Delhi Nikki Murder Case: तीन फ्रिज जिसने पिछले 9 महीने में सर्द कर देनेवाली तीन लाशों की शक्ल में कत्ल की तीन सनसनीखेज कहानियां उगली हैं। पहली दो फ्रिज ने जब दो लाशें उगली तो कायदे से दोनों ही मामलों में कातिल को ये पता ही नहीं था कि कत्ल के बाद लाश को छुपाने का उसका ये तरीका कोई और चुरा रहा है। वजह ये थी कि जब फ्रिज से श्रद्धा की लाश की कहानी बाहर आई तब तारीख थी 14 नवंबर 2022। इसके बाद दूसरी बार जब फ्रिज का दरवाजा खुलने पर अंजन दास के कत्ल की कहानी सामने आई तब तारीख थी 28 नवंबर 2022। और अब तीसरी बार जब फ्रिज ने लाश उगली है तब वो तारीख थी 14 फरवरी 2023। यानी वैलेंटाइन डे। इस हिसाब से अगर देखें तो निक्की यादव के कातिल को पहली दो फ्रिज की कहानी अच्छी तरह मालूम थी।
Nikki Yadav Murder: श्रद्धा, अंजन और अब निक्की की हत्या का फ्रिज कनेक्शन, निक्की का कातिल भी लाश के टुकडे करनेवाला था?
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15 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)
Delhi Nikki Yadav Murder: 18 मई 2022 फ्रिज से निकली थी श्रद्धा की लाश, 30 मई 2022 को फ्रिज में कैद थी अंजन दास की लाश और अब 10 फरवरी 2023 अब इस फ्रिज ने उगली है निक्की यादव की लाश।
और यहीं ये सवाल उठता है कि क्या निक्की की लाश ठिकाने लगाने का आइडिया उसे श्रद्धा और अंजन दास केस से आया?? और क्या निक्की की कातिल भी मौका मिलते ही लाश को ठिकाने लगाने के लिए लाश के टुकडे करनेवाला था?? नौ महीने के अंदर अंदर तीन फ्रिज से बाहर आई ये तीन कहानियां दो सवाल पूछ रही हैं। पहला-- क्या क्राइम के आइडिया भी चुराए जाते हैं? और दूसरा-- जब पता है कि फ्रिज का दरवाजा खुलते ही कातिल पकड़ा जाएगा, ऐसे में कातिल वही गलती क्यों दोहराता है?
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बस कुछ चीजों को छोड दें तो फ्रिज से बाहर आई सबसे ताजा कहानी ठीक वैसी ही है जैसी आफताब और श्रद्धा की कहानी थी। आफताब और श्रद्धा की पहली मुलाकात 2019 में हुई थी। दोनो लिव इन में रहते थे। श्रद्धा आफताब से शादी करना चाहती थी। यहां इस नई कहानी में निक्की यादव और साहिल गहलोत की पहली मुलाकात 2018 में हुई। ये दोनों भी घरवालों से छुप कर लिव इन में रह रहे थे। यहां निक्की भी साहिल से शादी करना चाहती थी। लेकिन श्रद्धा और निक्की दोनों का ही अंजाम बंद फ्रिज निकला।
निक्की यादव का दिल्ली की बॉर्डर पर मौजूद झज्जर इलाके में इसका घर था। पिता सुनील यादव का गुरुग्राम में मोटर रिपेयर का कारोबार। 12वीं की पढाई के बाद निक्की घर से बाहर निकली। शुरू में निक्की डॉक्टर बनना चाहती थी। मेडिकल एंटैंस एग्जाम, नीट की तैयारी के लिए उसने उत्तमनगर में एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया। ठीक उसी वक्त दिल्ली के नजफगढ़ में रहनेवाला कारोबारी पिता का बेटा साहिल उत्तम नगर में ही एसएससी एग्जाम की तैायरी के लिए एक दूसरे कोचिंग सेंटर में पढाई कर रहा था। बस में आते-जाते निक्की और साहिल की मुलाकात हुई। मुलाकात दोस्ती में