Queen Elizabeth II: 8 सितंबर 2022 की शाम ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का निधन हो गया। लेकिन ये बात कितने लोगों को पता है कि उनके निधन के बाद कई देशों की करंसी तक बदल गई। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत की खबर शायद इस सदी की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक मानी जाएगी।
Queen Elizabeth II की मृत्यु दुनिया की सबसे महंगी मौत, ब्रिटेन के ख़ज़ाने को लगी इतनी बड़ी चोट
Costliest Death: क्वीन एलिजाबेथ II की मृत्यु को दुनिया की सबसे महंगी मौत भी कहा जा रहा है क्योंकि उनकी मौत के बाद किंग चार्ल्स के शपथ लेने तक जो खर्च आएगा उतनी तो कई देशों की GDP तक नहीं है।
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09 Sep 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:26 PM)
ये जानकर हैरत हो सकती है कि क्वीन एलिजाबेथ की मौत तो 8 सितंबर को हुई, लेकिन उनकी मौत के बाद की तैयारियां क़रीब करीब तीन साल पहले से ही मुकम्मल की जा चुकी है। यहां तक कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत की खबर कैसे दुनिया भर तक पहुँचेगी और उसे मीडिया में कैसे कैसे चलाया जाएगा इस बात की भी रिहर्सल तक की गई थी। और ये बात हवा हवाई नहीं बल्कि ब्रिटेन के शाही परिवार के साथ साथ वहां की सरकार तक ने अपनी महारानी के निधन की तैयारी कई सालों से कर रही है।
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ब्रिटेन की राजगद्दी पर महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का पिछले 70 सालों से विराजमान थीं। यानी ब्रिटेन के इतिहास में कुछ ही नाम ऐसे हैं जिनका शासन काल उनके शासन काल जितना या उससे ज़्यादा होगा। और क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का सत्ता इतनी लंबी है कि उनके शासनकाल के दौरान शपथ लेने वाले चार प्रधानमंत्री की उम्र भी उतनी नहीं है।
लेकिन ये बात शायद ही किसी ने सोची होगी कि ब्रिटेन की महारानी की आखिरी सांस के बाद ब्रिटेन में क्या क्या होगा? क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की ये मौत अब ब्रिटेन के खज़ाने पर कितनी भारी पड़ने वाली है इसका अंदाज़ा भी शायद ही कोई लगा सके।
Queen Elizabeth II: वैसे भी ब्रिटेन के शाही घराने के लोग अपनी ठाट बाट के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। ब्रिटेन का शाही खानदान अपनी शाह खर्ची और ऐशो आराम पर खर्च करने के मामले में एक तरह से बदनाम भी हैं...या यूं कहें कि वो लोग ज़िंदगी में खर्च करते समय क़ीमत नहीं देखते। लेकिन ब्रिटेन का शाही खानदान मौत को भी किसी भव्य आयोजन से कम नहीं मनाते।
ब्रिटेन के शाही खानदान की दुनिया में एक अलग पहचान है...उनका एक रुआब और रसूख है। ऐसे में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत की खबर को सबसे पहले कैसे कैसे आगे बढ़ाई जाएगी...सबसे पहले किसे इस मौत की इत्तेला दी जाएगी और फिर इस खबर को मीडिया की खबर कैसे कैसे बनाया जाएगा इसका पूरा प्लान तैयार किया गया था।
यानी जिस वक़्त दुनिया भर के मीडिया में ये खबर सामने आई... उससे पहले शाही खानदान ने इस बात की ताकीद कर ली होगी कि या शाही खानदान के उस सेक्रेटरिएट ने ये बात पुख्ता कर ली होगी कि इस खबर को शाही महल से बाहर निकलने के लिए जरूरी प्रोटोकॉल का पालन किया गया है या नहीं।
