74 साल से देश की इस राष्ट्रीय पार्टी ने नहीं फहराया तिरंगा

CPM to hoist Tricolour after 74 years

CrimeTak

09 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)

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समझ लीजिए कि जब से देश आजाद हुआ है तब से इस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पार्टी दफ्तरों पर झंडा नहीं फहराते हैं। सुनकर ही अजीब लगता है कि एक पार्टी जो कई साल तक देश के एक राज्य में सत्ता में रही और अब भी एक राज्य में सत्ता में है वो देश की आजादी को झूठा मानती है।

उनकी नजर में ये आजादी झूठी है और वो इस झूठी आजादी के जश्न को नहीं मना सकते। जबकि इसी पार्टी के नेता भारत देश के लोगों के पैसों से ना केवल सरकार चला रहे हैं बलकि तमाम ऐशोआराम का आनंद भी ले रहे हैं।

हालांकि 74 साल बाद इस पार्टी को एहसास हुआ है कि भारत देश मे रहना है तो तिरंगे को सलाम करना ही होगा उसकी इज्जत और एतराम करना होगा। यही वजह है कि देश की राष्ट्रीय पार्टी CPM ने ये फैसला किया है कि 74 साल बाद देश की आजादी के 75वें जश्न पर वो अपने मुख्यालय और देश में बने तमाम पार्टी ऑफिसों पर भी झंडा रोहण का कार्यक्रम रखेंगे।

1948 में संयुक्त सीपीएम पार्टी के मुखिया बीटी रानडिवे ने, “ये आजादी झूठी है ” का नारा दिया था। तब से 74 साल गुजर गए लेकिन पार्टी ने अपने किसी दफ्तर पर तिरंगा नहीं फहराया। अब तीन दिन की सेंट्रल कमेटी की वर्चुअल मीटिंग के बाद तय किया गया है कि पार्टी अब दूसरी राजनैतिक पार्टियों की तरह झंडा फहराना शुरु करेगी।

पार्टी के नेताओं के मुताबिक लेफ्ट पार्टियों का देश की आजादी में पूरा योगदान रहा है लेकिन वो इस आजादी को इस वजह से झूठी मानते थे क्योंकि उनकी विचारधारा के मुताबिक जब तक देश में अमीर-गरीब का अंतर खत्म नहीं होगा तब तक इस आजादी के मायने झूठे ही हैं।

CPM पार्टी से जुड़ी कई ऐसी संस्थाएं हैं जो तिरंगा फहराती हैं। पार्टी की यूथ विंग DYFI ने कुछ साल पहले से स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना शुरु किया है ताकि वो अपनी देशभक्ति का जज्बा सब को दिखा पाएं।

CPM के सबसे कामयाब मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता ज्योति बासू ने भी 1964 में ये आजादी झूठी है के नारे का समर्थन किया था और स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने से इंकार कर दिया था।

अब 74 साल बाद जिस तरह से CPM का बंगाल में सफाया हुआ है। उत्तर-पूर्व के भी कई राज्य उनके हाथ से निकल गए हैं उसकी वजह से CPM ने अपनी विचारधारा को बदलने की पहल की है। केवल केरल ही ऐसा राज्य हैं जहां पर CPM पार्टी सत्ता में है। अपनी जमीन खिसकता देख अब CPM के नेता खुद को बदल रहे हैं।

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