क्रीमिया ब्रिज पर हमला इसलिए पुतिन के लिए बन गया नाक का सवाल, सच जानकर हो जाएंगे हैरान

Russia Ukraine War: रूस -यूक्रेन की जंग एक बार फिर दुनिया के लिए खतरनाक हो गई क्योंकि यूक्रेन ने पुतिन की दुखती रग यानी उस क्रीमिया पुल पर हमला किया जिसे रूसी राष्ट्रपति अपनी शान का निशान मानते हैं।

CrimeTak

11 Oct 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:28 PM)

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Russia Ukraine War: असल में यहां जिस पुल की बात बताने जा रहे हैं वो बताना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि यही वो पुल है जिसकी वजह से दुनिया (World) एक बार फिर रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग (War) के खतरनाक मोड़ तक जा पहुँची है। दरअसल बात हो रही है उस क्रीमिया ब्रिज (Crimea Bridge) की जिस पर हुए हमले के बाद से ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Putin) बुरी तरह से बौखलाए हैं...क्योंकि ये उनकी सत्ता और शान को सीधी चुनौती (Challange) भी है।

इस पुल को तैयार करने में रूस ने पूरे तीन खरब रुपये खर्च किए थे, तीन खरब, ये रकम इतनी ज़्यादा है कि अगर नोट की शक्ल में हमारे सामने आ जाए तो शायद इसे गिनने में कई हफ्ते लग जाएं...मशीन भी इस रकम के नोटों को गिनने में एक हफ्ते से ज़्यादा का वक़्त लग सकता है। अब ये तीन खरब की रकम और उसके नोटों का ज़िक्र हमने क्यों किया..तो ये क़िस्सा बेहद जड़ीला और जंगीला है...

तीन रोज पहले शनिवार को इसी क्रीमिया ब्रिज पर भयानक धमाका हुआ था। और वो भी उस वक़्त जब उस पुल के ऊपर से कई वाहन गुज़र रहे थे। कर्च की खाड़ी में बना ये पुल क़रीब 19 किलोमीटर लंबा है। जो पूरे यूरोप का सबसे लंबा पुल भी माना जाता है। समंदर के खारे पानी के ऊपर बना ये पुल रूसी इंजीनियरिंग के शानदार नमूना भी माना जाता है।

Russia Ukraine War: पुतिन ने 2016 में इस पुल को बनाने के लिए हरी झंडी दी थी। और उससे पहले रूस यूक्रेन के हिस्से कहे जाने वाले क्रीमिया पर कब्ज़ा कर चुका था। ऐसे में रूस को उसे अपने मेनलैंड से जोड़ने के लिए खाड़ी के ऊपर पुल की जरूरत महसूस हुई थी। इस पुल को बनाने में पुतिन ने रूस का खजाना खोल दिया था। ये पुल पुतिन के लिए कितना अहम है कि इसके बनाने की ज़िम्मेदारी किसी भी दूसरी कंपनी को देने के बजाए अपने बचपन के दोस्त और जूडो के साथी की निर्माण कंपनी को दी थी। करीब दो साल तक दिन रात हज़ारों मज़दूरों ने मिलकर इस बेहद आलीशान और बड़े पुल को तैयार किया था जिसका उद्घाटन करने के लिए खुद पुतिन ने पुल पर ट्रक चलाया था।

इस पुल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस पर कार और ट्रक वगैराह के लिए सड़क तो है ही साथ ही इस पुल से रेल को भी चलाने का बंदोबस्त है। यानी इस पुल पर एक ही वक़्त में ट्रक और ट्रेन दोनों चलते हैं। पुल के ऊपरी हिस्से में सड़क बनाई गई है जबकि पुल के पिलरों के बीच से होकर ट्रेन का ट्रैक गुज़रता है।

Russia Ukraine War: यही मायनों में कहा जाए तो ये पुल महज एक पुल नहीं बल्कि रूस के कारोबार की एक जीवन रेखा भी है। और 24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग की शुरूआत की तो उसके लिए ये पुल बहुत अहम साबित हुआ क्योंकि इसी पुल के जरिए रूसी सेना को यूक्रेन के दक्षिण पूर्वी इलाक़ों खासतौर पर खेरासन और जेपोरीज़िया तक पहुँचना आसान हो सका।

इस पुल की अहमियत का अंदाजा इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि इसी पुल के बेहद क़रीब सेवस्तोपोल में ही रूस की नेवल सेना के एक बेड़े  यानी ब्लैक सी फ्लीट का बेस भी वहीं है। जाहिर है कि क्रीमिया पुल पर हमला रूस की सेना पर सीधा हमला माना गया तभी तो पुतिन ने बड़ी ही बेरहमी से इस पुल पर हुए हमले का बदला लेने के लिए एक ही दिन में यूक्रेन की राजधानी कीव से लेकर पोलैंड के नजदीक बसे शहर लवीव तक 84 मिसाइलों की बरसात कर दी।

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