बॉलीवुड में जब भी खूबसूरत और हिट हीरोइनों की बात की जाती है, तब दिव्या भारती का नाम जरूर याद आता है। दिव्या भारती ने कई हिट फिल्में दी थीं। कहा जाता है कि दिव्या भारती किस्मत की बहुत धनी थीं, इसी वजह से वे जो भी फिल्म साइन करती थीं, वो जरूर हिट होती थी। दिव्या ने जितनी कम उम्र में जबरदस्त सफलता पाई, उसे पाने के लिए बॉलीवुड में कईयों का पूरा कॅरियर निकल जाता है।
मौत से पहले दिव्या भारती ने क्यों बदला था अपना नाम?
divya bharti death mystery
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02 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)
दिव्या अपने फिल्मी कॅरियर को लेकर जितनी चर्चा में रहीं, उतना ही उनका अफेयर भी सुर्खियों में रहा। महज 16 साल की उम्र में साजिद नाडियाडवाला से दिव्या भारती की पहली मुलाकात हुई थी। 1990 में जब फिल्मसिटी में गोविंदा और दिव्या फिल्म ‘शोला और शबनम’ की शूटिंग कर रहे थे, तब साजिद अपने दोस्त गोविंदा से मिलने सेट पर गए थे। गोविंदा ने ही दोनों को पहली बार मिलवाया था। फिर रोजाना साजिद सेट पर आने लगे और इनका प्यार परवान चढ़ा।
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एक इंटरव्यू में साजिद ने बताया था कि 15 जनवरी 1992 को दिव्या ने शादी करने की मांग की। इसके अगले ही दिन वे अपना नाम दूसरे को-स्टार से जोड़े जाने पर बेहद परेशान थीं। इन सभी अफवाहों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वो शादी करना चाहती थीं। जब दोनों ने शादी का फैसला किया, तब दिव्या भारती न सिर्फ एक स्टैबलिश हीरोइन थीं, बल्कि बॉलीवुड में पूरी तरह अपने पैर जमा चुकी थीं। वहीं, उस समय साजिद नाडियाडवाला ने अपने कॅरियर की शुरुआत ही की थी।
20 मई, 1992 को हेयर ड्रेसर संध्या और उनके पति की मौजूदगी में दिव्या-साजिद की शादी हुई थी। दिव्या ने इस्लाम कबूला और अपना नाम बदलकर ‘सना नाडियाडवाला’ रखा। साजिद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि हमने शादी की बात छिपाए रखी, क्योंकि दिव्या का कॅरियर दांव पर लगा था। ये बात बाहर निकलती, तो प्रोड्यूसर डर जाते। दिव्या हमेशा से अपनी शादी की बात सबको बताना चाहती थीं, लेकिन मैंने उन्हें बार-बार मना किया।
शादी के चंद महीनों बाद ही 5 अप्रैल 1993 को महज 19 साल की उम्र में दिव्या ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। आशंका जताई गई कि उन्होंने छत से कूदकर अपनी जान दे दी, लेकिन कई लोग इसे आत्महत्या की जगह हत्या मानते हैं। उनकी मौत ने फिल्म इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया था। दिव्या की मौत न सिर्फ बॉलीवुड, बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बनी रही। आज भी उनकी मौत लोगों के लिए एक पहेली है।
कई सालों तक तहकीकात करने के बावजूद पुलिस नजीते पर नहीं पहुंच पाई और 1998 में ये केस बंद कर दिया गया। लेकिन क्या हुआ था उस रात, कैसे हुई दिव्या की मौत और चंद घंटों पहले तक क्यों इतनी खुश थी दिव्या? अपनी मौत वाले दिन ही दिव्या ने मुंबई में ही अपने लिए नया 4 बीएचके का घर खरीदा था और डील फाइनल की थी। दिव्या ने ये खुशखबरी अपने भाई कुणाल को भी दी थी। दिव्या उसी दिन शूटिंग खत्म कर के चेन्नई से लौटी थीं। उनके पैर में भी चोट थी।
रात के करीब 10 बजे होंगे जब मुंबई के पश्चिम अंधेरी, वरसोवा के तुलसी अपार्टमेंट के पांचवीं फ्लोर पर उनके घर में उनकी दोस्त और डिजाइनर नीता लुल्ला अपने पति के साथ उनसे मिलने आई हुई थीं। तीनो लिविंग रूम में बैठे बातों में मस्त थे, साथ ही दिव्या की नौकरानी अमृता भी बातचीत में हिस्सा ले रही थी। किसे पता था इसके चंद मिनटों बाद ऐसा हादसा हो जाएगा?
रात के करीब 11 बज रहे थे। अमृता किचन में कुछ काम करने गईं, नीता अपने पति के साथ टीवी देखने में व्यस्त थीं। इसी वक्त दिव्या कमरे की खिड़की की तरफ गईं और वहीं से तेज आवाज में अपनी नौकरानी से बातें कर रही थीं। दिव्या के लिविंग रूम में कोई बालकनी नहीं थी लेकिन इकलौती ऐसी खिड़की थी जिसमें ग्रिल नहीं थी। उसी खिड़की के नीचे पार्किंग की जगह थी जहां अकसर खई गाड़ियां खड़ी रहती थीं।
उसी दिन वहां कोई गाड़ी नहीं खड़ी थी। खिड़की पर खड़ी दिव्या ने मुड़ कर सही से खड़े होने की कोशिश कर रही थीं कि तभी उनका पैर फिसल गया। दिव्या सीधे नीचे जमीन पर जाकर गिरीं। पांचवीं फ्लोर से गिरने की वजह से दिव्या पूरी तरह खून में लतपत थीं। उन्हें फौरन ही कूपर अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अफसोस कि तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल के एमर्जेंसी वार्ड में दिव्या ने दम तोड़ दिया।
पांच साल तक इंवेस्टीगेशन करने के बावजूद पुलिस को कोई ठोस वजह नहीं पता चली। नतीजतन, पुलिस ने रिपोर्ट में नशे में बालकनी से गिरने को ही कारण बताया। ये गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पाई है कि दिव्या की मौत हत्या थी या आत्महत्या। अगर वे दुखी थीं तो अपने लिए घर क्यों खरीदा? क्या वाकई उनके पति की कोई साजिश थी? जो भी हो, दिव्या सबके दिलों में आज भी बसती हैं।
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