जेल में कौन भेज रहा है रॉक स्टार बाबा को 'लव' लेटर?

followers are sending letter to ram rahim

CrimeTak

05 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)

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सिरसा के रॉकस्टार बाबा जेल में हैं लेकिन उनके चाहने वालों, उनके भक्तों में कमीं नहीं आई है। और इसका अंदाज़ा हर साल 15 अगस्त को तब लगता है जब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह का जन्मदिन होता है। बाबा के भक्त सिर्फ 15 अगस्त को नहीं बल्कि पूरे के पूरे अगस्त महीने को ही अवतार माह के रूप में मनाते हैं। यानी भक्त बाबा को अवतार समझते हैं और उनके जन्मदिन को किसी महोत्सव की तरह मनाया जाता है।

डेरा प्रमुख के जेल जाने से पहले हर साल 15 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा सिरसा में बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन होता था। हालांकि, यौन शोषण मामले में राम रहीम के जेल जाने के बाद से पहले जैसा आयोजन अब नहीं होता।

इसी महीने 21 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार भी है। ऐसे में इन दिनों हरियाणा के जाखल के डाकघरों से डेरा प्रमुख को सुनारिया जेल के पते पर राखी और जन्मदिन की ग्रीटिंग भेजने का सिलसिला जारी है। डेरा प्रेमी कतार में लगकर राखी व ग्रीटिंग पोस्ट कर रहे हैं।

जाखल में डाकघर में पिछले एक हफ्ते में दर्जनों लोगों ने डेरा प्रमुख को राखी और ग्रीटिंग कार्ड भेजे हैं। हर रोज डेरा श्रद्धालु ग्रीटिंग कार्ड भेजने के लिए आ रहे हैं। डेरा श्रद्धालु अपने हाथों में सफेद और खाकी रंग के लिफाफे लिए कतारों में लगे हैं। यहां से काफी श्रद्धालु सुनारिया जेल में डेरा प्रमुख के 54वें जन्मदिन के लिए बधाई संदेश भेज रहे हैं। भक्तों का कहना हैकि जब से उनके गुरु सुनारिया जेल गए हैं, तब से वो हर साल अगस्त महीने में ग्रीटिंग भेजते हैं।

एक दौर था जब राम रहीम की पहचान बाबा के साथ साथ एक रॉकस्टार की थी, भक्तों का ये चमत्कारी बाबा गजब का इच्छाधारी था, कभी वो फिल्मी दुनिया का दबंग बन जाता था। तो कभी रोमांस का जादूगर। डेरा में राम रहीम के मुरीदों का संसार हुआ करता था, लेकिन पाप का घड़ा फूटते ही राम रहीम का मायाजाल तहस नहस हो गया, लेकिन निशान अभी भी बाकी है।

25 अगस्त 2017 को रेप के दो मामलों में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई है और उसके बाद से राम रहीम जेल की सलाखों के पीछे है। रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में अदालत ने 17 जनवरी 2019 को दिए फैसले में राम रहीम को उम्र कैद की सज़ा सुनाई। खास बात ये है कि अदालत ने कहा है- ये सज़ा साध्वी दुष्कर्म मामले में सज़ा के बाद शुरु होगी।

राम रहीम की साध्वी दुष्कर्म मामले में सज़ा 70 साल की उम्र में पूरी होगी और उसके बाद रामचंद्र हत्या मामले में उम्रकैद की सज़ा शुरु होगी, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति वही व्यक्ति हैं जिन्होने पंद्रह सबसे पहले राम रहीम की करतूतों की पोल खोली थी। रामचंद्र छत्रपति ने करीब सोलह साल पहले अपने अखबार पूरा सच में में राम रहीम का पूरा कच्चा चिट्ठा छापा था, इस अखबार में राम रहीम के खिलाफ छपी खबर के बाद ही उनकी हत्या कर दी गई थी।

अखबार के 30 मई 2002 के अंक में रामचंद्र छत्रपति ने राम रहीम की साध्वियों से दुराचार की खबर छापी थी, इस खबर के बाद कई बार धमकी मिली और अक्टूबर में उन्हें गोली मार दी गई। कई दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझते हुए आखिरकार रामचंद्र छत्रपति की मौत हो गई थी। 2003 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ले ली थी और 2007 में केस में चार्जशीट दाखिल कर दी।

राम रहीम पर डेरा प्रबंध समिति के सदस्य रहे रंजीत सिंह की हत्या का मामला भी है। रंजीत सिंह किसी वक्त राम रहीम का सबसे बड़ा भक्त था, लेकिन जब उसने बाबा के कुकर्मों के खिलाफ आवाज उठाई तो उसकी आवाज हमेशा-हमेशा के लिए खामोश कर दी गई। कहा जाता है कि रंजीत सिंह ने ही साध्वी की गुमनाम चिट्ठी को दुनिया के सामने लाने का साहस किया था। आरोप है कि रंजीत सिंह के कदम से राम रहीम भड़क गया था, 20 साल तक रंजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के सिरसा आश्रम में रहा, लेकिन 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई।

इसके अलावा 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का भी मामला राम रहीम का पीछा कर रहा है, 5 अक्टूबर 2018 को राम रहीम को 400 साधुओं को नपुंसक बनाने से जुड़े मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन उसका जेल से बाहर आना तो मुश्किल ही लगता है।

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