Queen Elizabeth II: क्योंकि ये बात तो दुनिया जानती है कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत की खबर का सिर्फ इंग्लैंड या ब्रिटेन ही नहीं बल्कि दुनिया के कई मुल्कों पर इसका असर पड़ा। इसी लिए क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यू की तैयारी पहले से करके रखी गई क्योंकि वो इस सदी की सबसे बड़ी घटनाओं में शामिल होगी।
और शायद लोग ये जानकर हैरान हो जाएं कि इस मौत से प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर दुनिया के 40 फीसदी लोग रु ब रू हो रहे हैं।
अब सुनिये कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यू के बाद सबसे पहला राज का कार्य यही था कि प्रिंस चार्ल्स को महाराजा घोषित किया गया। क्योंकि राज सिंहासन किसी भी हालात में खाली नहीं छोड़ा जा सकता। तो ये औपचारिकता सबसे पहली ज़रूरत है। और अब प्रिंस चार्ल्स बन गए हैं किंग चार्ल्स थर्ड।
Queen Elizabeth II: इससे पहले ये औपचारिकता हुई थी साल 1952 में जब क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के पिता किंग जॉर्ज षष्टम की मृत्यू हुई थी। 1952 में महाराजा की मौत की सूचना ब्रिटेन के सभी बड़े अधिकारियों को टेलीफोन के जरिए ये सूचना दी गई थी। और उनकी मृत्यू को कोड वर्ड था हाईड पार्क कॉरनर्ड।
उसी तर्ज पर क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत का कोडवर्ड था लंदन ब्रिजेस डाउन। इसी कोडवर्ड के जरिए महारानी के पर्सनल सचिव को दी गई। और इस सूचना के बाद ही शुरू हुआ ब्रिटेन के ऑपरेशन यूनिकॉर्न। ऐसा इसलिए क्योंकि ये बात पहले से ही तय की गई थी कि अगर महारानी की मौत स्कॉटलैंड के घर पर होती है तो उसके लिए ऑपरेशन यूनिकॉर्न शुरू किया जाएगा। और उसके बाद महारानी के निजी सचिव ने इस सूचना को आगे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रिस को दी। इत्तेफाक से इस वक़्त प्रधानमंत्री का पद खाली है क्योंकि प्रधानमंत्री पद पर चुनी गईं लिज ट्रिस ने महारानी से शपथ तो नहीं ली थी, लेकिन इस प्रोटोकॉल को उन्होंने ही पूरा किया। और प्रधानमंत्री की तरफ से महारानी की मौत की खबर जमाने के सामने घोषणा की गई।
इसके बाद महारानी के निधन की खबर 15 देशों के राष्ट्राध्यक्षों तक पहुँचाया गया। क्योंकि वो 15 देश अभी भी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के अधीन की काम कर रहे हैं। इसके बाद कॉमनवेल्थ के 52 देशों तक महारानी की मौत की खबर पहुँचाई गई औपचारिक तौर पर।
Queen Elizabeth II: अगर गौर से देखें तो इस वक्त ब्रिटेन में ऑपरेशन यूनिकॉर्न चल रहा है और इस ऑपरेशन के बाद बीबीसी न्यूज के तमाम एंकर अब काले कपड़ों में ही नज़र आएंगे। असल में ये भी एक पहले से तय ऑपरेशन का हिस्सा है। क्योंकि जबतक आधिकारिक घोषणा नहीं होती तब तक मीडिया हाउस में कोई शोक जैसी बात नहीं हो सकती। लेकिन लंदन का सेंट्रल ऑफिस यानी महारानी का सचिवालय ने एक व्यवस्था कर रखी है जिसके तहत तमाम मीडिया हाउस और रेडियो स्टेशन में एक ब्लू लाइट लगी हुई है...जिस पर OBIT लिखा हुआहै। इसका मतलब है ऑबेच्यूरी। ये ब्लू लाइट केवल तभी जलती है जब शाही परिवार में किसी की मौत होती है। प्रोटोकॉल यही है कि इस लाइट के जलते ही शोक धुन बजनी शुरू हो गई।
इस बार महारानी की मौत की खबर सबसे पहले बीबीसी को न देकर प्रेस एसोसिएशन को दी गई जिसके जरिए दुनिया के मीडिया को पता चला कि महारानी का देहांत हो गया। इतना ही नहीं इसके बाद बीबीसी में रैट्स सिस्टम यानी रेडियो अलर्ट ट्रांसमीशन सिस्टम (RATS) एक्टिवेट हो गया। ये ऐसा सिस्टम असल में कोल्ड वॉर के समय लगाया गया था जिससे लोगों को मिसाइल के हमले से बचने के लिए अलर्ट दिया जा सके।