बद्ली। दोस्ती प्यार में। निक्की नीट क्लीयर नहीं कर पाई। उधर साहिल भी एसएससी एग्जाम पास नहीं कर पाया। लिहाजा साहिल अब गेटर नोएडा में गलगोटिया कॉलेज में दाखिल ले लेता है। अब वो फार्मा की पढाई कर रहा था। साहिल के पीछे-पीछे निक्की भी इसी कॉलेज में बीए इंग्लिश ऑनर्स में दाखिला ले लेती है। चूंकि दोनों का घर गेटर नोएडा से बहुत दूर था, लिहाजा दोनों गेटर नोएडा में किराये के एक मकान में लिव इन में रहना शुरू कर देते हैं। इसी बीच कोरोना दस्तक दे देता है। दोनों अपने अपने घर लौट आते हैं। कोरोना खत्म होने के बाद निक्की उत्तम नगर में बिंदापुर इलाके में किराये के घर में रहने लगती है। जबकि साहिल अब अपने घर में रह रहा था। लेकिन दोनों की रोजाना मुलाकात होती। अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था। मगर तभी साहिल का एक झूठ निक्की की दुनिया में तूफान ला देता है।
दरअसल, वैलेंटाइन डे करीब था। निक्की साहिल के साथ गोवा में वैलेंटाइन डे मनाना चाहती थी। उसने टिकट तक बुक कर रखा था। मगर इधर साहिल की जिंदगी और घर में एक नई कहानी जन्म ले चुकी थी। साहिल के घरवालों ने साहिल का रिश्ता कहीं और तय कर दिया था। नौ फरवरी को सगाई थी। और दस फरवरी को शादी। साहिल ने अपने घरवालों को निक्की के बारे में कभी कुछ बताया ही नहीं था। उधर साहिल ने भी अपनी मंगनी और शादी की बात निक्की से छुपाई हुई थी। साहिल के घर में शादी की तैयारियां जोरो-शोर से जारी थी। सगाई की तारीख आ चुकी थी। नौ फरवरी। इतेफाक से ठीक नौ फरवरी को ही निक्की को साहिल की सगाई और शादी का सच पता चल गया। वो इस धोखे से आगबबूला हो गई। उसने साहिल को फोन कर मिलने को कहा। वो चाहती थी कि साहिल उस रिश्ते को तोड कर उससे शादी कर ले। यही बात करने के लिए उसने 9 फरवरी को साहिल से मिलने को कहा।
नौ फरवरी की रात सगाई के बाद साहिल अपनी हुंडई वेरना कार में बिंदापुर निक्की से रात करीब 11 बजे मिलने पहुंचा। इतेफाक से निक्की की बहन भी कुछ वक्त से निक्की के साथ रह रही थी। बहन के सामने दोनों मिलते हैं। इसके बाद निक्की साहिल के साथ कार में बैठ कर निकल जाती है। ये कहते हुए कि वो टिप पर देहरादून मसूरी जा रही है। दरअसल निक्की को उम्मीद थी कि वो साहिल के साथ वैलेंटाइन मनाने गोवा चली जाएगी। मगर ऐसा होता नहीं है। कार में बैठते ही निक्की साहिल से लडने लगती है। वो उसे अगले दिन होनेवाली शादी तोड कर उससे शादी करने की जिद करने लगती है। हुँडई वेरना कार लगातार दिल्ली की सडक पर दौड रही थी। और कार के अंदर साहिल और निक्की झगड रहे थे। रात करीब 1 बजे कार आईएसबीटी के करीब कश्मीरी गेट पर थी। सडक पर सन्नाटा था। साहिल ने कार सडक किनारे रोक दी। दोनों में लडाई अब भी जारी थी। इसी बीच अचानक गुस्से में साहिल ने कार में लगे मोबाइल चार्जर के तार यानी डेटा केबल से निक्की का गला घोंटना शुरू कर दिया। थोडी ही देर में निक्की ने दम तोड दिया। इसके बाद पहली बार साहिल घबराता है। उसे समझ नहीं आता कि वो क्या करे।
