Sudhir Suri Murder: क्या है शिवसेना नेता सुधीर सूरी के क़त्ल की इनसाइड स्टोरी?

Sudhir Suri Murder: पंजाब की फिजा में एक बार फिर जहर घुलने का खतरा पैदा हो गया है. और इस बार खतरा दोहरा है. एक तरफ़ तो जलते पराली का धुआं जहर बन कर सांसों को घोंट ही रहा है,

CrimeTak

05 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:29 PM)

follow google news

Sudhir Suri Murder: पंजाब की फिजा में एक बार फिर जहर घुलने का खतरा पैदा हो गया है. और इस बार खतरा दोहरा है. एक तरफ़ तो जलते पराली का धुआं जहर बन कर सांसों को घोंट ही रहा है, दूसरी तरफ़ एक बार फिर पंजाब में खालिस्तानी सोच को हवा देने की कोशिश चल रही है... अमृतसर में शुक्रवार को हुए शिवसेना नेता सुधीर सूरी के क़त्ल के पीछे कुछ इसी सोच और साज़िश की आशंका जताई जाने लगी है.


जानकारों की मानें तो सुधीर सूरी का कत्ल कोई इकलौती केस स्टडी नहीं है, जिसमें किसी दुश्मनी के चलते उन्हें निशाना बनाया गया, बल्कि बहुत मुमकिन है कि इसके पीछे पाकिस्तान की वो नापाक साज़िश हो, जिसके तहत वो एक बार फिर भारत को आतंक की आग में झोंकना चाहता है... पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का के-टू डेस्क पहले ही कश्मीर और खालिस्तान के नाम पर हिंदुस्तान में गड़बड़ी फैलाने का टार्गेट सेट कर चुका है. और इस काम में वो बड़े ही शातिर तरीके से खालिस्तान से हमदर्दी रखनेवाले लोगों और हिंदुस्तान के गैंगस्टरों का मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहा है.


लेकिन इससे पहले कि हम वारदात में आईएसआई के खालिस्तानी सोच की इस साजिश का खुलासा करें, आइए जल्दी के एक नज़र इन दो तस्वीरों पर डाल लेते हैं.

इनमें एक है खालिस्तानी नेता गोपाल चावला जो कई सालों से पाकिस्तान की गोद में बैठकर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है, जबकि दूसरा है गैंगस्टर से आतंकी बनने की कोशिश कर रहा लखबीर सिंह लंडा जो इन दिनों कनाडा में छुपा बैठा है... इन दोनों के साथ खास बात ये है कि ये दोनों ही पर्दे के पीछे से छुप कर पीठ पर वार करते हैं, लोगों को भड़काते हैं, आग लगाते हैं, लेकिन खुद कभी सामने नहीं आते... और अब सुधीर सूरी के कत्ल के बाद दोनों ने अपने वही पुराने जहरीले दांत दिखा फिर दिए हैं... गोपाल चावला ने जहां एक वीडियो जारी कर सूरी के कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार संदीप सिंह की तारीफ की है, वहीं लखबीर सिंह लंडा ने इस कत्ल की जिम्मेदारी खुद पर ली है.

अपनी पोस्ट में गैंगस्टर लखबीर लंडा ने सुधीर सूरी का कत्ल अपने लड़कों से करवाने की बात कही है. साथ भी ये भी कहा है कि जो भी कौम या किसी भी धर्म के बारे में गलत बोलते हैं, वो भी अपनी तैयारी रखें. लंडा ने अपनी पोस्ट में ये भी लखा कि ये तो सिर्फ़ शुरुआत भर है. ऐसे लोग सिक्योरिटी लेकर ये समझने की गलती ना करें कि वो बच जाएंगे. अभी हक लेना बाकी है.जाहिर है लंडा की ये भाषा बता रही है कि उसके कंधे पर बंदूक रख कर बाहरी ताकतें भारत को नुकसान पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की साजिश कर रही हैं.

लखबीर हरीके उर्फ लखबीर लंडा वही आतंकी है, जिसका पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग पर हुए आरपीजी अटैक में भी नाम सामने आ चुका है. सूत्रों के मुताबिक लंडा बार पाकिसतान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा से सीधा संबंध है. बीते दिनों तरनतारन में हुए एक कपडा कारोबारी के कत्ल में भी लखबीर लंडा का नाम सामने आया था और उस पर अकेले पंजाब में ही 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. पिछले दिनों अमृतसर के कटरा अहलूवालिया से पकड़े गए तीन आतंकियों ने भी पूछताछ में लखबीर लंडा के लिए काम करने का दावा किया था. इन आतंकियों ने बताया था कि उन्हें हिंदूवादी नेता सुधीर सूरी का कत्ल करने का काम सौंपा गया था. कुछ इन्हीं हालात के मद्देनजर सुधीर सूरी को पंजाब पुलिस की वाई केटेगरी की सुरक्षा मिली हुई थी... सुरी की सुरक्षा में 15 पुलिसकर्मी और एक पायलट जिप्सी हमेशा तैनात रहती थी. पांच पुलिसवाले उनके घर में हर वक्त रहते थे, इसके बावजूद शुक्रवार को जब वो अमृतसर में धरना दे रहे थे, उन पर भरी भीड़ के बीच पुलिसवालों की मौजूदगी में गोलियों से ताबड़तोड़ हमला हुआ. उन्हें पांच गोलियां मारी गईं और आखिरकार उनकी जांच कली गई. सूरी साल 2010 से ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ भी खुलकर बोलते रहे थे.


