अफगानिस्तान में बिक रही है 9 साल की 'दुल्हन'! हकीकत जानकर हैरान रह जाएंगे आप

fathers-selling-own-daughter-aged-9-to-buy-food-for-other-family-members

CrimeTak

03 Nov 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:08 PM)

follow google news

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान का राज आने के बाद अगर किसी के भविष्य की सबसे ज्यादा चिंता हो रही थी, तो वो यहां की लड़कियां ही थीं। अब वो चिंता डर में तब्दील होने लगी है, मानवीय संकट से गुजर रहे अफगानिस्तान में दो वक्त के खाने के लिए बच्चियों का सौदा धड़ल्ले से हो रहा है। इन बच्चियों की सिसकियां सुनने वाला कोई नहीं है, क्योंकि उनके मां-बाप ही मजबूरी में उन्हें बेच रहे हैं।

अब अफगानिस्तान के रिफ्यूजी कैंप्स में भी खाने-पीने की चीज़ें खत्म होती नज़र आ रही हैं, आमदनी खत्म होने की वजह से यहां के परिवारों के पास एक ही चारा बचा है कि वो अपने घर की बच्चियों को सौदागरों के हाथ बेचकर रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं। ज़ाहिर है कि उन्हें ऐसा करना अच्छा नहीं लगता, लेकिन अब और कोई रास्ता भी इनके सामने बाकी नहीं बचा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में एक पिता ने अपनी 9 साल की बच्ची को बतौर दुल्हन एक 55 साल के शख्स के हाथों सौंप दिया।

एक रिपोर्ट के मुताबिक 9 साल की बच्ची के पिता ने उसे एक 55 साल के अधेड़ शख्स के हाथों बेच दिया, बच्ची परिवार को छोड़कर जाना नहीं चाहती थी लेकिन उसे खींचकर ले जाया गया क्योंकि वो बिक चुकी थी। बच्ची के पिता ने बातचीत करते हुए बताया कि उनके लिए ऐसा करना आसान नहीं था, लेकिन बाकी के परिवार का पेट पालने के लिए उन्हें ये भी करना पड़ा। अब उन्हें डर इस बात का है कि बेटी का सौदागर उसकी पिटाई न करे, 8 लोगों के परिवार में से एक बच्ची के बिकने के बाद उनका पेट कुछ महीने ही इस पैसे से भर पाएगा, लेकिन बच्ची की पूरी ज़िंदगी बर्बाद हो गई।

रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के मानवाधिकार संगठन इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जितना ये संकट बढ़ेगा, उतनी ही छोटी बच्चियों की सौदेबाज़ी भी बढ़ती जाएगी। ये अकेला केस नहीं है, इससे पहले एक बूढ़ी औरत को भी अपनी 2 पोतियों का सौदा इसलिए करना पड़ा, ताकि बाकी लोगों को कुछ दिन का राशन मिल सके।

इतना ही नहीं एक पिता ने अपनी 6 महीने की बेटी का सौदा कुछ महीनों के राशन के पैसों के लिए कर दिया था। इस सौदे के मुताबिक बच्ची जैसे ही चलने लगेगी, खरीदार उसे अपने साथ ले जाएगा। इन परिस्थितियों से ही अफगानिस्तान के दर्दनाक मानवीय संकट को समझा जा सकता है, खुद यूनाइटेड नेशंस भी इन बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता में है।

    follow google newsfollow whatsapp