क्या वाकई चीन ने भारतीय इलाके में कब्जा कर लिया है ? इस रिपोर्ट से समझिए, क्यों गलवन घाटी पर है चीन की नजर ?

LAC पर चीन ने 60 हजार सैनिकों का किया जमावड़ा, भारत ने भी बढ़ाई सेना, पैंगोंग झील (Pangong Tso) में चीन ने कुछ किया तो मिलेगा करारा जवाब, Read the latest updates of crime news in Hindi on Crime Tak.

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05 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:11 PM)

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मंजीत नेगी, कमलजीत संधू के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

INDIA - CHINA DISPUTE : ये कोई पहली मर्तबा नहीं है जब चीन ने चालबाजी की हो, गलवन घाटी में चीनी सैनिकों ने जो किया, वो किसी से छिपा नहीं है, लेकिन फिर चीनी फौज बैचेन है। उनकी बैचेनी का इलाज भारतीय फौज करने को तैयार है। क्यों गलवन घाटी पर है चीन की नजर ? क्या है भारतीय सेना की तैयारी ?

60 हजार सैनिक आमने-सामने

दरअसल, चीन ने पूर्वी लद्दाख में, एलएसी के पार लगभग 60,000 सैनिक जमा कर लिए हैं, वहीं भारत ने भी इतने ही सैनिक तैनात कर लिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीन किसी भी तरह का दुस्साहस न कर सके। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने लद्दाख के सामने के क्षेत्रों से अपने सभी समर ट्रेनिंग ट्रूप्स को वापस बुला लिया है, लेकिन अभी भी वहां 60,000 सैनिक तैनात हैं, जो खतरे वाली बात है।

किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार भारत

उधर, पीएलए (PLA) ने वीडियो में चीन का झंडा लहराते अपने सैनिकों की छोटी फुटेज सरकारी प्रचार माध्यमों के जरिये जारी की थी। इसमें चीनी सैनिक अपने देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं। इस वीडियो में पीछे एक पोस्टर भी लगा है, जिस पर एक इंच जमीन भी नहीं देने का संदेश लिखा था। चीन के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए गलवन में तिरंगा लहराते भारतीय सैनिकों की तस्वीरें जारी की गई है।

सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना ने भी अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। लद्दाख थिएटर में राष्ट्रीय राइफल्स यूनिफॉर्म फोर्स का गठन किया गया है, ताकि वहां 14 कोर को मजबूत किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना भी वहां किसी भी तरह के खतरे का मुकाबला करने के लिए, अग्रिम तैनाती कर रही है। भारतीय सेना भी एलएसी के पास को खुला रख रही है, ताकि जरूरत पड़ने पर सैनिकों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।

खतरा भांपने के बाद बलों का पुनर्गठन किया

क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए सेना के जनादेश को ध्यान में रखते हुए, खतरे के आकलन और आंतरिक विचार-विमर्श करने के बाद, बलों का पुनर्गठन किया है। भारत के सैनिक चीनी सैनिकों के साथ दृढ़ता और शांतिपूर्ण तरीके से व्यवहार करना जारी रखेंगे।

उत्तरी सीमाओं पर कंस्ट्रक्शन हो रहा है जिसमें सड़कें, सभी मौसम में कनेक्टिविटी के लिए टनल, चार रेलवे लाइन, ब्रह्मपुत्र पर और पुल निर्माण, भारत-चीन सीमा सड़कों पर पुल अपग्रेड करना और आपूर्ति, ईंधन और गोला-बारूद के लिए स्टोरेज बनाना शामिल हैं।

पैंगोंग में हलचल तेज

उधर, लद्दाख में चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ड्रैगन को उसकी डबल दगाबाजी पर भारत ने करारा जवाब देते हुए कहा कि अगर पैंगोंग में चीन ने कोई चालाकी की तो भारत की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। दरअसल, चीन लद्दाख में गतिविधियां बढ़ा रहा है। इसे देखते हुए विदेश मंत्रालय की ओर से पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है।

गलवन पर चीन की ओऱ से झंडा फहराने के बाद विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना स्थिति को संभाल रही है। उन्होंने कहा, ''मैं इस बारे में ज्यादा नहीं बोलना चाहती। चीन को करारा जवाब मिल रहा है।'' वहीं पैंगोंग त्सो पर चीन के दुस्साहस पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर चीन कुछ करता है, तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।''

15 जून को हुई थी हिंसक झड़प

दरअसल, 15 जून 2020 को गलवन घाटी के पेट्रोल पॉइंट 14 पर भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच टेंशन काफी बढ़ गई थी। इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान पहुंचा था। हालांकि, चीन की ओर से आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए गए थे। भारत लगातार PP 14 पर चीनी अधिग्रहण का विरोध करता रहा है। इसी वजह से यह झड़प हुई थी। इस झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। हालांकि, कई स्तर की बातचीत के बाद दोनों देश अपनी सेनाएं पीछे हटाने को तैयार हुए थे। इसके बाद विवादित जगह को बफर जोन बनाया गया है। इसके अलावा PP 14 को नो पेट्रोल जोन बनाया गया है। दोनों देशों की सेनाएं इस जगह पर 1.5-1.5 किमी पीछे हट गई हैं।

दोनों सेनाओं ने तैनात किए बड़ी संख्या में जवान

दोनों देशों ने बड़ी संख्या में सेना की तैनाती कर रखी है। हालांकि, कोई भी जवान बफर जोन में नहीं है। हालांकि, दोनों सेनाएं एक दूसरे पर कड़ी नजर रख रही हैं। चीनी सेना का वीडियो भी बफर जोन से 1.5-2 किमी दूर है। इसी तरह से भारतीय जवानों ने जहां तिरंगा फहराया है, वह भी नो पेट्रोल जोन से बाहर है।

वीडियो वायरल होने के बाद बवाल

शेन सिवेई द्वारा ट्वीट किया गया ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसी के साथ भारत की विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी पर तीखा हमला किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "गलवन पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है। चीन को जवाब देना होगा। मोदी जी, चुप्पी तोड़ो!"

अरुणाचल के 15 जगहों का भी नाम चीन ने बदला

भारत के साथ चीन लगातार उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों का नाम बदल दिया था। चीन की इस करतूत पर भारत ने दो टूक कहा था कि अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 30 दिसंबर को एक बयान में कहा था, "हमने ऐसी रिपोर्ट देखी है, यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों के नाम बदलने का प्रयास किया है। चीन ने भी अप्रैल 2017 में भी ऐसी ही कोशिश की थी। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है। अरुणाचल प्रदेश में स्थानों को आविष्कृत नाम थोप देने से यह तथ्य नहीं बदलता है।"

चीन के नापाक इरादे

गलवन से जुड़े पीएलए के भ्रामक वीडियो के बाद चीनी सेना के पैंगोंग झील पर पुल का निर्माण किए जाने की खबरें सीमा पर चीन के लगातार बढ़ते आक्रामक रुख का संकेत दे रही हैं। पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण छोर के बीच अपने सैनिकों का आवागमन आसान बनाने के लिए फिंगर आठ से करीब 20 किलोमीटर दूर चीन इस पुल का निर्माण कर रहा है, जो उसके दक्षिण में रोटूग मिलिट्री बेस के करीब है। पुल बन जाने के बाद इस इलाके से रोटूग सैन्य बेस की मौजूदा करीब 150 किलोमीटर की दूरी करीब 50 किलोमीटर से भी कम रह जाएगी। अप्रैल-मई 2020 से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की हरकतों से एलएसी पर भारत और चीन के बीच सैन्य तनातनी का दौर जारी है।

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