जब क्रिकेट की पिच पर विकेट नहीं खिलाड़ी गिरने लगे! खून-खून हो गई पिच

deadliest cricket series of world cricket history

CrimeTak

12 Nov 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:09 PM)

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90 साल पहले इंग्लिश टीम का एक सनकी कप्तान को जीत चाहिए थी, किसी भी कीमत पर, किसी भी तरह औऱ इसके लिए वो अपने साथ लाया था एक ऐसी तोप जो 22 गज की पिच पर आग उगल रहा था। नाम था हैरोल्ड लारवुड, लारवुड में अपने एक बयान में कहा था कि सही और गलत मुझे पता नहीं लेकिन मैदान पर गिरती खून की बूंदें बहुत अच्छी लगती हैं।

द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सेना ने अपने दुश्मनों को पस्त करने के लिए एक v-2 नाम के रॉकेट का इस्तेमाल किया। इस रॉकेट का कोड नेम था बॉडीलाइन और यही कोड नेम इंग्लैंड ने एक बार फिर इस्तेमाल किया ऑस्ट्रेलिया में फर्क बस इतना था कि इस बार इंग्लैंड के दुश्मन क्रिकेट की पिच पर थे, लेकिन इंग्लैंड का मक़सद नहीं बदला था। दुश्मन पर इस तरह हमला करो कि वो पस्त हो जाए और खुद ब खुद हथियार डाल दे।

इंग्लैंड में इस सीरीज़ पर जाने से पहले बॉडीलाइन गेंदबाज़ी पर काफी चर्चा हुई, ज़्यादातर लोग क्रिकेट को कलंकित करने वाले इस हथियार के हिमायती नहीं थे लेकिन फिर भी इसे इस सीरीज़ में आज़माने का फैसला किया गया। क्योंकि इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया से खतरा नहीं था बल्कि इंग्लिश कप्तान को खौफ था तो उस खिलाड़ी का जिसे रफ्तार डराती नहीं थी और न फिरकी गेंदे चकमा दे सकती थी।

साल 1930 में ऑस्ट्रेलिया में मिली हार और इस हार की सबसे बड़ी डॉन ब्रैडमैन से इंग्लैंड का कप्तान डगलस जार्डीन बदले की आग में जल रहा था, उसका लक्ष्य था किसी भी हाल में एशेज का कलश वापस हासिल करना। इसी वजह से कप्तान जार्डीन ने इजात की ये क्रूर गेंदबाज़ी, दुनिया जिसे बॉडीलाइन के नाम से जानती है।

कप्तान जार्डिन ने अपने दो अहम गेंदबाज़ हेरॉल्ड लारवुड और जॉर्ज एलेन को बुलाकर सिर्फ इतना कहा कि तुम्हारी गेंदों का निशाना स्टम्प नहीं बल्कि सिर्फ आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों का शरीर होगा। जार्डिन की रणनीति थी बल्लेबाज़ों को इतना डराओ की वो रन ना बनाने के बजाए खुद ब खुद डर के मारे आउट हो जाएं और हुआ भी यही एडिलेड के मुकाबले में जार्डिन के गेंदबाजों ने इसी रणनीति के तहत गेंदबाजी की और बल्लेबाजों के सिर को निशाना बनाते हुए शार्ट पिच बाउंसर गेंदों की कुछ ऐसी बौछार की कि ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज भी उसके खिलाफ नाकाम हो गए।

आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ बर्ट का सिर फोड़नेवाले लारवुड ने एडिलेड टेस्ट में सात विकेट चटकाए थे और इंग्लैंड ने ये मुकाबला 338 रन से जीता था और सीरीज पर 4-1 से कब्जा जमाया। टेस्ट करियर में 99.99 का औसत बरकरार रखने वाले ब्रैडमैन ने इस सीरीज़ में करियर के सबसे कम औसत से रन बनाए, लेकिन इसके बावजूद लेकिन इस सीरीज में भी ब्रैडमैन ने एक शतक और तीन अर्धशतक समेत 396 रन बनाए।दर्शक हैरान थे और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ परेशान। लेग स्टंप पर आग उगलती शार्ट पिच गेंदों ने बल्लेबाज़ों का कचूमर निकाल दिया लेकिन इंग्लिश गेंदबाज़ों की बॉडीलाइन गेंदबाज़ी का असली कहर एडिलेड में तीसरे टेस्ट में देखने को मिला।

लारवुड के दूसरे ओवर की आखिरी गेंद टप्पा खाते हुए उठी और सीधे वुडफुल के सीने में जा लगी, वुडफुल घायल होकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें स्ट्रैचर पर उठाकर मैदान से बाहर ले जाया गया, इसके बाद बर्ट ओल्डफील्ड को फेंकी गई एक शार्ट गेंद बैट को छूते हुए सीधे उसके माथे पर लगी। ओल्डफील्ड अपना माथा पकडकर जमीन पर गिर पड़े, उसका पूरा चेहरा खून से लथपथ हो गया। जार्डिन इसके बाद भी नहीं रुके, उसने अपने गेंदबाजों से कहा बल्लेबाज़ों के शरीर पर बॉडीलाइन गेंदों से हमला करते रहो। दोनों देशों के लोगों और क्रिकेट बोर्ड में इतना तनाव हो गया कि सीरीज रद्द होने की नौबत आ गई, बात इतनी बढ़ी की दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच चर्चा का विषय बन गया।

नौबत ये आ गई कि ऑस्‍ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अगले टेस्ट में अपने शरीर के बचाव के लिए कार्कयुक्त कपड़े पहनकर उतरे, इस टेस्ट में फिर लारवुड अपनी बॉडीलाइन गेंदों से कहर बरपाते रहे। पूरे मैच में लारवुड को सात विकेट मिले, जिसमें दोनों पारियों में ब्रेडमैन का विकेट भी शामिल था। इंग्लैंड सीरीज़ तो जीत गया लेकिन उसने क्रिकेट के इतिहास में एक खूनी धब्बा भी लगा दिया, जो 90 साल बाद भी लाल है।

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