CDS General Bipin Rawat Funeral: सीडीएस बिपिन रावत समेत तमिलनाडु हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों को आज अंतिम विदाई दी जा रही है. जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्क्वायर ले जाया जा रहा है. यहां करीब शाम 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्हें 17 तोपों की सलामी दी जाएगी. इस दौरान 800 जवान यहां मौजूद रहेंगे
जानें कैसे होता है सेना के जवान का अंतिम संस्कार, तिरंगे को लेकर है ये खास नियम...
CDS जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) का हुआ अंतिम संस्कार, जानें कैसे होता है सेना के जवान का अंतिम संस्कार, तिरंगे को लेकर है ये खास नियम, Read more crime news in Hindi on CrimeTak.in
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13 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:11 PM)
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भारतीय सेना का हर एक जवान या ऑफिसर हमेशा देश की सुरक्षा के लिए तैनात रहता है और कई बार इस सुरक्षा में वो अपने प्राण भी न्यौछावर कर देते हैं. देश के लिए दिए गए अपने बलिदान के बाद उनकी अंतिम विदाई भी खास तरीके से की जाती है और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है. ऐसे में जानते हैं कि उनके अंतिम संस्कार के दौरान किस तरह की प्रक्रिया से गुजरना होता है…
अंतिम विदाई के नियम प्रक्रिया क्या है?
जब कोई जवान शहीद होता है तो उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है. सबसे पहले शहीद का पार्थिव शरीर उनके स्थानीय आवास पर भेजी जाती है और साथ में सेना के जवान भी होते हैं. राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि के दौरान पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है. गौरतलब है कि भारतीय झंडा संहिता 2002 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज को सिर्फ सैनिकों या राजकीय सम्मान के वक्त शव को लपेटने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
राष्ट्रीय ध्वज का क्या होता है?
साथ ही कभी भी झंडे को कब्र में दफनाया या चिता में जलाया नहीं जाता है. अंतिम संस्कार से पहले ही यह झंडा शहीद के घरवालों को दे दिया जाता है. इस झंडे को समेटने का भी खास तरीका होता है, जिसमें झंडे का अशोक चक्र सबसे ऊपर होता है.
होती हैं कई तरह की रस्में?
अंतिम संस्कार के दौरान मिलिट्री बैंड की ओर से ‘शोक संगीत’ बजाया जाता है और इसके बाद बंदूकों की सलामी दी जाती है. बंदूकों की सलामी का भी एक एक खास तरीका होता है और जिसमें बंदूक खास तरीके से बंदूक झुकाई और उठाई जाती है.
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