थी लेकिन कुछ सवाल थे जिनका जवाब ज़रूरी था। मसलन अंजू ने अगर चाकू घोंपा तो उसकी टीशर्ट क्यों नहीं फटी, चाकू पर 13 की जगह अंजू के फिंगरप्रिंट से सिर्फ 6 निशान क्यों मैच हुए। चाकू को पकड़े जाने के निशान उल्टी दिशा में क्यों थे, दाहिने हाथ से काम करने वाली अंजू के शरीर में चाकू बाएं से दाएं क्यों भोंका गया था।
बहरहाल साल 2013 तक मेडिकल बोर्ड तय नहीं कर पाया कि ये हत्या थी या आत्महत्या, अब तक सुहैब पर सेक्शन 498A, आत्महत्या के लिए उकसाने और 304 B, गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज़ था। 16 दिसंबर 2017 को कोर्ट ने सुहैब को हत्या का आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सुहैब ने इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की और 5 अक्टूबर 2018 को हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फ़ैसले को उलटते हुए सुहैब को रिहा कर दिया।
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