Queen Elizabeth II: बीबीसी पर जैसे ही महारानी की मृत्यू का समाचार आया उस वक़्त एंकर ने काली टाई और काला कोट पहना था जो खास इसी मौके के लिए था। इसके बाद स्क्रीन पर महारानी की कुछ ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें चलाई गईं थीं। और नेशनल एंथम बजाया गया। इस खबर के प्रकाशित होते ही यूनियन जैक को आधा झुका दिया गया।
आप शायद जानकर हैरान हो जाएं कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद जो खबरें चलाई जानी हैं उन्हें पहले से ही तैयार करके आर्काइव कर लिया गया था। शाही खानदान में हुई क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद ब्रिटेन के सभी टीवी चैनलों और रेडियो में तमाम कॉमेडी शो इस शोक सभा के खत्म होने तक सस्पेंड कर दिए गएहैं । इतना ही नहीं। हवाई जहाज के पायलटों को भी इस बात की ट्रेनिंग दी गई है कि जैसे ही ब्रिटेन में ये शोक घोषित होगा तो पायलट सभी यात्रियों को महारानी की मृत्यू की सूचना देंगे। और ऐसा ही हुआ भी।
शाही खानदान में हुई इस मौत के बाद लंदन करीब करीब बंद हो गया है। ब्रिटेन की पार्लियामेंट का भी कामकाज बंद है केवल इमरजेंसी मीटिंग ही हो रही हैं।
Queen Elizabeth II: इस राजशाही मौत के लिए भी ब्रिटेन में बाकायदा एक क़ानून है। और उस कानून के मुताबिक क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यू के बाद उनके अंतिम संस्कार पर आने वाला सारा खर्च ब्रिटेन की सरकार को उठाना होगा। जैसा 1997 में प्रिंसेस डायना की मौत के वक़्त का सारा खर्च ब्रिटेन की सरकार ने उठाया था। तब ये खर्च 10 मिलियन डॉलर हुआ था।
लेकिन डायना महारानी नहीं थी, इसलिएउनके अंतिम संस्कार पर आया खर्च काफी कम था। लेकिन इस बार क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत हुई है...लिहाजा इस बार ब्रिटेन की सरकार पर खर्च प्रिंसेस डायना के मुकाबले कई गुना ज्यादा आएगा। क्योंकि अब ब्रिटेन की करंसी से महारानी की फोटो की जगह किंग चार्ल्स की फोटो लगेगी यानी ब्रिटेन की करंसी पूरी त रह से बदली जाएगी...
यानी ब्रिटेन की करीब करीब 3.6 बिलियन करंसी को बदला जाएगा। लिहाजा इस पर आने वाला खर्च करीब करीब 200 से 225 मिलियन डॉलर होगा। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि ऐसा करने वाला इंग्लैंड दुनिया का इकलौता मुल्क नहीं होगा बल्कि दुनिया के कई देशों को अपनी करंसी में बदलाव करने होंगे। ब्रिटेन के अलावा ये मुल्क हैं कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, साइप्रस, कीमेन आइलैंड, बहामास, बेलीज़, एंटीगुआ, बारमूडा, ग्रेनेडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड। इन तमाम देशों की करंसी में महारानी की तस्वीर इस्तेमाल होती है जिसे अब बदलाना होगा। ऐसे में ये खर्च करीब 1 बिलियन डॉलर के आस पास होगा।
Queen Elizabeth II: जिस रोज महारानी को सुपुर्दे ख़ाक किया जाएगा और जिस रोज़ ब्रिटेन के नए राजा किंग चार्ल्स थर्ड की शपथ ग्रहण वाले दिन ब्रिटेन में नेशनल हालीडे घोषित कर दिया जाएगा। और इंग्लैंड में एक नेशनल हालीडे का मतलब है तीन बिलियन डॉलर का नुकसान। ऐसे में छह बिलियन डॉलर का नुकसान ब्रिटेन के अतिरिक्त बर्दाश्त करना होगा। यानी महारानी के अंतिम संस्कार पर कुल खर्च आएगा 8 बिलियन डॉलर जिसे भारत के रुपये में अगर देखें तो ये क़रीब 5 खरब रुपये से भी ज़्यादा हो जाता है।
तो इस लिहाज से कहा जा सकता है कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मौत शायद दुनिया की सबसे महंगी मौत कही जा सकती है।
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