Pakistan News: पाकिस्तान में इस वॉट्सऐप मैसेज की वजह से 26 साल की लड़की को दी जा रही है फांसी की सजा

वॉट्सऐप (WhatsApp) पर इस्लाम के खिलाफ मैसेज करने पर इस लड़की को पाकिस्तान में दी गई फांसी की सजा, Read more Cyber crime news (साइबर क्राइम), Crime News Hindi, वायरल वीडियो and more on CrimeTak.in

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20 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

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Pakistan Crime News : पाकिस्तान में वॉट्सऐप पर भी इस्लाम के खिलाफ कोई मैसेज करने पर फांसी की सजा मिल सकती है. ऐसा ही हुआ पाकिस्तान की एक लड़की के साथ. यहां की 26 वर्षीय लड़की को पाकिस्तानी अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.

आरोप है कि लड़की ने अपने एक दोस्त को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजा था. वो मैसेज ईशनिंदा (blasphemous case) करने वाला था. यानी पैगंबर का अपमान करने वाला. इसलिए कोर्ट ने उसे मरते दम तक फांसी पर लटकाने और 50 हजार पाकिस्तानी रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है.

ये है पूरा मामला

ये आदेश पाकिस्तान के रावलपिंडी की गैरिसन सिटी कोर्ट ने दिया है. 19 जनवरी 2022 को कोर्ट ने अनिका अतीक (Anika Attique) को इस्लाम और पैगम्बर मोहम्मद के अपमान का दोषी करार दिया. इसके बाद उसे मौत की सजा सुनाई.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनिका अतीक की उम्र करीब 26 साल है. तीन साल पहले यानी साल 2019 में अनिका की मुलाकात ऑनलाइन दोस्त फारूक से हुई थी. दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई. लेकिन कुछ समय बाद दोनों में बात बिगड़ गई.

जिसके बाद नाराज होकर अनिका ने फारूक को वॉट्सऐप पर कुछ इस्लाम विरोध मैसेज कर दिया. रिपोर्ट में ये कहा जा रहा है कि फारूक ने उस मैसेज को डिलीट करने को कहा. लेकिन अनिका ने मना कर दिया.

इसके बाद फारूक ने इसकी शिकायत पाकिस्तान की संघीय जाँच एजेंसी (FIA) की साइबर क्राइम टीम से की. जिसके बाद जांच शुरू हुई. जांच में अनिका को दोषी पाया गया. फिर उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया.

अब अनिका को फांसी की सजा सुनाई गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की जेलों में लगभग 80 लोग ईशनिंदा के आरोप में बंद हैं. इनमें से 50 फीसदी से ज्यादा को आजीवन कारावास या मौत की सजा मिल चुकी है.

बता दें कि पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून को पूर्व सैनिक तानाशाह जियाउल हक ने लागू किया था. इस कानून को 1980 के दशक में बनाया गया था. ईशनिंदा का मतलब पैगम्बर यानी ख़ुदा की निंदा करने से है.

अभी हाल में ही 8 साल के एक बच्चे को भी ईशनिंदा करने पर पाकिस्तान में सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा सियालकोट शहर में एक कारखाने में प्रबंधक के रूप में काम करने वाले श्रीलंकाई नागरिक को ईशनिंदा का आरोप लगा भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

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