Pune Crime News: इस कहानी की शुरुआत 4 अक्टूबर 2012 को आधी रात में शुरु होती है। एक शख्स पहले उस कमरे में पहुंचता है जहां 23 साल की एक महिला अकेली थी कमरे मे दाखिल होने के बाद पलक झपकते ही खंजर औरत के जिस्म के आर पार हो जाता है ये खूनी का पहला शिकार थी। अब उसके क़दम दूसरे कमरे की तरफ बढते हैं। दूसरे कमरे में एक दूसरी महिला थी और इस बार वो 50 साल की महिला इस खूनी के निशाने पर थी।
Crime Special: एक खूनी इश्क जिसमें कातिल ने मां, बीवी और बेटी को एक रात में दी खौफनाक मौत की सौग़ात!
Triple Murder: कत्लो गारत की चौंका देने वाली कहानी पुणे की है। इस कहानी में एक ऐसा चेहरा है जिसे आप जितना देखेंगे उतना ही उलझ जाएंगे क्योंकि इस एक चेहरे के पीछे छुपा हर चेहरा बेहद शातिर फ़रेबी है।
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17 Oct 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:28 PM)
खंजर एक बार फिर हवा में लहराते हुए सीधे सीने में जाकर धंस जाता है ये महिला उसका दूसरा शिकार थी। चीख़पुकार सुन जब एक शख्स कमरे में दाखिल होता है तो वो भी खून के प्यासे इस क़ातिल के निशाने पर आ जाता है क़ातिल के हाथ में हथौड़ा एक बार फिर लहराता है और वो उम्रदराज़ शख्स ज़मीन पर गिर कर बेहोश हो जाता है।
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लेकिन तीन-तीन लोगों पर जानलेवा हमला करने के बाद भी शायद इसका दिल नहीं भरा है। इस बार खूनी दूसरे कमरे में दाखिल होता है पलंग पर एक दो साल की बच्ची सो रही है और इस क़ातिल को उस पर ज़रा भी रहम नहीं आता और वो उसे भी गला घोट कर मार डालता है। एक ही रात में एक ही घर में एक ही कातिल एक घंटे से भी कम वक्त में तीन लाशें बिछा चुका था शायद घर में सिर्फ यही तीन शख्स थे क्योंकि तीसरे कत्ल के बाद कातिल सीधे घर से बाहर आ जाता है और मौका-ए-वारदात से निकल जाता है।
चंद लम्हों में एक भरा-पूरा घर कब्रिस्तान बन चुका था। घर की दीवारें तीन इंसानों के ख़ून से रंग चुकी थीं। लाशें तीन थीं पर सवाल सिर्फ़ एक सवाल ये कि ख़ंजर लहराने वाले शख्स का चेहरा किसका है? लेकिन जब इस एक चेहरे ने अपना नक़ाब खोल तो एक साथ तीन और नए चेहरे सामने आ गए। तीन तीन कत्ल करने वाले शख्स का नाम नाम विश्वजीत है। वो तीन कौन थे जिन्हें विश्वजीत ने अपने हाथों से मौत बांटी? तो जवाब सुनने से पहले अपने दिल को ज़रा मजबूत कर लीजिए।
जी हां, नितिन का पहला शिकार कोई और नहीं बल्कि उसकी अपनी बीवी अर्चना थी। दूसरी बार जब उसने खंजर लहराया था तो सामने सीना उसकी अपनी मां शोभा का था। जबकि तीसरी बार उसका हाथ अपने एक एक पड़ोसी मधुसूदन को मारने के लिए उठा था और जिस नन्हीं मासूम को उसने गला घोट कर मार डाला वो कोई और नहीं बल्कि उसकी अपनी दो साल की बेटी किमाय थी।
विश्वजीत का बस यही छोटा सा परिवार था जो एक साथ इसी घर में रहता था और उसी घर को उसने अपने हाथों से उजाड़ दिया लेकिन अपने ही पत्नी, मां और बेटी का कत्ल करने के बाद विश्वजीत इतना खुश क्यों था? दरअसल विश्वजीत की शादी को अभी चंद साल ही गुज़रे थे कि विश्वजीत को आशा नाम की एक लड़की से प्यार हो गया। आशा अर्चना के मुकाबले न सिर्फ ज़्यादा खूबसूरत थी बल्कि वो पहली ही नज़र में विश्वजीत को अपना दिल भी दे बैठी थी।