लाश अब भी कार में थी। और साहिल कार को बदहवास दिल्ली की सडकों पर इधर उधर दौडाता फिर रहा था। इस दौरान एक बार भी किसी भी मोड या नाके पर किसी पुलिसवाले ने उसकी कार को नहीं रोका। ना रुकने का ईशारा किया। कार भगाते भगाते अचानक साहिल को ख्याल आया कि नजफगढ में उसके गांव मित्राऊ में उसका ढाबा बंद होगा। साहिल की शादी की वजह से ये ढाबा दो दिनों से बंद था। साहिल को लगा कि आज की रात निक्की की लाश ढाबे में ही छुपा दें। बाद में मौका मिलते ही लाश को कहीं और ठिकाने लगा देंगे। इसके बाद कश्मीरी गेट से मित्राऊ गांव की करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय कर वो ढाबा पहुंचा। कार से लाश निकाली और ढाबे में मौजूद इसी फ्रिज में निक्की की लाश ठूंस कर रख दी। ढाबा बंद होने की वजह से फ्रिज भी बंद था। लाश फ्रिज में रखने केबाद साहिल घर लौट गया। और उसी रात होनेवाली अपनी शादी की तैयारी में जुट गया।
दस फरवरी को यानी निक्की के कत्ल के 24 घंटे के अंदर-अंदर साहिल एक दूसरी लडकी के साथ सात फेरे ले रहा था। उधर कुछ दूरी पर निक्की एक फ्रिज में बंद थी। शादी के बाद साहिल अपनी नई दुल्हन को लेकर घर पहुंच चुका था। और उसके घर से सात सौ मीटर की दूरी पर इस फ्रिज में तब भी निक्की बंद थी। चौबीस घंटे बाद तारीख बदल जाती है। कैलेंडर अब 11 फरवरी दिखा रहा था। पिछले 24 घंटे से निक्की ने अपने घरवालों को फोन नहीं किया था। जो उसका रुटीन था। निक्की के पिता परेशान हो उठते हैं। क्योंकि ऐसा उसने पहले कभी नहीं किया था। वो निक्की की बहन से पूछते हैं। बहन बताती है कि बिंदापुर अपने घर पर नहीं है। निक्की की एक दोस्त जो साथ रहती थी वो भी बताती है कि निक्की घर नहीं आई है। बाद में निक्की की बहन अपने पिता को बताती है कि निक्की आखिरी बार साहिल नाम के अपने दोस्त के साथ गई थी। वो साहिल का नंबर भी पिता को देती है। तब पहली बार निक्की के पिता साहिल को फोन करते हैं। इस तरह तीन दिन तक साहिल निक्की के पिता को टालता रहा। चूंकि निक्की की बहन ने भी ये कह दिया था कि वो ट्रिप पर देहरादून और मसूरी गई है, लिहाजा घरवालों ने निक्की की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी नहीं लिखवाई। लेकिन तभी कहानी में एक नया ट्विस्ट आता है।
14 फरवरी को मित्राऊ गांव का एक शख्स इसी गांव में रहनेवाले दिल्ली पुलिस के एक अफसर को फोन करता है। वो गुमनाम शख्स साहिल और निक्की के रिश्तों को जानता था। उसे ये बात बडी अजीब लगी कि साहिल की शादी कहीं और हो गई। और उससे भी अजीब ये कि पिछले कुछ दिनों से उसे निक्की दिखाई नहीं दी। उसे साहिल के ढाबे में कुछ गतिविधियों को लेकर भी शक हुआ। इसी के बाद पुलिस की एक टीम साहिल के बंद पडे ढाबे में पहुंची। ढाबे की तलाशी ली। और इतेफाक से फ्रिज का दरवाजा खोल दिया। शायद श्रद्धा केस उन पुलिसवालों के जेहन में ताजा थी। फ्रिज का दरवाजा खुलते ही निक्की की लाश बाहर आ जाती है। इसी के बाद पुलिस साहिल तक पहुंचती है। फिर साहिल के जरिए नौ महीने के अंदर इस तीसरी फ्रिज से बाहर आई तीसरे कत्ल की पूरी कहानी सामने आ जाती है।
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