वैसे सूरी के कत्ल के लेकर आतंकवादियों ने अगर सिर्फ दावे ही किए होते, तो भी एक बार के लिए इस पर सवाल उठाए जा सकते थे. लेकिन पुलिस को हमले के आरोपी संदीप सिंह की गाड़ी और उसके सोशल मीडिया एकाउंट से जिस तरह की चीजें हाथ लगी हैं, वो उसके खालिस्तानी कनेक्शन की तरफ इशारे करते हैं. सूत्रों की मानें तो कपडे का कारोबार करनेवाला संदीप सिंह शुरू से ही खालिस्तानी सोचवाला रहा है और मौका ए वारदात से बरामद उसकी गाड़ी में भी वारिस पंजाब दे नाम के संगठन का स्टिकर चिपका हुआ मिलता है, जिसका झुकाव खालिस्तान की तरफ़ माना जाता है. लेकिन सिर्फ गाड़ी में लगा स्टिकर ही नहीं, उसकी सोशल मीडिया पोफाइल पर मौजूद चीजें भी उसकी इसी जेहनीयत की तरफ इशारा करती है. सोशल मीडिया पर मौजूद एक वीडियो में आरोपी संदीप सैंडी की वारिस पंजाब दे संगठन के जत्थेदार अमृतपाल सिंह से अपने बेटे को मिलवाता हुआ दिख रहा है. यही वजह है कि अब इस कत्ल के बाद अमृतपाल सिंह का नाम भी फिजाओं में हैं, लेकिन पंजाब पुलिस ने इस मामले पर अपना मुंह सी रखा है.

लेकिन ये मामला कितना नाजुक है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सुधीर सूरी के कत्ल के बाद खुद सूबे के सबसे पहले पुलिस अफसर यानी डीजीपी गौरव यादव को मामले का जायजा लेने के लिए राजधानी चंडीगढ़ से अमृतसर आना पड़ा. हालांकि मौका ए वारदात पर पहुंचने के बाद यादव ने लोगों को अफवाहों से दूर रहने की हिदायत दी और ये भी कहा कि अगर कोई सोशल मीडिया पर गलत जानकारी साझा करेगा, तो उस पर बी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने हमलावर के कार से मिले स्टिकर और दूसरे दस्तावेजों की जांच का भरोसा दिया.



वैसे सुधीर सूरी के कत्ल को आईएसआई और खालिस्तानी सोच वाले लोगों से जोड़ कर देखे जाने के पीछे भी एक अहम वजह है. वजह ये कि पंजाब में धार्मिक नेता पहले भी ऐसे कट्टरपंथी ताकतों के निशाने पर रहे हैं.

18 जनवरी 2016 को लुधियाना के किदवई नगर में आरआरएस की शाखा पर गोलीबारी हुई.
3 फरवरी 2016 को लोकल हिंदू नेता अमित अरोड़ा पर गोलियों से हमला हुआ
3 मार्च 2016 को हिंदू नेता दुर्गा दास गुप्ता की हत्या कर दी गई, वो शिवा सेना के लीडर थे.
6 अगस्त 2016 को RSS के वॉइस पेसिडेंट जगदीश गंगनेजा की गोली मारकर हत्या हुई
14 जनवरी 2017 को अमित शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई... वो हिंदू ताकत नाम के संगठन के जिला प्रचारक थे
25 फरवरी 2017 को डेरा सच्चा सौदा के फॉलोवर सतपाल कुमार और उनके बेटे की गोली मारकर हत्या की गई
15 जुलाई 2017 किश्चियन धर्म से ताल्लुक रखने वाले सुल्तान मसीह की हत्या हुई
17 अक्तूबर 2017 को RSS लीडर रविंद्र गोसाईं की जान ले ली गई
16 अक्टूबर 2020 को शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या हुई
10 फरवरी 2020 को पंजाब में शिव सेना के यूथ विंग के लीडर हनी महाजन पर हमला हुई... गोली लगी पर बाल बाल बचे...

साल 2016 से 2020 तक हुई ये वारदातें इस बात का सबूत है कि किस तरह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकियों और पंजाब के गैंगस्टर्स के जरिए लगातार हिंदुस्तान को लहूलुहान करने में लगा है.

सुधीर सूरी अपने भड़काऊ भाषणों को लेकर चर्चा में रहते थे. इस सिलसिले में उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुए थे और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. वह 2016 से खालिस्तानी नेताओं के निशाने पर थे. और आखिरकार वही हुआ, जिसका डर सूरी और उनके घरवालों को था... शुक्रवार को उन्हें तब गोलियों का निशाना बनाया गया, जब कूडे में हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरें मिलने के बाद वो धर्ने पर बैठे थे.

    follow google newsfollow whatsapp