इस वजह से दुनियाभर में CIA जासूसों के हो रहे हैं क़त्ल, दुनिया की ये हैं टॉप-3 खुफिया एजेंसियां, जानें

दुनिया भर में CIA जासूसों की हत्या क्यों हो रही हैं, आई ये चौंकाने वाली रिपोर्ट Spy CIA news read latest crime news (क्राइम न्यूज़ इन हिंदी) in hindi on crime tak website

CrimeTak

05 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)

follow google news

CIA News : अमेरिका की सीआईए (CIA) दुनिया की टॉप खुफिया एजेंसियों में से एक है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आजकल सीआईए में हडकंप मचा हुआ है. दरअसल,अमेरिका के काउंटर इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने खुफिया एजेंसी सीआईए को हिला देने वाली बात कही है. अधिकारियों की मानें तो सीआईए ने सीक्रेट जानकारी जुटाने के लिए जिन जासूसों को दुनियाभर में लगाया था उनकी या तो मौत हो रही है या फिर वो पकड़े जा रहे हैं.

ख़बर है कि अमेरिका के दुश्मन देश सीआईए के जासूसों और उनकी मदद करने वालों की हत्या कर रहे हैं. ख़बर तो ये भी है कि सीआईए के कुछ जासूस डबल एजेंट बनकर अब अमेरिका के खिलाफ काम कर रहे हैं.

ऐसे निशाने पर आ रहे हैं CIA एजेंट

Spy News : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीआईए की कुछ गोपनीय दस्तावेज दुश्मन देश की खुफिया एजेंसियों के हाथ लग चुके हैं. उसी वजह से ये घटनाएं हो रहीं हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियां बॉयोमीट्रिक सिस्टम, फेशियल स्कैनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और साइबर हैकिंग के जरिए सीआईए एजेंट की डिटेल पर नजर रख रहे हैं.

दरअसल, किसी एजेंट को उसके हुलिये के अनुसार पहचान पाना मुश्किल है. लेकिन जब उसके बॉयोमीट्रिक और फेशियल आइडेंटिटी लीक हो जाए, तो फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए पहचान करना आसान हो जाता है.

यही वजह है कि विदेशी एजेंसियां दुनिया की सबसे ताक़तवर खुफिया एजेंसी CIA एजेंट की ना सिर्फ पहचान कर पा रहीं हैं बल्कि उनका क़त्ल भी कर रही हैं. यही वजह है कि सीआईए ने दुश्मन देशों से अपने एजेंटों को वापस भी बुला रहे हैं.

दुनिया की टॉप-3 खुफिया एजेंसियां

सीआईए (CIA) : सीआईए अमेरिका की खुफिया एजेंसी है. 1947 में राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन (Harry S Truman) की अगुवाई में सीआईए को बनाया गया था. एजेंसी का सबसे जरूरी काम देश को आतंकी खतरे से बचाना है. साथ ही ये पता लगाना भी है कि दूसरे देशों में क्या विकास हो रहे हैं.

विकास के नाम पर कोई बड़े हथियार तो बना नहीं रहा है. 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक, इसका वार्षिक बजट 15 बिलियन डॉलर है. ये जासूसी एजेंसी इस बात का भी पता लगाती है. यही वजह है कि दुनिया के देश इनके एजेंट पर नजर बनाए हुए हैं.

मोसाद (MOSSAD) : मोसाद इज़राइल की खुफिया एजेंसी है. मोसाद का गठन 1949 में हुआ था. जासूसी के अलावा मोसाद द्वारा विदेशों में आतंकवाद विरोधी और गुप्त अभियान भी किए गए हैं.

सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (CIA) : साल 1909 में ही ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस बनाई गई थी. लेकिन इसे आधिकारिक रूप से 1994 में स्वीकारा गया. द्वितीय विश्व युद्ध, शीत युद्ध और अन्य क्षेत्रीय विवाद में एजेंसी का बड़ा हाथ रहा है.

मोसाद का ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड

mossad operation wrath of god : 5 सितंबर 1972 को जर्मनी के म्यूनिख शहर में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था जिसमें खिलाड़ियों की तरह ट्रैक सूट पहने 8 अजनबी ओलंपिक विलेज में घुस गए थे. उन्होनें इजरायली खिलाड़ियों को अगवा कर लिया था. वो 8 अजनबी पीएलओ यानी फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े थे.

इसका बदला लेने के लिए मोसाद ने सीरिया और लेबनान में मौजूद फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के 10 ठिकानों पर बमबारी की और करीब 200 आतंकियों और आम नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने दुनिया के अलग-अलग देशों में फैले उन सभी लोगों को जान से मारा, जिनका इस आतंकी हमले से संबंध था.

INPUT : NAVEEN KAUSHIK

    follow google newsfollow whatsapp