तिब्बती लोगों (Tibetan People) के लिए ड्रैगन का नया तालिबानी फरमान आया है, और वो ये है कि तिब्बत के हर घर से एक ना एक इंसान का चीनी सेना में शामिल होना जरूरी है। जो खुद को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना कहते हैं उनकी हकीकत ये है कि उन्हें सैनिक नहीं मिल रहे हैं और तो और वो लोगों को जबरन सेना का हिस्सा बना रहे हैं, बगैर इस बात की परवाह किए कि उनके मन में चीन के लिए कोई सम्मान नहीं।
तिब्बत में फिर ड्रैगन का कहर, तिब्बती लोगों को जबरन सेना में शामिल कर रही है PLA
तिब्बत के लोगो पर ड्रैगन का कहर जारी, मज़बूत सेना तैयार करने के अपने मक़सद को पूरा करने के लिए जबरन लोगो को सेना में भर्ती कर रहा है PLA, Read all crime news in Hindi, criminal cases on Crime Tak.
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22 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
आखिर क्या है पूरा मामला?
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चीन दुनिया की सबसे मज़बूत सेना तैयार करने के अपने मक़सद को पूरा करने के लिए जबरदस्ती पर उतर आया है और तिब्बत के लोगों को जबरन सेना में भर्ती कर रहा है, तिब्बत के इलाके में रहने वाले लोगों के हर घर से 18 से 40 साल तक के उम्र के एक व्यक्ति को चीनी मिलिशिया में शामिल होना ज़रूरी कर दिया गया है। हालांकि 18 साल के उम्र के बाद चीन के हर युवा को अपना रजिस्ट्रेशन मिलेट्री सर्विसिज के लिए करना होता है, लेकिन फौज में शामिल होना अब जरूरी नहीं। अब चीन ने फिर से सेना में शामिल होना अनिवार्य कर दिया है, ये अनिवार्यता चीनी नागरिकों के लिए नहीं बल्कि तिब्बत के लोगों पर जबरन थोपी जा रही है।
क्या है ड्रैगन का सीक्रेट प्लान?
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल डोकलाम के पास चुंबी वैली में बड़ी भर्ती का काम जारी है, इसी साल अगस्त से भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। कुल 400 युवाओं को भर्ती करने की योजना पर काम हो रहा है, इस भर्ती के बाद सभी युवाओं को एक साल के लिए ल्हासा के पास ट्रेनिंग दी जाएगी। जिन्हें बाद में भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात किया जाएगा। इससे पहले के भर्ती अभियान में 100-100 लोगों के दो बैच तैयार किए थे। बताया जा रहा है कि इन्हें ट्रेनिंग के बाद तैनात किया जा चुका है, इनका इस्तेमाल वो ह्यूमन इंटेलीजेंस इकट्ठा करने के लिए करने वाला है, इनकी तैनाती उन बॉर्डर इलाकों में होगी जहां से व्यापार होता है।
तिब्बतियों को सेना में क्यों शामिल कर रहा है ड्रैगन?
चीन ने बाकायदा स्पेशल तिब्बत आर्मी यूनिट तैयार की है और इसका नाम रखा गया है मिमांग चेटोन, तिब्बती भाषा में इसका मतलब है आम लोगों के लिए। सूत्रों की मानें तो जिन बैच की ट्रेनिंग पूरी भी हो चुकी है उन्हें चुंबी वैली के युतुंग, चीमा, रिनचेंगंग, पीबी थांग और फारी में तैनात किया गया है। दरअसल ये युवा तिब्बत की विषम परिस्थितियों में चीनी सेना से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं। चीनी सेना तिब्बत के पठार में ज्यादा दिन तक टिक नहीं सकती, पैंगॉन्ग के दक्षिण छोर पर भारतीय स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के कब्जे के बाद से ही चीन ने तिब्बतियों की मिलिशिया फोर्स तैयार करने में तेजी लाई है। भारतीय स्पेशल फ्रंटियर फोर्स में तिब्बत के युवा भी शामिल हैं, इससे पहले पूर्वी लद्दाख के दूसरी ओर नागरी से भी इसी साल जुलाई ऐसी ही भर्ती की गई है।
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