'कुरान जलाने' और 'पैगंबर मुहम्मद के अपमान' के आरोप में इस देश ने दे दी 2 लोगों को फांसी

World News: ईरान (Iran) में दो व्यक्तियों को फांसी (Hang) की सजा सुनाई गई है, जिन्हें ईशनिंदा द्वारा दोषी पाया गया था.

ईशनिंदा के दोषी पाए गए यूसेफ मेहरदाद और सद्रोला फाजेली ज़ारे

ईशनिंदा के दोषी पाए गए यूसेफ मेहरदाद और सद्रोला फाजेली ज़ारे

09 May 2023 (अपडेटेड: May 9 2023 1:16 PM)

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World News: ईरान (Iran) में दो व्यक्तियों को फांसी (Hang) की सजा सुनाई गई है, जिन्हें ईशनिंदा द्वारा दोषी पाया गया था. ईरानी समाचार पोर्टल, मिजान, ने इन घटनाओं की पुष्टि करते हुए बताया है कि यह दोनों युवकों का नाम यूसेफ मेहरदाद और सद्रोला फाजेली ज़ारे था. इन्हें मध्य ईरान के अरक जेल में फांसी की सजा सुनाई गई. वेबसाइट के अनुसार, इन दोनों युवकों को ईशनिंदा के साथ ही इस्लाम धर्म और पैगंबर के अपमान के कई मामलों में दोषी पाया गया था. इसमें से एक मामला कुरान को जलाने का भी था. रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों व्यक्तियों ने इस्लाम के प्रति नफरत फैलाने और नास्तिकता को बढ़ावा देने के लिए कई वेबसाइटों को चलाया था.

ईशनिंदा के दोषी पाए गए यूसेफ मेहरदाद और सद्रोला फाजेली ज़ारे 

ईरान ने पिछले 10 दिनों में हर 6 घंटे में एक व्यक्ति को फांसी पर चढ़ा दिया है. यह सूचना ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) की रिपोर्ट में मिली है. रिपोर्ट दर्शाती है कि पिछले 10 दिनों में ईरान में 42 व्यक्तियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादातर मौत की सजा पाने वाले व्यक्तियों में अल्पसंख्यक बलूच समुदाय के लोग शामिल हैं.

तीन दिन पहले ही हबीब फराजोल्हा छाब, जो ईरान और स्वीडन दोहरी नागरिकता वाला है, को फांसी पर चढ़ा दिया गया था. इसमें उसे आतंकवाद के आरोप लगाए गए थे और ईरान ने 2020 में उसे स्वीडन से किडनैप किया था. 

ह्यूमन राइट्स संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने 2023 के आरंभ से अब तक 194 व्यक्तियों को फांसी की सजा सुनाई है. हालांकि, इनमें से कुछ मामलों में फांसी की सजा को सार्वजनिक रूप से अंजाम दिया गया है. इन मामलों में अधिकांश मौत की सजा पाने वाले व्यक्तियों पर ड्रग्स संबंधी आरोप लगाए गए थे. हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच, ईरान ने 2022 में भी 582 व्यक्तियों को फांसी की सजा सुनाई थी. इनमें से 4 व्यक्तियों को केवल हिजाब विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने के आधार पर फांसी की सजा दी गई थी. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ईरान लोगों को प्रदर्शनों में हिस्सा लेने से रोकने के लिए उनमें मौत की सजा का डर पैदा कर रहा है.

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