कोरोना जब पूरी दुनिया में है तो ज़ाहिर सी बात है उत्तर कोरिया में भी होगा ही, वहां भी लोग इस वायरस से संक्रमित हुए, अभी तक तो खुद ब खुद बिना टीके के ठीक भी हो गए। लेकिन अब जब कि कोरोना का टीका बन चुका है, और जिन देशों ने टीका नहीं बनाया है वो दूसरे देशों से खरीदकर अपने नागरिकों को लगा रहे हैं। लेकिन नॉर्थ कोरिया के मार्शल किम जोंग उन ने ना तो अपने देश में कोरोना की वैक्सीन तैयार कराई है और ना ही वो किसी और देश से उसे खरीदने जा रहे हैं। उल्टे उन्होंने यूनाइटेड नेशंस समर्थित कोरोना वायरस टीकों को ठुकराने के बाद अधिकारियों से 'अपने स्टाइल' में महामारी को रोकने के लिए अभियान चलाने का आदेश दिया है।
कोरोना के वायरस को अपने 'स्टाइल' में मारेंगे किम जोंग उन!
kim jong un will destroy corona virus on his own style
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03 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)
क्या है कोरोना को मारने का किम जोंग स्टाइल?
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कोरियन सरकारी मीडिया ने बताया है कि एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए किम ने कोरोना से निपटने को लेकर आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है, 'यह ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना महामारी की रोकथाम को कड़ा करना सबसे महत्वपूर्ण काम है, जिसे एक क्षण के लिए भी ढीला नहीं किया जाना है।' उन्होंने कोरोना वायरस रोकथाम प्रणाली को और बेहतर करने का निर्देश दिया है।
वायरस की रोकथाम के लिए किम जोंग ने क्या किया?
किम ने उत्तर कोरिया के लोगों से कहा है कि वह लंबे वक्त के लिए कोरोना वायरस प्रतिबंधों को लेकर तैयार रहें। कोरोना महामारी की शुरुआत से उत्तर कोरिया ने वायरस को रोकने के लिए सख्त क्वारंटाइन नियम लागू किए हैं। कोरिया ने अपने देश के बॉर्डर बंद किए हैं। हालांकि इस सबके बावजूद उत्तर कोरिया के पूरी तरह से कोविड-19 से मुक्त होने के दावे को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स संतुष्ट नहीं हैं।
संयुक्त राष्ट्र के भेजे टीके को लेने से मना किया
हाल ही में उत्तर कोरिया ने कहा है कि उसके देश को संयुक्त राष्ट्र अभियान के तहत मिले 30 लाख कोरोना टीके उन देशों को दे दिए जाएं जो कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हैं। उत्तर कोरिया का कहना है उसके देश में कोरोना नहीं है और इसलिए चीन की बनाई सिनोवैक वैक्सीन की डोज किसी और प्रभावित देश को दे दी जाए।
यूनिसेफ के मुताबिक उत्तर कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वह भविष्य के टीकों पर कोवैक्स के साथ संवाद करना जारी रखेगा। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिनोवैक की प्रभावशीलता और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन में देखे जाने वाले खून के थक्कों पर सवाल उठाते हुए उत्तर कोरिया अन्य टीकों की मांग कर सकता है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि किम अभिजात वर्ग के लिए सबसे सुरक्षित और प्रभावी टीका चाहते हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उत्तर कोरिया से बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन देने की अपील की थी।
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