india's four most wanted kill: खालिस्तानी आतंकी सिख फॉर जस्टिस नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में एक सड़क हादसे में मौत की खबर क्या फैली, भारत के तमाम मोस्टवांटेड अब डर से थर थर कांपने लगे हैं। क्योंकि पिछले कुछ अरसे के दौरान भारत के दुश्मन और मोस्टवांटेड अपराधियों के मरने का सिलसिला तेजी से आगे बढ़ता दिखाई पड़ने लगा है।
विदेशों में 60 दिनों के भीतर मर गए भारत के चार मोस्टवांटेड, मौत की खबर के बाद सामने आया पन्नू का नया वीडियो
india four most wanted kill : विदेशी जमीन पर भारत के चार मोस्टवांटेड पिछले 60 दिनों के भीतर मौत के घाट उतर गए हैं। इसी बीच पन्नू की मौत की खबर फैलने के बाद सोशल मीडिया पर उसका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो जिंदा है और अपनी बात कहता दिखाई पड
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खबरों में दावा किया गया था कि सड़क हादसे में खालिस्तानी आतंकी पन्नू मारा गया
06 Jul 2023 (अपडेटेड: Jul 7 2023 2:04 PM)
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पाकिस्तान, कनाडा और अब अमेरिका
पाकिस्तान, कनाडा और अमेरिका तीनों ही जगह भारत के उन आतंकियों की इत्तेफाक से मौत की खबर सामने आने का सिलसिला बना हुआ है जो या तो भारत के खिलाफ आतंकी हरकतों को अंजाम दे रहे थे या फिर आतंकी वारदात से उनका कोई लेना देना था।
हाइवे नंबर 101 का हादसा
इस कड़ी में सबसे ताजा नाम है गुरपतवंत सिंह पन्नू का। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो अमेरिका के हाईवे नंबर 101 में एक कार हादसे में मारा गया। जबकि कुछ अरसा पहले ही खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह मौत के घाट उतार दिया गया। उसके कुछ दिनों के बाद ही खालिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभालने वाला हरदीप सिंह निज्जर को गोली मार दी गई थी और उसके बाद भारतीय दूतावास पर हमला करने वाले खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा की भी मौत की खबर सामने आई थी।
हालांकि इसी बीच एक और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें गुरपतवंत सिंह ऩजर आ रहा है। और उस वीडियोे ने इस बात को झुठला दिया कि सड़क हादसे में खालिस्तानी आतंकी सिख फॉर जस्टिस का चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू की सड़क हादसे में मौत हुई है।
भारत में मोस्टवांटेड थे
इतना ही नहीं कश्मीर में आतंकवाद फैलाने वाला हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप का कमांडर बशीर मीर उर्फ इम्तियाज आलम और जैश ए मोहम्मद का टॉप आतंकी जहूर मिस्त्री की भी हत्या की खबरें सामने आ चुकी हैं। और ये अजब इत्तिफाक है कि ये सभी भारत में मोस्टवांटेड थे। ये सब कुछ पिछले 60 दिनों के दौरान ही हुआ है। ऐसे में कुछ लोग इस बात को कहते सुनाई पड़ जाएंगे कि भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं, लेकिन जिस तरह से भारत के मोस्टवांटेड पिछले दिनों मौत के घाट उतारे गए हैं या हादसे का शिकार हुए हैं उसके देखकर भी कुछ लोग ये कहते मिल जाएंगे कि ये अच्छा संयोग है जिसके पीछे मुमकिन है कि कोई प्रयोग भी हो।
सोशल मीडिया पर उगलता आग
गुरपतवंत सिंह पन्नू की मौत की खबर बीती शाम यानी बुधवार से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। ये सोशल मीडिया पर खुद को शेर कहलाता था और भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता था। भारत सरकार ने साल 2020 में UAPA कानून के तहत पन्नू को आतंकवादी घोषित कर दिया था।
निज्जर की हत्या के बाद डरा
कुछ अरसा पहले जब हरदीप सिंह निज्जऱ की गोली मारकर हत्या की गई थी, उसके बाद से ही पन्नू डरा डरा घूम रहा था और उसने कई मौकों पर अपनी हत्या की आशंका जताते हुए अपनी सुरक्षा को और बढ़ा लिया था।
कानून की पढ़ाई कर चुका पन्नू
अमृतसर के खानकोट का रहने वाला गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाईकी थी। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वो विदेश चला गया था लेकिन जल्दी ही वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चंगुल में फंस गया और उसके बाद से ही पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी मुहिम को जिंदा करने की फिराक में लग गया था।
ISI का मोहरा बना पन्नू
पन्नू सोशल मीडिया की वजह से लगातार अपनी हाजिरी दर्ज कराता रहता था और आतंकवादी बातों के जरिए वो भारत के खिलाफ जहर उगलता ही रहता था। बताया जाता है कि इसने एक आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस बनाया था जिसने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भारतीय दूतावासों, नागरिकों और मंदिरों पर हमलें किए। खुलासा है कि पन्नू को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से पंजाब में खालिस्तानी हवा भड़काने के लिए अच्छा खासा फंड मिलता था।
कनाडा में निज्जर को मारी गई थी गोली
पिछले ही महीने 19 जून 2023 को कनाडा में भारत का एक और मोस्टवांटेड हरदीप सिंह निज्जर को दो अनजान हथियारबंद बदमाशों ने गोली से उड़ा दिया था। हत्या की वो वारदात कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में हुई थी। निज्जर भी भारत के मोस्टवांटेड लिस्ट में था और उसके खिलाफ इनाम भी घोषित था। जालंधर के हरसिंहपुर का रहने वाला निज्जर कनाडा में प्लंबर के तौर पर काम करता था लेकिन बाद में उसने सिख समुदाय में अपनी पहचान बढ़ा ली थी। भारत सरकार ने उसके खिलाफ दस लाख का इनाम घोषित कर दिया था।
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