धीरे-धीरे दोनों में नज़दीकियां बढ़ती गईं और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई। एक दिन विश्वजीत के इस प्यार की पूरी कहानी उसकी बीवी अर्चना को पता चल गई। ये सुनकर अर्चना के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। इसके बाद दोनों के बीच इस मसले पर कई बार तकरार भी हुई। विश्वजीत को संभलता नहीं देख अर्चना एक दिन उसके मां को विश्वजीत और आशा के प्यार का पूरा किस्सा सुना डालती है। विश्वजीत की मां शोभा ने भी उसे समझाने की कोशिश की लेकिन उनकी हर कोसिश बेकार जाती है।
उधर आशा को जब ये पता चलता है कि विश्वजीत शादी-शुदा है तो वो उससे रिश्ता तोड़ने की बात कहती है। आशा की बात सुनकर विश्वजीत ने एक ख़तरनाक साजिश रची। एक ऐसी साजिश जिसे सुन कर बड़े से बड़ा शातिरदिमाग़ शैतान भी शरमा जाए।
पूरानी कहावत है कि इश्क अंधा होता है और सच ये भी है कि इश्क में लोग भी अंधे हो जाते हैं। अगर ये सच नहीं होता तो विश्वजीत को उसकी बीवी, मां और बेटी जरूर दिखाई देते पर अंधे इश्क में वो ऐसा अंधा हुआ कि उसे अपनी माशूका के अलावा कोई और रिश्ता नजर ही नहीं आया जाहिर है ऐसी हालत में अंजाम भयानक ही होना था और वही हुआ।
प्लानिंग की जा चुकी थी अब बारी बस उसे अंजाम देने की थी और ये साजिश अपने अंजाम तक तभी पहुंचती जब तीन लोग विश्वजीत के रास्ते से हट जाते पर उन्हें रास्ते से कौन हटाएगा? ये फैसला भी विश्वजीत ले चुका था बस अब इंतजार था तो उस दिन और पल का जब साजिश को अमली जामा पहनाना था और वो मौका भी उसे जल्द ही मिल गया।
क़त्ल के दिन विश्वजीत ने अपने एक दोस्त की शादी में जाने के लिए काम से आधे दिन कि छुटी ली और दोस्त की बारात जाने के बाद वो घर आया और बीवी से झगड़ने लगा और उसके बाद इस सरफिरे ने अपने सारे परिवार का ख़ात्मा कर दिया। साजिश का पहला चरण अब पूरा हो चुका था लेकिन असली प्लानिंग को अंजाम देना अभी बाकी था। अपनी बीवी, मां और बेटी के ख़ून के छींटे उसके दामन पर ना लगें इसके लिए उसने एक और चाल चली। उसने खुद फोन कर पुलिस को इस वारदात की खबर दी।
एक ही घर में तीन क़त्ल की ख़बर से पूरा इलाका सहम जाता है। पुलिस भी अपनी जांच शुरू कर देती है। इस दौरान जब आजतक की टीम मौका-ए वारदात पर थी, और उसने विश्वजीत से इस वारदात के बारे में पूछा तो वो हमारी टीम पर चिल्ला बैठा था। उसने कहा कि "मेरा सबकुछ खात्मा हुआ है और तुम मुझे सवाल कर रहे हो?
पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला की विश्वजीत का किसी लड़की से अफेयर चल रहा था और वो लड़की विश्वजीत के शादीशुदा होने के वजह से लड़की उससे संबंध रखना नहीं चाहती थी और बस अपने माशूका को पाने की हवस ने उसे अपने ही परिवार का क़ातिल बना दिया। इसके बाद जब पुलिस ने विश्वजीत से सख्ती से पूछताछ की तो विश्वजीत का फरेब हार गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। फिर क्या था उसके इकबाल-ए-जुर्म करते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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